By अंकित सिंह | Jan 03, 2025
मध्य प्रदेश के पीथमपुर में यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे के निपटान के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है। हजारों निवासी सड़कों पर उतर आए, जिसके बाद पुलिस को स्थिति को नियंत्रित करने के प्रयास में लाठीचार्ज करना पड़ा। हंगामा तब शुरू हुआ जब 1984 की गैस त्रासदी के लिए कुख्यात भोपाल की यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री से 337 टन जहरीला कचरा गुरुवार सुबह पीथमपुर की एक औद्योगिक कचरा निपटान इकाई में ले जाया गया। भोपाल से धार जिले के पीथमपुर तक 250 किलोमीटर की दूरी तय करते हुए कचरे को ग्रीन कॉरिडोर के माध्यम से कड़ी सुरक्षा के बीच 12 सीलबंद कंटेनर ट्रकों में लाया गया।
जहरीले कचरे के आगमन से स्थानीय निवासियों में व्यापक गुस्सा फैल गया, जिसके कारण लगभग 1.75 लाख की आबादी वाले शहर पीथमपुर में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया। इसके मद्देनजर इलाके में बंद भी बुलाया गया था। बंद के आह्वान के बीच, शुक्रवार को दुकानें और बाजार बंद रहे, प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने आयशर मोटर्स के पास सड़क को अवरुद्ध कर दिया, लेकिन पुलिस ने उन पर काबू पा लिया और हल्के लाठीचार्ज के साथ सामान्य यातायात बहाल कर दिया।
धार कलेक्टर प्रियांक मिश्रा ने कहा कि यूसीआईएल का कचरा यहां लाए जाने के विरोध में पीथमपुर बस स्टैंड पर आयोजित विरोध प्रदर्शन के परिणामस्वरूप उत्पन्न कानून व्यवस्था की स्थिति को पुलिस और प्रशासन नियंत्रित कर रहा है। उन्होंने कहा कि मैं सभी को बताना चाहता हूं कि लोगों को विश्वास में लिए बिना कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। हम वैज्ञानिक उपायों को ध्यान में रखे बिना आगे नहीं बढ़ रहे हैं।' हम फिर भी सारे संदेह दूर कर देंगे, छिपाने जैसा कुछ नहीं है. सभी से आग्रह है कि किसी भी कीमत पर कानून अपने हाथ में न लें
एसपी धार, मनोज कुमार सिंह ने कहा कि यूसीआईएल का कचरा पीथमपुर लाए जाने को लेकर राज्य सरकार ने अपना रुख साफ कर दिया है। आम लोगों को विश्वास में लिये बिना कोई कार्रवाई नहीं की जायेगी। उन्होंने कहा कि लोगों को चिंता करने या कानून अपने हाथ में लेने की जरूरत नहीं है। राज्य सरकार निर्दोष लोगों की जान को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहती है और नागरिक सुरक्षा को सर्वोपरि रखना सरकार की प्राथमिकता है। मैं लोगों से आग्रह करता हूं कि वे कानून को अपने हाथ में न लें।