उत्तर प्रदेश की बड़ी खबरें: सीएम योगी के निर्देश के बाद रंग ला रही आबकारी तथा चीनी विभाग की मेहनत

By प्रेस विज्ञप्ति | May 18, 2021

उत्तर प्रदेश का आबकारी तथा चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग राज्य में कोरोना मरीजों को बचाने के लिए ऑक्सीजन जेनरेटर्स लगा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर इसके लिए 75 जिलाधिकारियों द्वारा 79 अस्पतालों का चयन कर लिया गया है। जिसमें ज्यादातर ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र से लगे हुए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र शामिल हैं। इनमें से 15 स्थलों पर ऑक्सीजन पाइपलाइन एवं जनरेटर की व्यवस्था लगभग उपलब्ध है और 16 स्थलों पर आंशिक व्यवस्था उपलब्ध है। ऐसे में आबकारी तथा चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग प्रदेश में कुल साढ़े 3200 बेड्स पर ऑक्सीजन उपलब्ध करा रहा हैं। विभाग की तरफ से अब तक 54 ऑक्सीजन जेनरेटर निर्माताओं को क्रय आदेश निर्गत किये गये है। आबकारी तथा चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग के संयुक्त प्रयास से लगभग 30 आबकारी विभाग की इकाइयों के माध्यम से और 45 चीनी मिलों के माध्यम से प्रदेश भर में एक-एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र या जिला अस्पताल चयनित किए गए हैं। प्रदेश सरकार की तरफ से इन ऑक्सजीन जेनरेटर्स को एयरलिफ्ट कराने की भी तैयारी जोरों पर है। इसके लिए  साई नॉन कन्वेंशनल एनर्जी, गैसटेक इंजी. प्राइवेट लिमिटेड और मेडवांते इंडिया एलएलपी द्वारा मशीनों को एयरलिफ्ट कराने का अनुरोध किया गया है। जिसके लिए ऑक्सीजन जनरेटर प्लांट के सप्लायर्स से लिफ्टिंग शेड्यूल मांगा गया है।


बता दें कि स्थापित किये जा रहे ऑक्सीजन जेनरेटर्स को उपयोग में लाये जाने के लिए चयनित अस्पतालों में डब्लू.एच.ओ. द्वारा निर्धारित मानकों के अनुरूप ऑक्सीजन पाइपलाइन और न्यूनतम लगभग 42 किलोवाट क्षमता के जनरेटर एवं विद्युत स्वीकृत लोड की आवश्यकता होगी। जिसके लिए संबंधित जिलाधिकारियों को जानकारी विभाग की तरफ से उपलब्ध करा दी गई है। वहीं बरेली, गोरखपुर और सीतापुर, शामली, कुशीनगर, अमरोहा में दो-दो अस्पतालों का चयन किया गया है। जहां ऑक्सीजन जेनरेटर्स की स्थापना की जा रही है। सहारनपुर जिले में सीएचसी ननौता-50 बेड, बरेली में सीएचसी, मीरगंज-30 बेड और सीएचसी बहेड़ी में 30 बेड, बांदा में सीएचसी, नारायनी-50 बेड, श्रावस्ती में सीएचसी लक्ष्मणपुर-50 बेड, उन्नाव में सीएचसी, औरास-50 बेड, प्रयागराज में पीएचसी उरुवा-50 बेड, फतेहपुर में सीएचसी बिंदकी-50 बेड, प्रतापगढ़ में ट्रामा सेंटर रानीगंज-50 बेड, कौशाम्बी सीएचसी मंझनपुर-50 बेड, चित्रकूट में सीएचसी मानिकपुर-50 बेड, अलीगढ़ में सीएचसी अतरौली-150 बेड, एटा में सीएचसी बगवाला-70 बेड, हाथरस में सीएचसी मुरसान-30 बेड, कासगंज में सीएचसी गंजडुण्डवाडा-30 बेड, बदायूं में सीएचसी घाटपुरी-50 बेड, महोबा में जिला अस्पताल-50 बेड, बलिया में सीएचसी, सिआर-30 बेड शामिल हैं।

 

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ऐसे ही सीतापुर में सीएचसी खैराबाद-50 बेड और सीएचसी महमूदाबाद-30 बेड, बाराबंकी में जिला अस्पताल सिरौली गौसपुर-35 बेड, कानपुर देहात में सीएचसी, पुखरायां-30 बेड, भदोही में ट्रामा सेंटर, औराई-35 बेड, बहराइच में सीएचसी कैसरगंज-40 बेड, बागपत में सीएचसी सरुरपुर-50 बेड, जौनपुर में सीएचसी सथरिया-50 बेड, मथुरा में सीएचसी, सोनाई-50 बेड, शामली में जिला अस्पताल शामली-100 और थाना भवन-30 बेड, अयोध्या में सीएचसी मसौधा-50 बेड, हापुड़ में जिला अस्पताल-100 बेड, हरदोई में जिला अस्पताल-50 बेड, बलरामपुर में जिला संयुक्त अस्पताल-100 बेड, देवरिया में सीएचसी, पिपरा धौलाकदम-50 बेड, गोरखपुर में सीएचसी, चैरी चैरा-50 बेड और सीएचसी हरनई-50 बेड, बस्ती में सीएचसी फिमेल अस्पताल हरैया-100 बेड, रामपुर में सीएचसी बिलासपुर-30 बेड, मैनपुरी सीएचसी भोगांव-40 बेड, महाराजगंज में सीएचसी, घुगली-50, मुरादाबाद सीएचसी, कुंदुरकी-35 और अमरोहा सीएचसी गजरौला-30 बेड और जोया सीएचसी में-35 बेड शामिल हैं।


वहीं बिजनौर में सीएचसी स्योहारा-30 बेड, रायबरेली में सीएचसी, रोहनिया-60 बेड, लखीमपुर, सीएचसी गोला-40 बेड, आगरा में सीएचसी,बरौली अहिर-30 बेड, फिरोजाबाद- सीएचसी, जसराना-25 बेड, आजमगढ़ में सीएचसी लाटघाट-30 बेड, मऊ में सीएचसी, परदाहा-20 बेड, फर्रुखाबाद में सीएचसी, मोहम्दाबाद-30 बेड, कन्नौज में सीएचसी, सौरिख-30 बेड, औरैया में सीएचसी दिबियापुर-50 बेड, कुशीनगर में सीएचसी सपाहा-30 बेड और सीएचसी सेवरही-30 बेड, हमीरपुर में सीएचसी, कुरारा-75 बेड, झांसी में सीएचसी, बड़गांव-100 बेड, जालौन में सीएचसी, कोंच-40 बेड,  ललितपुर में सीएचसी तालबेहट-30 बेड, गोंडा में सीएचसी काजी देवर-30 बेड, अंबेडकरनगर में सीएचसी, जलालपुर-30 बेड, सुलतानपुर में सीएचसी, कुदवार-30 बेड शामिल हैं। ऐसे ही अमेठी में सीएचसी फुर्सतगंज-25 बेड, पीलीभीत में सीएचसी, भदौरा टांडा-100 बेड, शाहजहांपुर में सीएचसी, जलालाबाद-60 बेड, सिद्धार्थनगर में सीएचसी, बीरदपुर-30 बेड, संतकबीर नगर में सीएचसी, धनघटा हैसरबाजार-30 बेड, मिर्जापुर में सीएचसी विंध्याचल-30 बेड, सोनभद्र में सीएचसी मधुपुर-30 बेड, संभल में सीएचसी असमौली-30 बेड, मेरठ में सीएचसी दौराला -30 बेड, बुलंदशहर में सीएचसी खुर्चा-90 बेड, चंदौली में सीएचसी भोगवारा-50 बेड, गाजीपुर में सीएचसी भदौरा-30 बेड, मुजफ्फरनगर में सीएचसी बुढ़ाना-30 बेड, इटावा में सीएचसी जसवंतनगर-30 बेड, कानपुर नगर में सीएचसी , बिल्हौर-30 बेड, वाराणसी में सीएचसी चिरईगांव, नरपतपुर-30 बेड, लखनऊ सीएचसी गोसाईगंज-30 बेड शामिल हैं।



उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के ’नए अध्यक्ष श्री संजय श्रीनेत ने पदभार’ ग्रहण किया


उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के नव नियुक्त अध्यक्ष श्री संजय श्रीनेत ने आज अपना पदभार ग्रहण कर लिया। भारतीय राजस्व सेवा के अधिकारी रहे श्रीनेत, कई संवेदनशील पदों पर नियुक्त रहे हैं। इससे पहले वे प्रवर्तन निदेशालय के उत्तर क्षेत्र के प्रभारी रहे जहां वे आर्थिक अपराध से संबंधित अनेक गंभीर मामलों की पड़ताल कर ख्याति अर्जित कर चुके हैं। पदभार ग्रहण करने के बाद लोक सेवा आयोग के अधिकारियों को संबोधित करते हुए श्रीनेत ने कहा कि प्रदेश को दक्ष, समावेशी और संवेदनशील प्रशासन उपलब्ध कराने के लिए योग्य, सत्यनिष्ठ, प्रत्याशियों का प्रामाणिक और पारदर्शी तरीके से समयबद्ध निष्पक्ष चयन, लोक सेवा आयोग का संवैधानिक दायित्व है। उन्होंने कहा कि लोक सेवा आयोग एक संवैधानिक संस्था है, इसकी प्रामाणिकता, विश्वसनीयता बरकरार रखना आयोग के हर सदस्य, हर अधिकारी, हर कर्मचारी का दायित्व है। उन्होंने कहा कि ‘‘संवैधानिक मर्यादाओं के प्रति सत्यनिष्ठा हम सभी से अपेक्षित है।’’

 

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श्रीनेत नेे कहा कि लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित परीक्षाएं  मेधावी युवाओं की आकांक्षाओं का केंद्र होती हैं, ऐसे में आयोग की चयन प्रक्रिया संदेह के परे होनी ही चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश की प्रशासकीय व्यवस्था में लोक सेवा आयोग के अतिरिक्त चयनित अधिकारियों के प्रशिक्षण संस्थान तथा सरकार का कार्मिक विभाग भी बराबर के हितधारक हैं तथा इनमें आपसी समन्वय स्थापित रहना चाहिए। उनके अनुसार लोक प्रशासक के चयन, लोक-प्रशासन और मानव संसाधन विकास के क्षेत्र में हो रहे नए प्रयोगों तथा टेक्नोलॉजी को भी, आवश्यकता अनुसार लागू किया जाना प्रासंगिक है। इससे आयोग की कार्यप्रणाली में तेजी, पारदर्शिता और दक्षता आयेगी। उन्होंने विश्वास दिलाया कि युवाओं के शुभ स्वास्थ्य के साथ सुखद भविष्य के लिए प्रण-प्रतिज्ञ है।

श्रीनेत स्वयं इलाहाबाद विश्विद्यालय के स्नातक हैं। उनका मानना है कि अकादमिक शिक्षा को प्रशासन से जोड़ा जाना चाहिए। शिक्षा वास्तविक अनुभवों और समाज की आवश्यकताओं के अनुरूप होनी चाहिए। पश्चिमी देशों में ‘स्कॉलर एडमिनिस्ट्रेटर’ की प्रचलित प्रथा का संदर्भ देते हुए वे मानते हैं कि उच्च प्रशासनिक अधिकारियों को अध्ययन, अध्यापन और शोध कार्य भी करते रहना चाहिए। ‘अभ्युदय योजना’ इस दिशा में एक दूरदर्शी प्रयास है,जिससे विद्यार्थियों के ज्ञान क्षितिज में विस्तार होगा।

श्रीनेत ने लोक सेवा आयोग के सभी अधिकारी-कर्मचारीगण का आह्वान किया है कि कोविड-19 से बचाव के लिए सभी लोग वैक्सीन लगवाएं और एक लोक सेवक के रूप में समाज के जरूरतमंद व्यक्तियों की हर संभव मदद करें।


विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में 20 मई से ऑनलाइन पढ़ाई, कर्मचारी 50 प्रतिशत ही आएंगे


प्रदेश सरकार द्वारा कोरोना संक्रमण के दृष्टिगत प्रदेश में स्थित उच्च शिक्षा विभाग के अधीन समस्त उच्च शिक्षण संस्थाएं एवं राज्य/निजी विश्वविद्यालय तथा महाविद्यालय को ऑनलाइन संचालित किए जाने का निर्णय लिया गया है। इस संबंध में सभी राज्य/निजी विश्वविद्यालयों के कुलपति तथा निदेशक उच्च शिक्षा को दिशा निर्देश जारी कर दिया गया है। विशेष सचिव उच्च शिक्षा श्री अब्दुल समद ने यह जानकारी देते हुए बताया कि पाठ्यक्रम से संबंधित सभी कक्षाएं/शिक्षण कार्य परिसर में ना होकर 20 मई 2021 से ऑनलाइन संचालित किए जाएंगे। विश्वविद्यालय/महाविद्यालय परिसर में छात्र/छात्राओं की उपस्थिति नहीं होगी। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश उच्च शिक्षा डिजिटल लाइब्रेरी में प्रदेश के सर्वोत्तम शिक्षकों द्वारा उत्कृष्ट ई कंटेंट अपलोड किए गए हैं अतः प्रदेश के छात्रों का इसका सर्वाधिक उपयोग हेतु प्रेरित किया जा रहा है।


विशेष सचिव उच्च शिक्षा ने बताया कि परिसर में शिक्षकों की उपस्थिति के संबंध में कुलपति, प्रधानाचार्य द्वारा निर्णय लिया जाएगा। शिक्षकों/छात्रों के संक्रमित होने अथवा नेगेटिव रिपोर्ट के बाद किसी अन्य चिकित्सीय कठिनाई के समय छात्र/शिक्षक को पठन-पाठन ऑनलाइन जारी रखने अथवा ना रखने के संबंध में संबंधित कुलपति/विभागाध्यक्ष या प्रधानाचार्य कोविड-19 गाइडलाइन के अनुसार अपने स्तर से निर्णय ले सकेंगे। विश्वविद्यालय/महाविद्यालय में कार्यरत समूहदृ ख, ग एवं घ के कार्मिकों की 50 प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित करने हेतु साप्ताहिक रोस्टर इस प्रकार तैयार किया जाएगा कि ऐसे कर्मी वैकल्पिक रूप में कार्यालय आए तथा शेष 50 प्रतिशत कार्मिक घर से ही कार्य निष्पादित करेंगे।  उल्लेखनीय है कि 10 मई 2021 को जारी शासनादेश के माध्यम से उच्च शिक्षा विभाग के अधीन समस्त उच्च शिक्षण संस्थाएं एवं राज्य एवं निजी विश्वविद्यालय तथा महाविद्यालय परिसर भौतिक रूप से बंद किए जाने एवं ऑनलाइन कक्षाएं 20 मई 2021 तक स्थगित किए जाने का निर्णय लिया गया था।



पशु स्वास्थ सेवाओं के विस्तार हेतु 520.763 रुपये की धनराशि स्वीकृत



उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश में पशु चिकित्सा सेवायें तथा पशु स्वास्थ्य के लिए पशु स्वास्थ्य विस्तार की जिला योजना के तहत वर्तमान वित्तीय वर्ष में 520.763 रुपये (पांच करोड़ बीस लाख छिअत्तर हजार तीन सौ रुपये) की धनराशि स्वीकृत की है।

पशुधन विभाग द्वारा इस सम्बन्ध में आवश्यक शासनादेश जारी कर दिया गया है। शासनादेश में कहा गया है कि स्वीकृत धनराशि का आहरणध्व्यय अनुमोदित कार्ययोजना एवं मदों में योजना हेतु निर्धारित गाइडलाइन का पूर्ण अनुपालन सुनिश्चित करते हुए किया जाये।



शिक्षकों के वेतन निर्गत में लापरवाही करने के कारण बीएसए गाजीपुर और लेखाधिकारी गाजीपुर के खिलाफ कार्यवाही करने के दिये निर्देश



प्रदेश के बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. सतीश चन्द्र द्विवेदी ने’ आज बेसिक शिक्षा विभाग की मंडलीय समीक्षा बैठक में वाराणसी, विंध्याचल और प्रयागराज मंडल के मंडलीय सहायक निदेशक एवं 11 जनपदों के डायट प्राचार्य और जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों की वर्चुअल मीटिंग की। उन्होंने बताया कि मंडलवार बेसिक शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान आज जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी गाजीपुर और लेखाधिकारी गाजीपुर द्वारा शिक्षकों के वेतन निर्गत करने में लापरवाही करने के कारण उनके खिलाफ कार्यवाही के निर्देश दिए। अंतर्जनपदीय स्थानांतरण प्राप्त शिक्षकों के अंतिम भुगतान प्रमाण पत्र (स्च्ब्) भेजने में देरी करने वाले जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की चेतावनी दी। मृतक शिक्षकों एवं कर्मचारियों के देयकों के तत्काल भुगतान का निर्देश दिया।

 

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डा0 द्विवेदी ने 69 हजार भर्ती के अंतर्गत नवनियुक्त शिक्षकों के प्रमाण पत्र के सत्यापन और वेतन भुगतान की धीमी प्रगति पर कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए इस प्रक्रिया में तेजी लाने का निर्देश दिये है। उन्होंने सेवानिवृत्त शिक्षकों और कर्मचारियों के पेंशन, जीपीएफ और बीमा के अविलंब भुगतान का निर्देश दिया है। जांच के उपरांत फर्जी पाए गए शिक्षकों के खिलाफ एफआईआर और रिकवरी की कार्रवाई तेज करने का निर्देश दिया। नव निर्वाचित ग्राम प्रधानों से समन्वय स्थापित कर ऑपरेशन कायाकल्प में पुनः तेजी लाने का निर्देश दिये है।


मंत्री डा0 द्विवेदी ने यह भी निर्देश दिया कि जिला प्रशासन द्वारा कोविड से संबंधित किसी भी कार्यों में गर्भवती महिला शिक्षकों या ऐसी शिक्षिकाएं जिनके छोटे बच्चे हैं तथा बीमार शिक्षकों की ड्यूटी ना लगाई जाए।

बैठक में अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा श्रीमती रेणुका कुमार, महानिदेशक स्कूल शिक्षा श्री विजय किरण आनंद, निदेशक बेसिक शिक्षा डॉ. सर्वेन्द्र विक्रम सिंह, सचिव बेसिक शिक्षा परिषद श्री प्रताप सिंह बघेल, मंडलीय सहायक निदेशक वाराणसी, विंध्याचल और प्रयागराज तथा इन मंडलो के अंतर्गत आने वाले जनपदों के डायट प्राचार्य, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी उपस्थित रहे।







जनपद न्यायालय मेरठ में न्यायिक अधिकारियों के आवसीय भवनों के मरम्मत रिनोवेशन हेतु 113.32 लाख रूपये स्वीकृत



उत्तर प्रदेश सरकार में जनपद न्यायालय मेरठ में न्यायिक अधिकारियों के आवासीय भवनों के मरम्मत/रिनोवेशन हेतु 113.32 लाख रूपये (एक करोड़ तेरह लाख बत्तीस हजार) अवशेष धनराशि की स्वीकृति प्रदान कर दी है।

इस संबंध में न्याय विभाग शासनादेश जारी कर दिया गया है। शासनादेश में यह भी निर्देश दिये गये है कि कराये जा रहे कार्याें में गुणवत्ता एवं समयबद्धता पर विशेष ध्यान दिया जाए। इस धनराशि का उपयोग 31 मार्च, 2022 तक अनिवार्य रूप से पूरा किया जाए। उल्लेखनीय है कि इस कार्य हेतु अब तक 529.70 लाख रूपये की धनराशि अवमुक्त की जा चुकी है।




संचालित बाढ़ कार्यों को 31 मई, 2021 तक हर हाल में पूरा कराया जाए -जलशक्ति मंत्री



उत्तर प्रदेश के जलशक्ति मंत्री डा0 महेन्द्र सिंह ने बाढ़ से बचाव के लिए कराये जा रहे निर्माण कार्यों के स्थलीय निरीक्षण के दौरान गोबरहा में लापरवाही एवं उदासीनता पाये जाने पर संबंधित सहायक अभियंता श्री राकेश भास्कर तथा ठेकेदार के खिलाफ कठोर कार्यवाही किये जाने के निर्देश दिये। उन्होंने निर्माण कार्यों में पारदर्शिता एंवं गुणवत्ता सुनिश्चित करने के निर्देश देते हुए कहा कि महामारी का बहाना बनाकर यदि किसी ठेकेदार के कार्य में गुणवत्ता की कमी पायी जायेगी तो उसका भुगतान रोक दिया जायेगा। उन्होंने गोबरहा के अलावा हाता, तेलवारी तथा कहारनपुरवा में बाढ़ परियोजनाओं का निरीक्षण किया। डा0 महेन्द्र सिंह ने वर्षाकाल से पहले बाढ़ से संबंधित सुरक्षा परियोजनाओं को 31 मई, 2021 तक हर हाल में पूरा करने के निर्देश दिये। इसके साथ ही बरसात के दिनों में ग्रामीण क्षेत्रों में जलप्लावन की समस्या को दूर करने के लिए सभी नालों की सफाई भी आगामी 31 मई तक किये जाने की हिदायत दी। उन्होंने कहा कि आंशिक कोरोना कफ्र्यू के बावजूद भी बाढ़ से बचाव संबधी परियोजनाओं को निर्धारित समय से पूरा किया जाना है। इसमें किसी प्रकार की उदासीनता को गम्भीरता से लिया जायेगा और सबंधित के खिलाफ कठोर कार्यवाही की जायेगी।

 

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जलशक्ति मंत्री ने कहा कि गतवर्ष मानसून से पूर्व की गयी तैयारियों के चलते बाढ़ से कोई नुकसान नहीं हुआ और बांधों तथा तटबंधों को सुरक्षित बनाये रखने में सफलता प्राप्त हुई। इस वर्ष भी एक्शन मोड पर कार्य करते हुए प्रदेश के बाढ़ से संवेदनशील जनपदों में सभी तैयारियां पूरी करनी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने दूरगामी निर्णय लेते हुए जनवरी, 2021 में ही बाढ़ के लिए पर्याप्त धनराशि उपलब्ध करायी, जिसके फलस्वरूप 184 परियोजनाओं के लिए धनराशि दी गयी तथा सारे कार्य शुरू करा दिये गये। जिसमें से 06 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं और शेष प्रगति के अन्तिम चरण में है। डा0 महेन्द्र सिंह ने निरीक्षण के दौरान अधिकारियों को निर्देशित किया कि आंशिक कोरोना कर्फ्यू को देखते हुए कार्यस्थल पर कोरोना प्रोटोकाॅल का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाये तथा श्रमिकों को माॅस्क, सैनेटाइजर उपलब्ध कराकर उनका समुचित उपयोग किये जाने के बारे में भी बताया जाए। उन्होंने कहा कि मा0 मुख्यमंत्री जी के निर्देशानुसार बाढ़ से बचाव के लिए कराये जा रहे कार्याें का स्थलीय निरीक्षण कराकर उसकों समय से पूरा कराया जाना हैं इसलिए संबधित अभियंता इन निर्देशों को गम्भीरता से लेते हुए बरसात से पहले सभी कार्यों को गुणवत्ता के साथ पूरा कराना सुनिश्चित करे।


निरीक्षण के दौरान अधिकारियों ने बताया कि वर्ष 2020-21 में सिंचाई विभाग के अन्तर्गत 254 बाढ़ परियोजनाएं संचालित थी, जिनमें से 83 परियोजनाओं को वर्ष 2020 में जून तक पूरा कर लिया गया था। इसके अलावा अतिसंवेदनशील स्थलों पर जहां बाढ़ परियोजनाएं स्वीकृत नहीं थी, वहां भी आवश्यक कार्य कराकर बाढ़ से सुरक्षा प्रदान करायी गयी। अधिकारियों ने यह भी बताया कि दिसम्बर, 2020 तक 146 परियोजनाएं पूरी की गयी तथा वर्ष के अन्त तक यानि मार्च, 2021 तक 193 परियोजनाएं पूरी की गयी। शेष परियोजनाओं को आगामी मानसून से पहले पूरा कर लिया जायेगा। निरीक्षण के दौरान क्षेत्रीय सांसद श्री उपेन्द्र रावत मा0 विधायक श्री शरद अवस्थी तथा अन्य जनप्रतिनिधियों में श्री अवधेश श्रीवास्तव के अलावा प्रमुख अभियन्ता (परिकल्प एवं नियोजन) श्री अशोक कुमार सिंह, मुख्य अभियन्ता (शारदा सहायक) श्री ए0के0 सिंह, अधिशासी अभियन्ता श्री शशिकान्त सिंह आदि उपस्थित थे।  



संरक्षित स्मारक/स्थल रहेंगे बन्द



निदेशक, उ0प्र0 राज्य पुरातत्व विभाग डा0 आनन्द कुमार सिंह ने बताया कि कोरोना वायरस से सम्भावित संक्रमण के बचाव के दृष्टिगत प्रदेश के समस्त संरक्षित स्मारक/स्थल को जनहित में दर्शकों हेतु 15 मई, 2021 अथवा अग्रिम आदेशों तक प्रतिबन्धित किया गया है। उन्होंने बताया कि इस अवधि में उ0प्र0 राज्य पुरातत्व विभाग के कार्मिकों द्वारा शासकीय कार्य यथावत सम्पन्न किये जायेंगे।


टेस्टिंग व वैक्सिनेशन युद्धस्तर पर कराने के निर्देश


टेस्टिन व वैक्सिनेशन की व्यवस्थाओ के सत्यापन के उद्देश्य से नोडल अधिकारी कोविड-19 लखनऊ डॉ रोशन जैकब द्वारा आज अलीगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र व खुर्रम नगर पीएचसी  एवं चन्द्रनगर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र व किला पीएचसी का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण में नोडल अधिकारी द्वारा टेस्टिंग व वैक्सिनेशन के लिए की गई सभी व्यवस्थाओ का जायजा लिया। सभी केंद्रों पर वैक्सिनेशन व टेस्टिंग सुचारू रूप से कोविड प्रोटोकॉल का अनुपालन कराते हुए होता पाया गया। नोडल अधिकारी द्वारा बताया गया कि 18 वर्ष से 44 वर्ष की आयु के लोगो का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करा कर वैक्सिनेशन किया जा रहा है। लोग ज्यादा संख्या में आ रहे है और वैक्सिनेशन करा रहे है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा बताया गया कि औसतन लगभग 300-400 लोगो का वैक्सिनेशन सीएचसी में कराया जा रहा है। नोडल अधिकारी द्वारा जनपदवासियों से अपील की गई कि जिन लोगो की दूसरी डोज का समय हो गया है वह अपनी दूसरी डोज का वैक्सिनेशन कराये। निरीक्षण में संज्ञान में आया कि खुर्रम नगर पीएचसी में जगह कम होने के कारण भीड़ कुछ ज्यादा थी। जिसके लिए निर्देश दिया कि वैक्सिनेशन बूथों को दो अलग अलग कमरों में शिफ्ट किया जाए, और साइनबोर्ड लगा कर मार्गदर्शन किया जाए कि कहां पर टेस्टिंग और कहां पर वैक्सिनेशन हो रहा है। साथ ही 18 वर्ष से 44 वर्ष और 45 वर्ष से अधिक के लोगो का वैक्सिनेशन अलग अलग बूथ बना कर किया जाए।


नोडल अधिकारी द्वारा बताया कि यह समय अधिक टेस्टिंग करने का है ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगो की टेस्टिंग कर के कोविड संक्रमण वाले रोगियों का सही से उपचार किया जा सके। नोडल अधिकारी द्वारा बताया गया कि टेस्टिंग अधिक करने के उद्देश्य से हर सीएचसी के अधीन 3 अर्बन पीएचसी में टेस्टिंग पॉइंट बनाए गए है। ताकि लोग आसानी से टेस्टिंग करा सके। साथ माई कोविड एप पर भी सभी स्टेटिक टेस्टिंग सेंटर की लोकेशन अपडेट कराने के निर्देश दिए ताकि आमजनमानस को टेस्टिंग सेंटर की लोकेशन आसानी से पता चल सके। साथ ही सभी सीएचसी के एमओआईसी  को निर्देश दिया कि सभी एमओआईसी अपने क्षेत्र के बाजारों, घनी आबादी वाले क्षेत्रों या ऐसे एरिया जहां से बहुत अधिक केस आते थे उनके आस पास के एरिया में टारगेट टेस्टिंग करना सुनिश्चित कराए। उन्होंने बताया कि वर्तमान में जितने भी स्टेटिक टेस्टिंग सेंटर बढ़ाए गए थे, सभी टेस्टिंग सेंटर कार्यशील पाए गए।


 

 

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जलशक्ति मंत्री कल हरदोई भ्रमण पर



उत्तर प्रदेश के जलशक्ति मंत्री डा0 महेन्द्र सिंह कल 19 मई, 2021 को एक दिवसीय भ्रमण पर जनपद हरदोई जायेंगे। प्रस्तावित कार्यक्रम के अनुसार अपराह्न जलशक्ति मंत्री गंगा नदी पर चल रहे बाढ़ कार्याें (ड्रेजिंग एवं चैनलाइजेशन) एवं ई0सी0 तथा जियोबैग स्पर के कार्यों का स्थलीय निरीक्षण करेंगे। यह निर्माण कार्य राजघाट/कटरी बिछुइया में कराया जा रहा है। इसके अलावा डा0 महेन्द्र सिंह बाढ़ कार्यों का मानीमऊ में स्थलीय निरीक्षण करेंगे और शाम तक लखनऊ वापस आयेंगे।


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