By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Mar 09, 2024
नयी दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की युवा इकाई की नेता पामेला गोस्वामी ने उच्चतम न्यायालय का रुख किया है और मादक पदार्थ के एक फर्जी मामले में फंसाने पर मुआवजा दिलाने का अनुरोध किया है। गोस्वामी ने यह अनुरोध उन्हें दोषमुक्त किए जाने के खिलाफ पश्चिम बंगाल सरकार की अपील शीर्ष अदालत द्वारा खारिज किए जाने के बाद किया है। न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने 29 फरवरी को कलकत्ता उच्च न्यायालय के 16 मार्च 2023 के फैसले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया था जिसमें गोस्वामी को कोकीन रखने के आरोप से बरी कर दिया गया था।
भाजपा नेता ने अपनी याचिका में कहा कि वह एक आपराधिक साजिश का शिकार हुईं और उन्हें बिना किसी गलती के इस मामले में फंसाया गया था। उन्होंने याचिका में कहा, ‘‘याचिकाकर्ता एक आपराधिक साजिश का शिकार हुई हैं और उसे बिना किसी गलती के उपरोक्त मामले में झूठा फंसाया गया था जिसकी वजह से उसे एनडीपीएस (स्वापक औषधि एवं मन:प्रभावी पदार्थ कानून) मामले के तहत आपराधिक कार्यवाही का सामना करना पड़ा।’’
गोस्वामी ने अपनी याचिका में कहा,‘‘इस अवधि के दौरान, याचिकाकर्ता को 19 फरवरी, 2021 से 10 दिसंबर, 2021 तक कुल 295 दिन तक पुलिस ने अवैध रूप से हिरासत में रखा था और यह केवल प्रतिवादी संख्या- दो से पांच के कार्यों के कारण हुआ क्योंकि उन्होंने लोक सेवक के रूप में अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया...।’’ उन्होंने दलील दी कि भाजपा से जुड़ी एक प्रमुख युवा नेता होने के नाते, इन झूठे आरोपों के कारण उनकी व्यक्तिगत और सार्वजनिक प्रतिष्ठा को क्षति हुई।
कलकत्ता उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में कहा था कि कोलकाता पुलिस को पूरी पूछताछ में गोस्वामी के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला और जांच से खुलासा हुआ कि एक अन्य भाजपा नेता राकेश सिंह ने व्यक्तिगत द्वेष के कारण उनके पास कोकीन छिपाई थी। फरवरी 2021 में कोलकाता के न्यू अलीपुर थाना ने एक अभियान चलाया और गोस्वामी एवं दो अन्य को उनकी कार से 76 ग्राम कोकीन बरामद होने के बाद गिरफ्तार किया था।