By अभिनय आकाश | Mar 10, 2022
उत्तर प्रदेश में मतगणना के शुरुआती दौर में बीजेपी के नेतृत्व वाला गठबंधन 274 से अधिक सीटों पर आगे चल रहा है। जबकि समाजवादी पार्टी के नेतृत्व वाला गठबंधन के 119 सीटों पर आगे चल रहा। उत्तर प्रदेश की 403 विधानसभा सीटों के लिए वोटों की गिनती गुरुवार सुबह शुरू हुई और सभी मतगणना केंद्रों पर तीन स्तरीय सुरक्षा और कैमरे लगाए गए।
यह ऐतिहासिक क्षण क्यों है?
उत्तर प्रदेश में सत्ता में आने वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) तीन दशकों में दूसरी बार यूपी में फिर से निर्वाचित होने वाली पार्टी के रूप में अपनी रिकॉर्ड दर्ज करा रही है।
आजादी के बाद या 1952 से पिछले 70 वर्षों में यह पहला मौका होगा जब कोई राज्य किसी ऐसे व्यक्ति को फिर से जनता द्वारा चुना गया हो जिसने पूरे पांच साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद चुनाव में गए हो।
कांग्रेस के बीते युग में कुछ उदाहरण हैं जैसे 1957 में संपूर्णानंद, 1962 में चंद्रभानु गुप्ता, 1974 में हेमवती नंदन बहुगुणा और 1985 में नारायण दत्त तिवारी मुख्यमंत्री के पद पर दोबारा वापसी की हो। हालांकि, संपूर्णानंद को छोड़कर चुनाव में जाने से दो साल पहले मुख्यमंत्री थे, तीन अन्य चुनाव से कुछ महीने पहले ही मुख्यमंत्री बने और पद ग्रहण करने के बाद थोड़े समय के लिए मुख्यमंत्री बने रहे।
37 वर्षों के बाद बड़ा मौका
1985 के बाद 37 वर्षों के बाद यह भी पहली बार होगा, कि इस मामले में एक सत्तारूढ़ दल, भाजपा, भारत के सबसे अधिक आबादी वाले राज्य में सत्ता में लौट सकती है।
1985 के बाद से राज्य में ऐसी कोई भी पार्टी दोबारा सत्ता में लौटने में विफल रही है, जो सत्ता में थी। 11991 में बहुमत हासिल करने के 26 साल बाद एक बार फिर से भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश में लगातार दूसरे कार्यकाल के लिए सत्ता में वापसी कर रही है और 2022 की जीत 2017 के विधानसभा चुनाव से कई मायनों में बड़ी और अहम है