Prabhasakshi NewsRoom: CM Himanta के वादे को 24 घंटे भी नहीं बीते थे, Nagaon Minor Girl Rape Case के आरोपी की मौत की खबर आ गयी

By नीरज कुमार दुबे | Aug 24, 2024

असम के नागांव जिले में तीन व्यक्तियों ने 14 वर्षीय किशोरी से सामूहिक बलात्कार किया और उसे एक तालाब किनारे छोड़ कर भाग गये थे। इस घटना के विरोध में पूरे राज्य में व्यापक पैमाने पर प्रदर्शन हुए। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने इस घटना की जानकारी मिलते ही वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और एक मंत्री को घटनास्थल पर भेजा। मुख्यमंत्री ने मंत्री को पीड़िता का हाल जानने के लिए भी भेजा। मुख्यमंत्री के कड़े निर्देश के चलते दो-तीन घंटे में ही तीनों आरोपी पकड़ लिये गये थे। साथ ही मुख्यमंत्री ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का जो वादा किया था उसे पूरा हुए अभी 24 घंटे भी नहीं हुए थे कि एक आरोपी की मौत की खबर भी आ गयी। बताया जा रहा है कि पुलिस हिरासत से फरार होकर आरोपी उसी तालाब में कूद गया जहां वह घायल अवस्था में लड़की को छोड़ कर भागे थे। बताया जा रहा है कि असम में नाबालिग लड़की से बलात्कार का मुख्य आरोपी शनिवार सुबह पुलिस हिरासत से फरार हो गया और उसने नागांव जिले के धींग में एक तालाब में छलांग लगा दी जिससे उसकी मौत हो गई। पुलिस ने बताया कि आरोपी को शुक्रवार को गिरफ्तार किया गया था और उसे ‘क्राइम सीन’ का पता लगाने के लिए सुबह करीब साढ़े तीन बजे अपराध स्थल पर ले जाया गया था। पुलिस ने बताया, ‘‘आरोपी पुलिस हिरासत से फरार हो गया और तालाब में कूद गया। तत्काल तलाश अभियान शुरू किया गया और करीब दो घंटे बाद उसका शव बरामद किया गया।’’ आरोपी की मौत पर हालांकि कुछ लोग सवाल उठा रहे हैं लेकिन इसका हर जगह स्वागत किया जा रहा है। यहां तक कि आरोपी के समाज ने उसके जनाजे में जाने से इंकार कर दिया है। वहीं स्थानीय महिलाओं ने सरकार से मांग की है कि बाकी दो आरोपियों को उनके हवाले कर दिया जाये ताकि वह उन्हें ऐसी सजा दें जोकि मिसाल बन सके।


जहां तक इस घटना की बात है तो आपको बता दें कि गुरुवार रात लगभग आठ बजे ट्यूशन से पढ़ाई के बाद साइकिल से घर लौट रही नाबालिग पर तीन लोगों ने हमला कर दिया और उसके साथ दुष्कर्म किया। पुलिस ने बताया कि तीन लोग मोटरसाइकिल पर आए और नाबालिग को घेर लिया। पुलिस ने बताया कि उन्होंने उसके साथ दुष्कर्म किया और उसे घायल और बेहोशी की हालत में एक तालाब के निकट सड़क के किनारे छोड़ दिया। कक्षा 10वीं की छात्रा को बाद में स्थानीय लोगों ने देखा और पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने बताया कि उसे पहले क्षेत्र के एक स्वास्थ्य केंद्र में ले जाया गया और बाद में इलाज तथा मेडिकल जांच के लिए नागांव के एक अस्पताल में भेज दिया गया।

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पुलिस महानिदेशक जीपी सिंह घटना की जानकारी मिलने के बाद नागांव पहुंचे और जिला पुलिस के अधिकारियों के साथ अपराध स्थल का दौरा किया। वह पीड़िता के घर भी पहुंचे और उसके माता-पिता तथा परिवार के अन्य सदस्यों से बात की। डीजीपी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैंने घटनास्थल और जांच की प्रगति की समीक्षा की है। जांच सही दिशा में आगे बढ़ रही है। यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम और अन्य प्रासंगिक धाराओं में मामला दर्ज किया गया है।’’ उन्होंने बताया कि पुलिस ने पर्याप्त सबूत जुटाए हैं। पुलिस महानिदेशक ने कहा कि नागांव के पुलिस अधीक्षक को शाम के समय गश्त बढ़ाने का निर्देश दिया गया है, खासकर लड़कियों के शैक्षणिक संस्थानों और ट्यूशन केंद्रों के आसपास के इलाकों में।


जिस अस्पताल में पीड़िता को भर्ती कराया गया है, वहां के एक वरिष्ठ चिकित्सक ने बताया कि उसका इलाज मेडिसिन, सर्जरी और स्त्री रोग विभागों के चिकित्सकों की बहु विशेषज्ञता वाली एक टीम द्वारा किया जा रहा है। चिकित्सक ने कहा, ‘‘उसे भर्ती कराने के बाद, यौन अपराधों की जांच करने वाले दल ने सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली हैं और चिकित्सकों की एक टीम ने उसका उपचार किया। जरूरी जांच की गईं और कानून के अनुसार, कुछ रिपोर्ट पुलिस को सौंप दी गईं।’’ उन्होंने कहा कि नाबालिग को मानसिक आघात से उबरने में मदद करने के लिए मनोचिकित्सकों की एक टीम को भी उपलब्ध कराई गई है। इस बीच, असम के मंत्री पीयूष हजारिका ने ट्वीट किया, "नगांव में इलाज करा रहे ढींग के पीड़ित युवा के स्वास्थ्य की स्थिति के बारे में जानकारी ली। डॉक्टर ने बताया कि पीड़िता की हालत में सुधार हो रहा है। सभी से वादा किया कि हमारी सरकार ऐसे जघन्य अपराध करने वाले अपराधियों को नहीं बख्शेगी।”


जहां तक मुख्यमंत्री के बयान की बात है तो आपको बता दें कि उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘नाबालिग लड़की के साथ ऐसा जघन्य अपराध करने की हिमाकत करने वाले अपराधियों को कानून बख्शेगा नहीं। मैंने पुलिस महानिदेशक और जल संसाधन मंत्री पीयूष हजारिका को धींग क्षेत्र में पहुंचकर सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।’’ मुख्यमंत्री सरमा ने आरोप लगाया कि लोकसभा चुनाव के बाद, ‘‘एक खास समुदाय के सदस्यों का एक वर्ग बहुत सक्रिय हो गया है और उन्हें ऐसे अपराध करने के लिए बढ़ावा दिया गया। हालांकि, हम अपराधियों पर कड़ी कार्रवाई करेंगे और किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।’’ उन्होंने बताया कि पिछले दो माह में महिलाओं के खिलाफ ऐसे 22 अपराध दर्ज किए गए और राज्य में यह 23वीं ऐसी घटना है। उन्होंने कहा, ‘‘निचले और मध्य असम और बराक घाटी जिलों में लोग लगातार डर के साय में जी रहे हैं जहां स्वदेशी लोग अल्पसंख्यक बन गए हैं। ऐसे लोग जो इन क्षेत्रों में नहीं रहते, वह यहां की स्थिति का अंदाजा नहीं लगा सकते।’’ मुख्यमंत्री ने सभी से स्वदेशी लोगों के इन मुद्दों को गंभीरता से लेने का अनुरोध किया। सरमा ने कहा, ‘‘हमें इन जघन्य अपराधों के पीछे असली अपराधियों की पहचान करनी चाहिए और हिंदू समाज के भीतर समुदायों को दोष देने में नहीं उलझना चाहिए।’’


हम आपको यह भी बता दें कि समाज के विभिन्न वर्गों के लोग दोषियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर शुक्रवार की सुबह सड़कों पर उतर आए थे। दुकानदारों ने अपने व्यापारिक प्रतिष्ठानों को बंद कर दिया था और सामाजिक तथा राजनीतिक संगठनों ने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई किए जाने और महिलाओं एवं लड़कियों की सुरक्षा सुनिश्चित किए जाने की मांग की। पड़ोसी मोरीगांव जिले में भी विरोध प्रदर्शन हुए। महिलाओं और लड़कियों को सुरक्षा प्रदान करने में राज्य की भाजपा सरकार की कथित विफलता के खिलाफ कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने गुवाहाटी में पार्टी मुख्यालय पर प्रदर्शन किया।

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