By अंकित सिंह | Aug 10, 2021
उत्तराखंड विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा लगातार रणनीति बना रही है। भगवा पार्टी अपनी चुनावी तैयारियों को अंतिम रूप देने की कोशिश में है। इसके साथ ही पार्टी की ओर से एक गोपनीय सर्वे भी शुरू कर दिया गया है। सबसे खास बात है कि सर्वे का पहला चरण 10 सितंबर तक चलेगा जिसमें राज्य के सभी 70 विधानसभा क्षेत्र शामिल है। जबकि दूसरा चरण 15 सितंबर और तीसरा चरण 25 अक्टूबर को शुरू हो सकता है। सूत्रों की माने तो भगवा पार्टी अपनी कमजोरियों का आकलन करने के लिए सर्वे करा रही है। साथ ही साथ यह जानने की भी कोशिश कर रही है कि जनता के अंदर किस मुद्दे को लेकर सबसे ज्यादा नाराजगी है। उनकी नाराजगी को दूर करने की कोशिश तो की ही जाएगी।
इसके अलावा उन एजेंडे को भी मेनिफेस्टो में शामिल किया जाएगा जो उत्तराखंड की जनता को सबसे ज्यादा प्रभावित कर सकते हैं। इन सब के बीच चर्चा इस बात की भी तेज है कि पार्टी नेतृत्व इसी सर्वे के आधार पर विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवार उतारेगी। ऐसे में माना जा रहा है कि कई विधायकों का टिकट कट सकता है। आपको बता दें कि पार्टी की ओर से इसके लिए प्राइवेट एजेंसियों को भी हायर किया गया है। भाजपा ऐसी सर्वे चुनावी राज्यों में कराती रहती है। सर्वे की पूरी रिपोर्ट पार्टी आलाकमान के समक्ष रखा जाएगा और इसे सर्वे को टिकट वितरण का आधार माना जाएगा।
सूत्रों का दावा है कि कुछ विधायकों का टिकट कट सकता है। रिपोर्ट में जिन विधायकों का व्यक्तिगत प्रदर्शन अच्छा नहीं है और जनता में विश्वास की कमी हुई है उनके टिकट कटने के आसार ज्यादा है। सर्वे में पार्टी नेताओं की सक्रियता और स्वास्थ्य जैसे प्रमुख मानक को भी आधार बनाया जा सकता है। इसके अलावा इस सर्वे में यह भी जाना जाएगा क्योंकि क्षेत्र में वर्तमान सिटिंग विधायक से ज्यादा किस नेता का प्रभाव है। सर्वे का मकसद यह भी है कि बागी होने वाले नेताओं को पहले से ही मनाया जा सके। पार्टी की ओर से विधायकों को लगातार जनता के बीच रहने की हिदायत दी गई है।