By अंकित सिंह | Jan 06, 2025
जन सुराज के संस्थापक और राजनीतिक रणनीतिकार से कार्यकर्ता बने प्रशांत किशोर को पटना के गांधी मैदान में आमरण अनशन के दौरान गिरफ्तारी के बाद आज जेल भेज दिया गया। अपनी गिरफ्तारी के बाद जमानत बांड पर हस्ताक्षर करने से इनकार करने के बाद किशोर भूख हड़ताल पर थे। चुनावी रणनीतिकार प्रश्न पत्र लीक के आरोपों के बाद बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) परीक्षा रद्द करने की मांग कर रहे हैं। आज उनकी भूख हड़ताल का पांचवां दिन था। किशोर को पटना सिविल कोर्ट से ले जाया गया था।
प्रशांत किशोर के वकील वाईवी गिरि ने बताया कि कोर्ट ने 25,000 के मुचलके पर बेल दी थी। कुछ शर्तें भी लगाई हैं कि इस प्रकार का अपराध दोबारा नहीं करेंगे। दोबारा अनशन पर नहीं बैठेंगे। प्रशांत किशोर ने कहा है कि मैं जेल में रहना पसंद करूंगा लेकिन इस बात को नहीं मानूंगा। उन्होंने कहा है कि मैं जेल में भी अनशन करूंगा। वे जेल जाने को तैयार हो गए हैं। पुलिस के अनुसार, विरोध प्रदर्शन को अवैध माना गया क्योंकि यह प्रतिबंधित क्षेत्र में हुआ था।
पटना के जिला मजिस्ट्रेट ने कहा है कि बार-बार नोटिस जारी किए गए थे, जिसमें श्री किशोर और उनके समर्थकों से प्रदर्शन को निर्धारित विरोध स्थल गर्दनी बाग में स्थानांतरित करने का आग्रह किया गया था। किशोर और 43 समर्थकों को हिरासत में लिया गया और ऑपरेशन के दौरान ट्रैक्टरों सहित वाहनों को जब्त कर लिया गया। पुलिस ने किशोर के साथ मारपीट के आरोपों से इनकार किया और दावा किया कि गिरफ्तारी का विरोध करने वाले केवल उनके समर्थकों को बलपूर्वक हटाया गया। समर्थकों का दावा है कि गिरफ्तारी के दौरान किशोर को थप्पड़ मारा गया और उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया। उन्हें मेडिकल जांच के लिए पटना एम्स ले जाया गया, लेकिन शुरू में उन्होंने जांच कराने से इनकार कर दिया।