Anand Mohan Singh | विरोध के बीच आनंद मोहन की जेल से हुई रिहाई, अपराध और बिहार की राजनीति में क्या रहा योगदान

By रेनू तिवारी | Apr 27, 2023

बिहार के पूर्व सांसद आनंद मोहन गुरुवार सुबह जेल से रिहा हो गए। वह 1994 में आईएएस अधिकारी जी कृष्णय्या की हत्या का दोषी पाये गये थे और इस मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे थे। नीतीश कुमार सरकार ने 10 अप्रैल को उनकी रिहाई की सुविधा के लिए जेल नियमों में बदलाव किया। बिहार सरकार ने आधिकारिक तौर पर 24 अप्रैल की शाम को आनंद मोहन को रिहा करने की अधिसूचना जारी की, जिसमें 27 कैदियों को रिहा करने के नाम भी शामिल हैं।


बाहुबली-राजनेता को उनकी रिहाई की खबर तब मिली जब वह पैरोल पर बाहर थे और सोमवार (24 अप्रैल) को पटना में अपने बेटे की सगाई समारोह में शामिल हो रहे थे। समारोह के दौरान आनंद मोहन को बताया गया कि वह करीब 30 साल पुराने हत्या के एक मामले में जेल से छूटा है।

 

इसे भी पढ़ें: Breaking: कलकत्ता HC ने पश्चिम बंगाल में रामनवमी हिंसा की NIA जांच के आदेश दिए


आनंद मोहन की रिहाई पर IAS ऑफिसर्स एसोसिएशन ने व्यक्त की 'गहरी निराशा'

केंद्रीय सिविल सेवा अधिकारियों का प्रतिनिधित्व करने वाले एक समूह ने आनंद मोहन को मुक्त करने वाले जेल नियमों में बदलाव करने के नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली बिहार सरकार के कदम पर "गहरी निराशा" व्यक्त की और कहा कि यह "न्याय से वंचित करने के समान" है।


इंडियन सिविल एंड एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस (सेंट्रल) एसोसिएशन ने एक बयान में कहा कि बिहार सरकार के कदम से "लोकसेवकों के मनोबल का क्षरण होता है" और उन्होंने अपने फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया। बयान में कहा गया है, "कैदियों के वर्गीकरण नियमों में बदलाव कर गोपालगंज के पूर्व जिलाधिकारी जी कृष्णैया, आईएएस की नृशंस हत्या के दोषियों को रिहा करने के बिहार सरकार के फैसले पर सेंट्रल आईएएस एसोसिएशन गहरी निराशा व्यक्त करता है।"

 

इसे भी पढ़ें: Delhi Metro: मेट्रो में तकनीकी दिक्कत के चलते यात्री परेशान, DMRC ने ट्वीट कर दी जानकारी


बयान में कहा गया है, कैदियों के वर्गीकरण नियमों में बदलाव कर गोपालगंज के पूर्व जिलाधिकारी जी कृष्णैया, आईएएस की नृशंस हत्या के दोषियों को रिहा करने के बिहार सरकार के फैसले पर सेंट्रल आईएएस एसोसिएशन गहरी निराशा व्यक्त करता है।

 

इस बीच जदयू प्रवक्ता अभिषेक झा ने आनंद मोहन की रिहाई की कामना की।


आनंद मोहन को क्यों छोड़ा गया है?

बिहार के पूर्व सांसद 26 अन्य लोगों के साथ जेल से बाहर आए, जो 14 साल से अधिक समय से राज्य की विभिन्न जेलों में बंद थे। 10 अप्रैल को, बिहार सरकार ने मोहन की रिहाई की सुविधा के लिए नियम 481 में बदलाव करते हुए जेल नियमावली, 2012 में बदलाव किया। राज्य सरकार की आधिकारिक अधिसूचना ने 26 अन्य कैदियों को रिहा करने का आदेश दिया, जिन्होंने 14 से 20 साल के बीच जेल में सेवा की थी।


जी कृष्णैया कौन थे?

जी कृष्णैया तेलंगाना के महबूबनगर के रहने वाले थे। वह एक गरीब दलित परिवार से ताल्लुक रखते थे और उन्हें उस समय के सबसे ईमानदार नौकरशाहों में से एक कहा जाता था। 1994 में आनंद मोहन के नेतृत्व वाली भीड़ द्वारा हमला किए जाने के बाद उनकी मृत्यु हो गई।

प्रमुख खबरें

Paralympics 2024: नवदीप ने भाला फेंक में निजी सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन से जीता सिल्वर, भारत की झोली में 29वां मेडल

Paris Paralympic 2024: सिमरन ने महिलाओं की 200 मीटर रेस में जीता ब्रॉन्ज मेडल, भारत की झोली में आया 28वां पदक

आखिरी बार अप्रैल 2023 में बजरंग पूनिया ने जीता था पदक, नौकरी छोड़ राजनीति में की एंट्री, देखें पहलवान की Networth

बृजभूषण सिंह ने विनेश फोगाट पर साधा निशाना, कहा- वह किसी दिन राहुल गांधी को भी फंसा सकती हैं...