By रितिका कमठान | Jan 05, 2024
उत्तर प्रदेश के अयोध्या में प्रभु श्री राम का भव्य मंदिर राम मंदिर के पहले चरण का निर्माण कार्य अंतिम दौर में पहुंच गया है। जोरशोर से इसे पूरा करने के लिए दिन रात काम जारी है। राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह का आयोजन सप्ताह भर चलेगा। प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम 22 जनवरी 2024 को आयोजित किया जाना है, जिसमें खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शिरकत करेंगे। अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर का उद्घाटन 22 जनवरी के दिन होगा। इस दिन को चुने जाने के पीछे भी खास कारण है।
जानकारी के मुताबिक रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए शुभ मुहूर्त महज 84 सेकेंड का ही है। इस शुभ मुहूर्त में ही रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। वैसे आपको बता दें कि सिर्फ 22 जनवरी का दिन ही इस खास और ऐतिहासिक पल के लिए क्यों चुना गया है, इसके पीछे भी खास कारण है। दरअसल अयोध्या में श्रीराम मंदिर में राम लला की मूर्ति स्थापना का समय दोपहर 12 बजकर 29 मिनट 8 सेकेंड से लेकर 12 बजकर 30 मिनट 32 सेकेंड तक का ही है। राम मंदिर में इसी मुहूर्त में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी। इसके बाद महापूजा और महाआरती की जाएगी।
हिंदू पंचांग की मानें तो 22 जनवरी को पौष माह की शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि है। इस तिथि पर ही नक्षत्र मृगशिरा और योग ब्रह्म का समय सुबह के समय ही है। इंद्र योग की शुरुआत सुबह 8 बजकर 47 मिनट के बाद होगी। बता दें कि राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के लिए अनुष्ठान की शुरुआत मकर संक्रांति के एक दिन बाद यानी 15 जनवरी से शुरू होगी। इस खास कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए देश के कोने कोने से साधु संतों, महामंडलेश्वर और कार सेवकों को निमंत्रण भेजा गया है।
इस कारण चुनी गई ये तारीख
जानकारी के मुताबिक 22 जनवरी को कर्म द्वादशी मनाई जाएगी। द्वादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार भगवान विष्णु ने इस तिथि पर ही कछुआ अवतार लेकर समुद्र मंथन में सहायता की थी। श्रीराम भी विष्णु का ही अवतार है, इसलिए ये तिथि बेहद अहम मानी जा रही है।
इस दिन कई शुभ योग भी बन रहे है
इस दिन कई शुभ योग भी बन रहे है। ज्योतिषास्त्रियों की मानें तो इस दिन तीन शुभ योग सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग औररवि योग बन रहे है। ये तीनों ही योग ऐसे हैं जो कि शुभ कार्य को करने में बेहद अहम माने जाते है। इन योग में किया गया हर कार्य सफलता का सूचक होता है।