By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Mar 17, 2020
नयी दिल्ली। कांग्रेस ने मंगलवार को लोकसभा में चर्चा एवं पारित करने के लिए लाए गए ‘वायुयान (संशोधन) विधेयक-2020’ को शक्तियों के केंद्रीकरण का प्रयास करार देते हुए कहा कि वायु यातायात नियंत्रक (एटीसी) में ज्यादा अधिकारियों की नियुक्ति की जाए ताकि विमानों की पूरी तरह सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।दूसरी तरफ, भाजपा ने कहा कि इस संशोधन विधेयक के पारित होने के बाद विमानन क्षेत्र की सुरक्षा बढ़ेगी और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की रेटिंग में भी इजाफा होगा। नागर विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने विधेयक को चर्चा और पारित कराने के लिए सदन में रखते हुए कहा कि इस संशोधन का मुख्य मकसद नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए), नागर विमानन सुरक्षा ब्यूरो (बीकैस) और विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) को विधायी स्वरूप प्रदान करना है। अब तक ये तीनों संस्थाएं शासकीय आदेश से चल रही हैं।
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उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस से भारतीय विमानन क्षेत्र के समक्ष चुनौती पैदा हुई है लेकिन इस चुनौतीपूर्ण समय से यह क्षेत्र उबर जाएगा। विधेयक पर चर्चा की शुरुआत करते हुए कांग्रेस के एमके विष्णु प्रसाद ने आरोप लगाया कि इस संशोधन विधेयक का मकसद शक्तियों का केंद्रीकरण करना है।उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में विमानों के दुर्घटनाग्रस्त होने से बाल-बाल बचने की घटनाओं का इजाफा हुआ। एटीसी के अधिकारियों पर काम का दबाव होता है। ऐसे में एटीसी में ज्यादा अधिकारियों की नियुक्ति की जाए।प्रसाद ने कहा कि एअर इंडिया का निजीकरण नहीं होना चाहिए क्योंकि मुश्किल समय में यही विमानन कंपनी देश के काम आती है। चर्चा में भाग लेते हुए भाजपा के जयंत सिन्हा ने कहा कि मोदी सरकार ने देश के सामने वर्षों से खड़ी जटिल समस्याओं का निदान किया और यह विधेयक भी इसी दृष्टिकोण से लाया गया है।
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उन्होंने कहा कि इस कदम से डीजीसीए, बीकैस और एएआईबी को विधायी स्वरूप मिलेगा तथा विमानन क्षेत्र में सुरक्षा बढ़ेगी और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की रेटिंग में भी इजाफा होगा। सिन्हा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना है कि हवाई चप्पल वाला हवाई जहाज का सफर करे और यह मंत्रालय इसी दिशा में काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस को लेकर हवाई अड्डों पर जिस तरह से स्क्रीनिंग की जा रही है उसके लिए पूरे मंत्रालय और कर्मचारियों की सराहना होनी चाहिए। तृणमूल कांग्रेस के कल्याण बनर्जी ने चर्चा में भाग लेते हुए आरोप लगाया कि निजी क्षेत्र की एक विमानन कंपनी के कर्मचारी आम लोगों और खासकर सांसदों के साथ बुरा व्यवहार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे गलत आचरण को रोकने के लिए सख्त कानूनी प्रावधान किए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि एअर इंडिया के निजीकरण के कदम से भी सरकार को पीछे हटना चाहिए।