By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Apr 24, 2021
नयी दिल्ली। भारत के औषधि नियंत्रण महानिदेशक (डीजीसीआई) ने कोविड-19 के मध्यम लक्षण वाले मरीजों के उपचार के लिये जाइडस कैडिला की वीराफिन के सीमित उपयोग की आपात स्वीकृति दे दी। जैव प्रौद्योगिकी विभाग ने शनिवार को यह जानकारी दी। उसने बताया कि वीराफिन एक पैगाइलेटेड इंटरफेरोन अल्फा-2बी (पेगआईएफएन) है जिसे संक्रमण की शुरुआत वाले रोगियों को त्वचा के नीचे इंजेक्शन के तौर पर दिया गया तो वे अपेक्षाकृत जल्दी ठीक हो गए।
विभाग ने कहा कि अध्ययनों में वीराफिन के सुरक्षित, सहनशील और प्रभावी होने की पुष्टि हुई है।अध्ययन में यह भी सामने आया की वीराफिन विषाणुओं की संख्या को कम करने और रोग को ज्यादा बेहतर तरीके से प्रबंधित करने में भी मददगार है, जिसमें पूरक ऑक्सीजन की आवश्यकता में कमी लाना भी शामिल है जिससे ऑक्सीजन का स्तर घटने से सांस लेने में आ रही परेशानियों को कम किया जा सकता है। जाइडस कैडिला ने शुक्रवार को कहा था कि उसे भारतीय औषध नियामकों से कोविड-19 से संक्रमित वयस्कों को उपचार में पेगआईएफएन के सीमित आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी मिल गई थी।
जैव प्रौद्योगिकी विभाग की सचिव और जैव प्रौद्योगिकी उद्योग शोध सहायता परिषद (बीआईआरएसी) की अध्यक्ष रेणु स्वरूप ने कहा, “सरकार कोविड-19 महामारी के खिलाफ उपचार की रणनीतियों और दखल की दिशा में काम करने के लिये देश के उद्योगों की हर संभव सहायता के लिये प्रतिबद्ध है।” उन्होंने कहा कि वीराफिन को दी गई आपात मंजूरी इस दिशा में एक अन्य पड़ाव है और चिकित्सा सुविधा प्रदाताओं के लिये वरदान है।