By दिनेश शुक्ल | Nov 19, 2020
भोपाल। स्व. कैलाश सारंग जी एक समर्पित कार्यकर्ता ही नहीं थे, बल्कि वे एक कुशल मार्गदर्शक थे। सर्व समावेशी और समन्वयकारी स्वभाव उनकी विशेषताएं थीं। स्व. सारंग जी बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। वे हमारे विचार की पहली पीढ़ी के प्रतिनिधि थे, जिसने अपने परिश्रम और स्नेह से कार्यकर्ताओं को तैयार किया, संगठन को सींचा। आज वे हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी स्मृतियां, उनके काम, उनसे मिले अनुभव हमारा मार्गदर्शन करते रहेंगे। ये उद्गार गुरुवार को पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने स्व. कैलाश सारंग जी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए व्यक्त किए।
अंतिम समय तक पार्टी को आगे बढ़ाने की चिंता करते रहे सारंग जीः विष्णुदत्त शर्मा
स्व. कैलाश सारंग जी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व सांसद श्री विष्णुदत्त शर्मा ने कहा कि मैं जब अस्पताल में उनसे मिलने गया, तो उस परिस्थिति में भी उनका यही कहना था कि मेरे लिये कोई काम हो तो बताइये अध्यक्ष जी। सारंग जी अंतिम समय तक पार्टी संगठन को आगे बढ़ाने की चिंता करते रहे। स्व. सारंग जी जैसे नेताओं ने ही अपने अपने परिश्रम, स्नेह और आशीर्वाद से पार्टी संगठन को सींचा, खड़ा किया और पूरे देश में एक आदर्श संगठन के रूप में उसकी पहचान बनाई है। शर्मा ने कहा कि सारंग जी हर तरह की कठिनाइयों के सामने खड़े रहे और बड़ी से बड़ी कठिनाई के समय भी कभी शिकायत नहीं की। शर्मा ने कहा कि अपने परिवार में एक राजनीतिक विचार को किस तरह से प्रस्फुटित किया जा सकता है, स्व. सारंग जी इसके आदर्श उदाहरण थे। शर्मा ने कहा कि स्व. सारंग जी जैसे लोगों की स्मृतियां और उनके काम पाथेय बनकर हमारे सामने रहेंगे। मैं मध्यप्रदेश भाजपा की ओर से स्व. सारंग जी को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं और हर कार्यकर्ता से ये आग्रह करता हूं कि उनके काम को आगे ले जाने का संकल्प लें।
हमारे विचार की पहली पीढ़ी के युग का अंत हो गयाः नरेंद्रसिंह तोमर
स्व. कैलाश सारंग जी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए केंद्रीय मंत्री नरेंद्रसिंह तोमर ने कहा कि यह मेरा सौभाग्य है कि मुझे उनके साथ काम करने का, उनसे सीखने और समझने का अवसर मिला। उनके जाने से हमारे विचार की पहली पीढ़ी के युग का अंत हो गया। तोमर ने कहा कि स्व. सारंग जी उन कुशल कार्यकर्ताओं की श्रृंखला के एक स्तंभ थे, जिसे स्व. कुशाभाऊ जी ने तैयार किया था। स्व. सारंग जी ने हर स्वरूप में अपनी प्रासंगिकता को सिद्ध किया और उनकी दृढ़ इच्छाशक्ति, समर्पण और खुद की आलोचना सुनने का माद्दा हर कार्यकर्ता के लिए अनुकरणीय हैं। तोमर ने कहा कि भविष्य में देखने की उनकी शक्ति अद्वितीय थी। स्व. सारंग जी की कार्यपद्धति, व्यक्तित्व, कृतित्व और जीवन हम सबका मार्ग प्रशस्त करते रहेंगे, यही विश्वास है।
कार्यकर्ताओं ने निरंतर संवाद रखते थे स्व. सारंग जीः थावरचंद गहलोत
केन्द्रीय मंत्री थावरचन्द गेहलोत ने स्व. कैलाश नारायण सारंग जी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि कैलाश सारंग जी से 1966-67 के समय से मेरा संपर्क रहा। वे निरंतर कार्यकर्ताओं से संवाद रखते थे। उनकी संगठनात्मक क्षमता अदभुत थी। जो उन्हें कार्यकर्ताओं से जोडे रखती थी। उनका स्नेह और आशीर्वाद मुझे लगातार मिलता रहा। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे और उनके परिजनों को दुख सहन करने की शक्ति दे।
आदर्श व्यक्तित्व के धनी थे स्व. सारंग जीः फग्गनसिंह कुलस्ते
केन्द्रीय मंत्री फग्गनसिंह कुलस्ते ने स्व. सारंग जी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि 1977 से आदरणीय सारंग जी से मेरा लगातार संपर्क रहा। वे आदर्श व्यक्तित्व के धनी व्यक्ति थे। कार्यकर्ताओं में उनकी लोकप्रियता थी और इसी कारण कार्यकर्ताओं के लिए वे हमेशा याद रहेंगे। आदरणीय सांरग जी लेखनी के धनी थे। राष्ट्रवाद के विचारों से ओतप्रोत उनकी लेखनी हुआ करती थी। उनका निधन पार्टी की बड़ी क्षति है।
पार्टी को आगे बढ़ाने में जी जान से लगे रहे सारंग जीः सुमित्रा महाजन
पूर्व लोकसभा अध्यक्ष श्रीमती सुमित्रा महाजन ने कहा कि यहां पर उपस्थित कई लोगों ने स्व. कैलाश नारायण सारंग से सीखा भी है और देखा भी है। 1975 में राजनीति में आने के बाद सारंग जी, पटवा जी, कुशाभाऊ जी के संपर्क में आयी। इन्होंने मुझे सिखाया कि राजनीति में कैसे बोलना है। उन्होंने कहा कि सारंग जी हमेशा हंसते रहते थे। उनके रहते भोपाल आने के बाद कहां रूकना है कहां खाना है इसकी कभी चिंता नहीं करनी पडी। श्रीमती महाजन ने कहा कि भाजपा में परिवारवाद नहीं है, बल्कि परिवारभाव है, जो भाजपा का मूलभाव है। स्व. सारंग जी इसके आदर्श उदाहरण थे। उन्होंने कहा कि स्व. सारंग जी हमेशा पार्टी को आगे बढाने के लिए जी जान से लगे रहे।
बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे स्व. सारंग जीः ज्योतिरादित्य सिंधिया
वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि स्व. सारंग जी के अनेक रूप थे। वे एक राजनेता होने के अलावा लेखक, पत्रकार, कवि और शायर भी थे। एक व्यक्ति में इतनी विशेषताओं का मिलना बहुत मुश्किल है। सिंधिया ने कहा कि आपातकाल के दौर में स्व. सारंग जी ने कई महीने जेल में बिताए। उनमें सिदधांतों के लिए जीवन तक समर्पित कर देने की दृढ़ इच्छाशक्ति और संकल्प शक्ति थी, जो हम सभी के लिए अनुकरणीय है। सिंधिया ने कहा कि स्व. सारंग जी ने हमें यह बताया कि बिना पद की लालसा के सेवाभाव को अपना धर्म किस तरह बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि आज हम सभी लोग उनके बताए पथ पर चलने का संकल्प लें, यही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
कार्यकर्ताओं से निरंतर संवाद करते थे सारंग जीः हेमंत मुक्तिबोध
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सह क्षेत्र कार्यवाह हेमंत मुक्तिबोध ने स्व. कैलाश सारंग जी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि व्यक्ति अनेक तत्वों से मिलकर बनता है। इसलिए धीरे धीरे वह व्यक्तित्व में रूपांतरित होता है। उस व्यक्तित्व का एक आभा मंडल बनता है, जिससे अनेक लोग प्रभावित और प्रकाशित होते है। आदरणीय सारंग जी ऐसे ही व्यक्ति थे, जिनसे लोग प्रभावित और प्रकाशित होते थे। उन्होंने कहा कि सारंग जी कार्यकर्ताओं से लगातार संवाद करते थे, यह उनके व्यक्तित्व की विशेषता थी। सारंग जी दल की परिधि से परे होकर दिलों पर राज करते थे।
स्व. सारंग जी की छाया में हम सब काम करते रहेंगेः प्रभात झा
पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रभात झा ने कहा कि स्व. सारंग जी काया से हमारे बीच नहीं है, लेकिन उनके विचारों की छाया सदैव हम सभी के बीच रहेगी। उनकी छाया में हम सभी काम करते रहेंगे। श्री झा ने कहा कि जो लोग कार्यालय में रहते हैं, काम करते हैं, उनके लिए कार्यालय मां के आंचल की तरह होता है। इस आंचल को किस तरह सहेजा, समेटा जाता है, यह स्व. सारंग जी से सीखा जा सकता है। सारंग जी ने जीवन में शब्द की आराधना की है। वे हम सबके बीच में ही रहेंगे कही नहीं जायेंगे। उनके स्मरण से हम सभी प्रेरणा लेते रहेंगे। उनके जीवन की कहानियों से आगे बढ़ते रहेंगे। पितृभाव और पुत्र भाव से हम सबको देखने वाले स्व. कैलाश जी के चरणों में श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।
इस अवसर पर वरिष्ठ नेता रघुनंदन शर्मा, मेघराज जैन, पूर्व विधायक शैलेन्द्र प्रधान, वरिष्ठ पत्रकार रमेश शर्मा, राजेन्द्र शर्मा, सिख समाज के ज्ञानी दिलीप सिंह, भोपाल चेंबर आफ कामर्स के अध्यक्ष ललित जैन ने भी श्रद्धेय सारंग जी से जुडे संस्मरण साझा करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की। कार्यक्रम में पार्टी के प्रदेश संगठन महामंत्री सुहास भगत, सह संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा, पूर्व संगठन महामंत्री माखन सिंह चौहान, अजा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालसिंह मंचासीन थे। शोकसभा में प्रदेश भर से आए पार्टी कार्यकर्ता, विभिन्न सामाजिक संगठन एवं स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रमुखों ने आदरणीय कैलाश नारायण सारंग जी को पुष्पांजलि अर्पित कर शोक व्यक्त किया।