By अभिनय आकाश | Jan 06, 2025
मशहूर शायर बशीर भद्र ने क्या खूब कहा था कभी 'कोई हाथ भी न मिलाएगा जो गले मिलोगे तपाक से, ये नए हिसाब का मर्ज है जरा फासले से मिला करो।' सदियां बीत गई इंसान खुद को सम्राट मानकर अपना साम्राज्य बढ़ाता चला गया। लेकिन दुनिया ने ये दौर भी देखा जब सलाखों में इंसान और जानवर निडर, बेखौफ होकर सड़कों पर घूमते नजर आए। कोरोना ने इंसान को बदलाव पर इस कदर मजबूर किया कि मजबूरी का नाम ही कोरोना हो गया। कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया को चुनौती दी, एक-एक दिन में सैकड़ों जाने ली। अब चीन में फैले कोरोना जैसे नया वायरस भारत को डरा रहा है। बेंगलुरु के बाद गुजरात के अहमदाबाद में भी ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) का एक मामला सामने आया है। इसके साथ ही देश में एचएमपीबी वायरस के कुल तीन मामले हो चुके हैं। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या पूरी दुनिया एक बार फिर से खतरे में आ गई है। क्या साल 2020 का कोरोना वायरस का एपिसोड वापस से रिपिट होने वाला है, क्या वापस से लॉकडाउन लगने वाला है।
चीन से फिर से आ रहा है नया खतरा
ये वायरस 20-25 साल पहले ही डीटेक्ट किया गया था। लेकिन हाल फिलहाल में चीन के अंदर वहां के अस्पतालों में लोगों की भीड़ उमड़ी है। लोग सीने में दर्द की शिकायत, सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्या लिए अस्पताल में पहुंच रहे हैं। इन सब के बीच हमारे लिए ये जानना जरूरी हो जाता है कि ये नया वायरस आउटब्रेक क्या है? क्या वापस से पूरी दुनिया संकट में है। कोरोना वायरस के समय आपको याद होगा कि सांस लेने में तकलीप होती थी। फेफड़े में समस्या हो जाती थी। उसी तरह का रेस्परेट्री इलनेस लगातार चीन के अंदर चेतावनी दे रहा है। अस्पताल में लोगों की भीड़ उमड़ गई है।
भारत में अब तक कितने केस आएं
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने कर्नाटक में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) के दो मामलों की पुष्टि की है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि तीन महीने की बच्ची को ‘ब्रोंकोन्यूमोनिया’ की शिकायत थी और उसे बेंगलुरु के बैपटिस्ट अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उसके एचएमपीवी से संक्रमित होने का पता चला था। उसे पहले ही अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। ‘ब्रोन्कोन्यूमोनिया’ से पीड़ित आठ महीने के एक शिशु को तीन जनवरी को बैपटिस्ट अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जिसके बाद जांच में उसके एचएमपीवी से संक्रमित होने का पता चला। बताया जाता है कि शिशु के स्वास्थ्य में अब सुधार है। मंत्रालय ने रेखांकित किया कि यह ध्यान देने वाली बात है कि दोनों मरीजों का कोई अंतरराष्ट्रीय यात्रा का इतिहास नहीं है।
पूरे मामले को लेकर केंद्र का क्या कहना है?
दिल्ली में स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय (डीजीएचएस) और स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की अध्यक्षता में ज्वाइंट मॉनिटरिंग ग्रुप की बैठक की गई। जिसके बाद कहा गया कि चीन में स्थिति "वर्तमान फ्लू के मौसम को देखते हुए असामान्य नहीं है। रिपोर्टों से यह भी पता चलता है कि वर्तमान वृद्धि का कारण इन्फ्लूएंजा वायरस, आरएसवी और एचएमपीवी है। बहरहाल, केंद्र सरकार ने कहा कि वह सभी उपलब्ध चैनलों के माध्यम से स्थिति पर बारीकी से नजर रख रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) पहले से ही चीन में स्थिति के बारे में समय समय पर अद्यतन सूचनाएं दे रहा है ताकि संक्रमण से बचाव के उपायों के बारे में और अधिक जानकारी मिल सके। मंत्रालय ने कहा कि देश भर में हाल में की गई तैयारियों से पता चलता है कि भारत श्वसन संबंधी बीमारियों में किसी भी संभावित वृद्धि से निपटने के लिए तैयार है और जरूरत पड़ने पर सार्वजनिक स्वास्थ्य उपाय तुरंत लागू किए जा सकते हैं।
राज्य कैसी तैयारी कर रहे हैं?
एचएमपीवी और अन्य श्वसन वायरस से जुड़े किसी भी स्वास्थ्य मुद्दे के लिए तैयारियों में सुधार के लिए दिल्ली स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा रविवार को स्वास्थ्य दिशानिर्देशों की एक श्रृंखला जारी की गई। सरकार ने अस्पतालों, चिकित्सा पेशेवरों और अन्य हितधारकों को वायरल मामले के अलगाव, रोकथाम और निगरानी में सुधार करने की सलाह दी है। अस्पतालों को IHIP पोर्टल के माध्यम से ILI और SARI मामलों की रिपोर्ट करने का निर्देश दिया गया है। महाराष्ट्र ने इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारियों और गंभीर तीव्र श्वसन संक्रमणों के लिए अपनी निगरानी बढ़ा दी है। स्वास्थ्य सेवा निदेशक डॉ. नितिन अंबाडेकर ने SARI और ILI मामलों की निगरानी बढ़ाने के निर्देश जारी किए। उन्होंने जनता को यह भी आश्वासन दिया कि एचएमपीवी चिंता का कारण नहीं है। तेलंगाना और केरल की सरकारों ने चीन में एचएमपीवी फैलने की खबर के मद्देनजर नागरिकों से चिंता न करने का आग्रह किया है। केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने एक फेसबुक पोस्ट में सभी से मास्क पहनने और बीमारियों से बचाव के लिए अतिरिक्त देखभाल करने का आग्रह किया, खासकर बुजुर्गों, बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए। उन्होंने कहा कि 'हम चीन की स्थिति पर नजर रख रहे हैं। यदि किसी ऐसे प्रकोप का पता चलता है जिसके अन्य क्षेत्रों में फैलने की संभावना है, तो हम इसके प्रसार को बहुत जल्दी रोक सकते हैं। तेलंगाना सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग ने नागरिकों से दिशानिर्देशों का पालन करने का आग्रह किया है, जबकि यह केंद्र में स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ निकटता से समन्वय करता है। सार्वजनिक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण निदेशक डॉ के पद्मावती ने भी लोगों को आश्वासन दिया कि आंध्र प्रदेश सरकार स्थिति पर बारीकी से नजर रख रही है और किसी भी घटनाक्रम के लिए सतर्क है।
महाकुंभ में चीन से आने वालों की एंट्री होगी बैन?
चीनी वायरस से महाकुंभ में भी अलर्ट जारी किया गया है। एचएमपीबी वायरस से महाकुंभ में खौफ है। चीन से आने वालों पर प्रतिबंध की मांग उठी है। संतों ने प्रतिबंध की अपील की है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने मांग की है कि चीन से आ रही फ्लाइटों पर तुरंत प्रभाव से रोक लगाई जाए और महाकुंभ में चीन से आने वालों को बैन किया जाए। उन्होंने ये अपील की कि महाकुंभ में चीन से या वहां की यात्रा करके आया कोई भी व्यक्ति नहीं घुसना चाहिेए।
HMPV वायरस क्या है और कैसे फैलता है?
ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस या एचएमपीवी एक आरएनए वायरस है। ये रेस्पिरेटरी वायरस है। इसमें सामान्य सर्दी जुकाम की तरह ही एक तरह का इंफेक्शन होता है। द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार इस वायरस को वैज्ञानिकों ने पहली बार 2001 में पहचाना था। इससे खांसी या गले में घरघराहट हो सकती है। नाक बह सकती है या गले में खराश हो सकती है। इसका जोखिम ठंड के मौसम में ज्यादा होता है। वायरस खांसने और छींकने से फैलता है। यह वायरस संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से फैलता है।
क्या ये कोरोना वायरस की तरह है
एचएमपीबी वायरस (पैरामाइक्सोविरिडे फैमिली) और कोरोना वायरस (कोरोनाविरिडे फैमिली), दोनों अलग फैमिली का हिस्सा हैं। इसके बावजूद इनमें कई चीजें मेल खाती हैं। दोनों वायरस मुख्य रूप से श्वसन तंत्र को प्रभावित करते हैं।
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