कौंन हैं Annapurna Devi, लालू यादव के साथ राजनीति शुरु करने के बाद मोदी सरकार में दूसरी बार बनीं मंत्री

By Anoop Prajapati | Jun 24, 2024

झारखंड की कोडरमा लोकसभा सीट से लगातार दूसरी बार जीत दर्ज करने वालीं अन्नपूर्णा देवी को मोदी 3.0 में कैबिनेट में जगह दी गई है। सरकार में उन्हें महिला और बाल मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई है। अन्नपूर्णा देवी वर्ष 2019 में बीजेपी में शामिल होने के पहले आरजेडी में थीं। अन्नपूर्णा देवी के पति रमेश प्रसाद यादव एकीकृत बिहार में मंत्री थे। लेकिन अचानक रमेश प्रसाद यादव का निधन हो गया। जिसके बाद वर्ष 1998 में विधानसभा का उपचुनाव लड़कर पहली बार कोडरमा की विधायक बनीं।


अन्नपूर्णा देवी का जन्म 2 फरवरी 1970 को दुमका जिले के आजमेरी गांव में हुआ। रांची में स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल करने के बाद उनकी शादी कोडरमा विधायक रमेश कुमार यादव से हुई। एक कृषक परिवार में जन्मी अन्नपूर्णा देवी की प्रारंभिक शिक्षा ग्रामीण परिवेश में हुई थी। शिक्षा के प्रति अन्नपूर्णा देवी का बचपन से ही लगाव रहा, यही कारण वो माध्यमिक शिक्षा ग्रहण करने के लिए अपने गांव से पांच किलोमीटर दूर स्कूल जाती थीं। दुमका से ही मैट्रिक करने के बाद आगे की पढ़ाई पटना से की। बाद में रांची यूनिवर्सिटी से इतिहास में एमए किया।


अन्नपूर्णा देवी को सक्रिय राजनीति में आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव की बड़ी भूमिका रही। लालू प्रसाद के कहने पर ही अन्नपूर्णा देवी राजनीति में आईं। करीब 20 वर्षों तक आरजेडी में रहने के बाद अन्नपूर्णा देवी ने वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के ठीक पहले पाला बदल कर बीजेपी में शामिल हो गईं। बीजेपी में शामिल होने के बाद पार्टी ने उन्हें कोडरमा लोकसभा से प्रत्याशी बनाया और वो चुनाव में विजयी रहीं। पहली बार जीत मिलने के बाद ही अन्नपूर्णा देवी को मोदी कैबिनेट में राज्यमंत्री का दर्जा मिला। अब दूसरी बार जीत मिलने के बाद उन्हें फिर कैबिनेट में मौका दिया गया।


अन्नपूर्णा देवी ने कोडरमा के वरिष्ठ आरजेडी रमेश प्रसाद यादव से विवाह किया। रमेश प्रसाद यादव बिहार सरकार में मंत्री थे, लेकिन उनके निधन के बाद कोडरमा उपचुनाव में अन्नपूर्णा देवी पहली बार विधायक बनीं। एक साल बाद ही वह विधानसभा के चुनाव में पुनः दूसरी बार जीतकर बिहार में खान-भूतत्व राज्य मंत्री बनीं। 15 नवंबर 2000 को झारखंड राज्य बनने के बाद सूबे से बीजेपी की सरकार बनने के बाद अन्नपूर्णा देवी सत्ता से अलग होकर केवल विधायक बन रह गईं। इसके बाद 2005 और 2009 का विधानसभा चुनाव जीती। वर्ष 2013 में हेमंत सोरेन सरकार में जल संसाान मंत्री भी बनीं, फिर 2014 के विधानसभा चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा।

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