By अंकित सिंह | Feb 15, 2023
भले ही 2024 लोकसभा चुनाव को लेकर अभी भी 1 साल का वक्त बचा हुआ है। लेकिन कहीं ना कहीं राजनीतिक दल इसकी तैयारियों में जुट गए हैं। राजनीतिक हिसाब से बिहार काफी महत्वपूर्ण राज्य माना जाता है। यही कारण है कि 2024 को लेकर बिहार में राजनीतिक हलचल लगातार तेज होती दिखाई दे रही है। बिहार में फिलहाल महागठबंधन की सरकार है। ऐसे में केंद्र में सत्ता में मौजूद भाजपा के लिए बिहार में 2024 में भी शानदार प्रदर्शन करना काफी जरूरी हो जाता है। यही कारण है कि खुद गृह मंत्री और भाजपा के चाणक्य माने जाने वाले अमित शाह लगातार बिहार का दौरा कर रहे हैं। वहीं नीतीश कुमार के नेतृत्व में महागठबंधन भी लगातार भाजपा को चुनौती दे रही है।
25 फरवरी को बिहार की राजनीति काफी गर्म रहने वाली है। 25 को सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेता आमने-सामने होंगे। ऐसे में वार पलटवार का जबरदस्त दौर भी देखने को मिलेगा। खबर के मुताबिक महागठबंधन 7 पार्टियों के साथ पूर्णिया में महारैली कर रहा है जिसमें नीतीश कुमार भी शामिल होंगे। तो वहीं भाजपा अमित शाह की रैली वाल्मीकि नगर और पटना में कर रही है। कहीं ना कहीं दोनों ओर से अपनी ताकत दिखाने की कोशिश की जाएगी। दोनों ही तरफ से भीड़ जुटाने को लेकर अब कोशिशें शुरू हो गई है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि जिस की सभा में ज्यादा भीड़ होगी उसको लेकर पूरे बिहार में एक अलग संदेश जाएगा।
25 फरवरी को अमित शाह पटना में स्वामी सहजानंद सरस्वती जयंती समारोह में शिरकत करेंगे। इसके बाद वह वाल्मीकि नगर में एक जनसभा को संबोधित करेंगे। अमित शाह की इस रैली को लेकर भाजपा ने अपने बड़े नेताओं को अलग-अलग टास्क दे दी है। दूसरी ओर नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव सात दलों के साथ महागठबंधन महारैली पूर्णिया में करने जा रहे हैं। महागठबंधन अब किसी भी कीमत में भाजपा से कमजोर नहीं दिखना चाहेगी। यही कारण है कि महागठबंधन की ओर से भी इस रैली को लेकर जबरदस्त तैयारियां की जा रही है। महागठबंधन की रैली में बिहार के कई बड़े नेता शामिल हो सकते हैं।