By अंकित सिंह | Jul 20, 2023
कर्नाटक विधानसभा चुनाव में बुधवार को जबरदस्त तरीके से हंगामा हुआ। भाजपा विधायकों ने कई मुद्दे उठाएं और कर्नाटक की कांग्रेस सरकार को घेरने की कोशिश की। हंगामे की वजह से भाजपा के कई विधायकों को विधानसभा से निष्कासित कर दिया गया। इसको लेकर कर्नाटक में राजनीति जबरदस्त तरीके से जारी है। भाजपा लगातार कर्नाटक सरकार और मुख्यमंत्री सिद्धारमैया पर निशाना साध रही है। वहीं सिद्धारमैया की ओर से आज विधानसभा में भाजपा पर पलटवार किया गया है। सिद्धारमैया ने साफ तौर पर कहा कि भाजपा विपक्षी गठबंधन की बैठक से घबराई हुई है।
सिद्धारमैया ने विधानसभा में कहा कि मैं भाजपा विधायकों के कृत्य की निंदा करता हूं।' उन्होंने कल स्पीकर की कुर्सी का भी सम्मान नहीं किया। उन्होंने कहा कि वे (भाजपा) भारतीय संविधान और लोकतंत्र के खिलाफ हैं। जब हम विपक्ष में थे तो हम कभी इस स्तर तक नहीं गिरे। सिद्धारमैया ने दावा किया कि बीजेपी को यह बात हजम नहीं हो रही है कि विपक्षी गठबंधन- इंडिया- की बेंगलुरु में बैठक हुई, इसलिए उन्होंने कल ये ड्रामा शुरू कर दिया। डिप्टी स्पीकर पर कागज फेंकने के मामले में बीजेपी विधायकों के निलंबन पर कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने कहा कि उन्हें राज्यपाल से मिलने दीजिए, वे (बीजेपी विधायक) 'गुंडा' बन गए हैं और वे निराश हैं।"
कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष यू टी कादर ने बुधवार को सदन में ‘‘अशोभनीय और अपमानजनक आचरण’’ के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के 10 विधायकों को विधानसभा के शेष सत्र से निलंबित कर दिया। सदन में अराजक दृश्य देखने को मिला जब भाजपा के कुछ विधायकों ने विधेयकों और एजेंडे की प्रतियां फाड़ दीं और उन्हें आसन पर बैठे उपाध्यक्ष पर फेंक दिया। इसके बाद अध्यक्ष ने 10 विधायकों को निलंबित कर दिया। वहीं, विपक्षी दल भाजपा और जनता दल (सेक्युलर) के विधायकों ने विधानसभा सचिव को अध्यक्ष कादर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया।