शादी करेंगे तो बुढ़ापे में भूलने की बीमारी होने का खतरा कम होगा

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Nov 30, 2017

लंदन। शादी के बंधन में बंधकर आप बुढ़ापे में होने वाली स्मृति क्षय (डिमेन्शिया) की बीमारी को अपने से दूर रख सकते हैं। एक अध्ययन में यह दावा किया गया है जिसमें पाया गया कि जीवनभर कुंवारे रहने वाले और विधुर-विधवाओं में यह बीमारी होने का खतरा ज्यादा होता है। न्यूरोलॉजी, न्यूरोसर्जरी और साइकाइट्री में प्रकाशित इस अध्ययन में 15 संबंधित अध्ययनों का डेटा शामिल किया गया है।

ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के अनुसंधानकर्ताओं ने डिमेन्शिया के खतरे और वैवाहिक स्थिति के बीच संबंधों की जांच करने का प्रयास किया। इस अध्ययन के लिए उन्होंने यूरोप, उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका तथा एशिया के आठ प्रतिभागियों को शामिल किया। उन्होंने पाया कि विवाहित लोगों के मुकाबले जीवनभर अकेले रहने वाले लोगों में डिमेन्शिया का खतरा 42 प्रतिशत तक बढ़ जाता है। अनुसंधानकर्ताओं का कहना है कि शादीशुदा जोड़ों की जीवनशैली ज्यादा सेहतमंद होती है, वे ज्यादा व्यायाम करते हैं, सेहतमंद भोजन करते हैं और कम धूम्रपान या शराब पीते हैं। ये सभी बातें डिमेंशिया के खतरे को कम करती हैं।

 

प्रमुख खबरें

Maharashtra: Congress छोड़ NCP के टिकट पर चुनाव क्यों लड़ रहे जीशान सिद्दीकी? पिता की हत्या पर किया बड़ा दावा

Israel vs Iran: भारत ने पश्चिम एशिया में शत्रुता कम करने का किया आह्वान, कहा- संयम बरतें

चीन का सारा प्लान हुआ फेल, Apple की बेहतरीन वापसी से बढ़ी बेचैनी

अरुणाचल पहंची वायु वीर विजेता कार रैली, जसवंत रावत दी जाएगी श्रद्धांजलि, रक्षा मंत्री भी होंगे शामिल