Baba Siddique Murder Case । कोर्ट में हुई दोनों आरोपियों की पेशी, एक ने खुद को बताया नाबालिग, होगा बोन ऑसिफिकेशन टेस्ट

By एकता | Oct 13, 2024

बाबा सिद्दीकी हत्याकांड के दोनों आरोपियों को मुंबई पुलिस ने रविवार को कोर्ट में पेश किया। कोर्ट में सुनवाई के दौरान एक आरोपी धर्मराज राजेश कश्यप ने खुद को नाबालिग बताया। उसने दावा किया कि उसकी उम्र सिर्फ 17 साल है। धर्मराज के इस दावे के बाद अभियोजन पक्ष ने आरोपी का बोन ऑसिफिकेशन टेस्ट कराने की मांग की है, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है। वहीं, दूसरे आरोपी गुरमेल बलजीत सिंह को कोर्ट ने सात दिन की पुलिस कस्टडी में भेज दिया है। धर्मराज के बोन ऑसिफिकेशन टेस्ट के रिजल्ट आने के बाद कोर्ट उसकी कस्टडी पर फैसला सुनाएगा।


बाबा सिद्दीकी के वकील ने कोर्ट में क्या कहा?

धर्मराज के नाबालिग होने के दावे का बाबा सिद्दीकी की ओर से पेश वकील ने खंडन किया। उन्होंने कहा कि पुलिस ने दोनों आरोपियों का आधार कार्ड बरामद किया है, जिसमें गुरमेल की उम्र 23 साल और कश्यप की उम्र 21 साल है। अभियोजन पक्ष ने कहा कि अगर बचाव पक्ष के वकील को कोई समस्या नहीं है तो धर्मराज का बोन ऑसिफिकेशन टेस्ट कराया जा सकता है।

 

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बचाव पक्ष बोन ऑसिफिकेशन टेस्ट कराने के लिए तैयार

मजिस्ट्रेट ने दोनों आरोपियों का प्रतिनिधित्व करने वाले सिद्धार्थ अग्रवाल से कश्यप के नाबालिग होने के दावे के पक्ष में सबूत मांगे। इसपर अग्रवाल ने कहा कि जन्म प्रमाण पत्र नहीं है लेकिन वे बोन ऑसिफिकेशन टेस्ट के लिए तैयार हैं।

 

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14 दिन की रिमांड की मांग, मिली सात दिन की

अभियोजन पक्ष ने आरोपियों को 14 दिन की पुलिस रिमांड में भेजने की मांग की थी। अभियोजन पक्ष ने कहा, 'इस अपराध की जांच के लिए हमें 14 दिन की रिमांड चाहिए।' उन्होंने कहा कि आरोपी हरियाणा और यूपी के रहने वाले हैं। रेकी करने के लिए वह वहां रुके हुए थे। उन्होंने बंदूक कहां से ली और इन्हें चलाना कहां से सीखा। आरोपियों को फंडिंग किसने की, ये सब जांच का विषय है। इन सब की जांच के लिए हमें 14 दिन की रिमांड चाहिए।


बचाव पक्ष के वकील सिद्धार्थ अग्रवाल ने 14 दिन रिमांड की मांग का विरोध जताते हुए कहा, 'बेशक घटना निराशाजनक है लेकिन आरोपियों ने ऐसा किया है या नहीं यह तो तय करना होगा। अभियोजन पक्ष की ओर से यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि गोली किसने मारी है। मृतक एक मशहूर राजनीतिक व्यक्ति थे और संभव है कि किसी और ने ऐसा किया होगा और आरोपियों को फंसाया जा रहा है। 14 दिन की हिरासत की मांग उचित नहीं है।'

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