Bhiwandi West विधानसभा सीट पर भाजपा ने Mahesh Prabhakar Choughule को दिया टिकट, एमवीए के सामने होगा कड़ा मुकाबला

By Anoop Prajapati | Oct 29, 2024

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी ने अपनी तीसरी लिस्ट जारी कर दी है। इस लिस्ट में पार्टी के कुल 25 उम्मीदवारों के नाम शामिल हैं। इस तरह बीजेपी ने कुल मिलाकर 146 उम्मीदवारों के नाम घोषित कर दिए हैं। जबकि कांग्रेस ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए शनिवार को पहले 23 और फिर 16 उम्मीदवार घोषित किए। पार्टी अब तक कुल 87 उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर चुकी है। भाजपा ने इसी टिकट वितरण के तहत भिवंडी पश्चिम विधानसभा सीट से महेश प्रभाकर चौघुले को मैदान में उतारा है। महाराष्ट्र में विधानसभा की चुनाव की रणभेरी बज चुकी है। यही वजह है कि राजनीतिक दलों ने अभी से कमर कस ली है। महायुति और महाविकास अघाड़ी में सीट शेयरिंग को लेकर फार्मूला तय किया जा रहा है।


भिवंडी पश्चिम विधानसभा सीट का इतिहास


भिंवडी पश्चिम विधानसभा सीट का इतिहास ज्यादा पुराना नहीं है। इसलिए यहां के वोटिंग पैटर्न को समझने में आपको बहुत वक्त नहीं लगेगा। हालांकि एक ख़राब पहलू यह भी है कि जहां का सैंपल साइज छोटा होता होत वहां फ्लक्चुएशन के चांसेस भी अधिक होते हैं। वहीं, भिवंडी पश्चिम विधानसभा सीट पर तीनों चुनावों में जीत-हार का अंतर भी इस तरह का रहा है जिससे सटीक अंदाजा लगाना मुश्किल होगा।


2009 में परिसीमन के बाद हुए पहले चुनाव में यहां समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार अब्दुल राशिद ताहिर मोमिन ने जीत दर्ज की। उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी साईनाथ रंगाराव पवार को करीब 1 हजार 6 सौ से ज्यादा वोटों से मात दी। इसके बाद 2014 में महेश प्रभाकर चौघुले ने कांग्रेस प्रत्याशी शोएब अशफाक खान को 3 हजार 326 वोटों से शिकस्त देकर पहली बार जीत दर्ज की। वहीं, 2019 यानी पिछले विधानसभा चुनाव में उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार खालिद गुड्डू को करीब 14 हजार वोटों से मात देते हुए दोबारा यहां विजयश्री हासिल की।


समझिये जातीय आंकड़े?


जनरल कैटेगरी में शामिल भिवंडी पश्चिम विधानसभा सीट पर मुस्लिम मतदाताओं का वर्चस्व है। 2019 के जातीय आकड़ों के अनुसार, यहां 3 लाख के आस-पास वोटर्स में से करीब करीब डेढ़ लाख मुस्लिम मतदाता हैं। दूसरे नंबर पर यहां एसएसी वोटर्स आते हैं, जिनकी संख्या करीब 7 हजार के आस-पास है। वहीं एसटी यानी आदिवासी वोटर्स यहां करीब साढ़े तीन हजार के आस पास हैं।


2024 की संभावना ?


इस विधानसभा सीट पर हार जीत के समीकरण पूरी तरह उम्मीदवारों पर निर्भर करते हैं। यहां पहली बार सपा ने मुस्लिम कैंडीडेट उतारा था जिसे जीत मिली। उसके अलावा कांग्रेस ने तीन के तीन बार मुस्लिम उम्मीदवार उतारे लेकिन हार का सामना करना पड़ा है। इसके पीछे यहां कारण यह है कि पार्टियों के मुस्लिम उम्मीदवारों के अलावा हर चुनाव में कई निर्दलीय उम्मीदवार भी मुस्लिम समुदाय से आ जाते हैं जिससे वोटों का बंटवारा होता है और बीजेपी यहां बाजी मारने में कामयाब हो जाती है। इस बार देखना दिलचस्प होगा कि कितने मुस्लिम उम्मीदवार मैदान में आते हैं।

प्रमुख खबरें

Elon Musk को बड़ा झटका, इस वजह से Starlink को सरकार ने नहीं दी मंजूरी

Myanmar की सेना का बड़ा ऐलान, स्वतंत्रता दिवस पर 5,864 कैदियों को किया जाएगा रिहा

वैनिटी वैन को लेकर घिरे प्रशांत किशोर, बवाल के बाद तोड़ी चुप्पी, तेजस्वी ने बताया एक्टर

Mac पर ये गेम खेलना पड़ सकता है भारी,लग जाएगा 100 साल का बैन, जानें कैसे?