अमित शाह ने छह राज्यों के मुख्यमंत्रियों संग इस मुद्दे पर की अहम बैठक

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Aug 26, 2019

नयी दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नक्सलियों के खिलाफ चल रहे अभियानों और वामपंथ अतिवाद से प्रभावित क्षेत्रों में चल रहे विकास कार्यों की सोमवार को समीक्षा की। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। इस बैठक में मुख्यमंत्रियों - नीतीश कुमार (बिहार), नवीन पटनायक (ओडिशा), योगी आदित्यनाथ (उत्तर प्रदेश), कमलनाथ (मध्य प्रदेश), रघुबर दास (झारखंड) और भूपेश बघेल (छत्तीसगढ़) के अलावा नक्सलवाद से प्रभावित 10 राज्यों के शीर्ष पुलिस और अन्य अधिकारियों ने हिस्सा लिया। गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया, ‘‘ गृह मंत्री ने नक्सलियों के खिलाफ चल रहे अभियानों और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में चल रहे विकास कार्यों की समीक्षा की।’’ अर्धसैनिक बलों और गृह मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों ने भी इस बैठक में हिस्सा लिया।

इसे भी पढ़ें: अनुच्छेद 370 को हटाने नहीं बल्कि उसके तरीके का विरोध कर रही है कांग्रेस: सुबोधकांत सहाय

गृह मंत्री का पदभार संभालने के बाद अमित शाह की यह इस तरह की पहली बैठक थी। माओवाद से प्रभावित 10 राज्य - छत्तीसगढ़, झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, बिहार, महाराष्ट्र, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश हैं। गृह मंत्रालय के आकंड़ों के मुताबिक 2009-13 के बीच नक्सल हिंसा के करीब 8,782 मामले सामने आए थे जबकि 2014-18 के बीच 4,969 मामले सामने आए, जो इस हिंसा में 43.4 फीसदी की कमी बताते हैं। मंत्रालय ने बताया कि 2009-13 के बीच सुरक्षा बलों समेत करीब 3,326 लोगों की नक्सली हिंसा में मौत हुई जबकि 2014-18 के बीच 1,321 लोगों की मौत हुई। इसमें कुल 60.4 फीसदी कमी आई। 2019-18 के बीच 1,400 नक्सली मारे गए।  इस साल के शुरूआती पांच महीनों में नक्सल हिंसा के करीब 310 मामलों की खबर आई जिनमें 88 लोग मारे गए।

इसे भी पढ़ें: अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों के हटने से अब जम्मू कश्मीर भारत संघ का अभिन्न अंग हो गया: शाह

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने पिछले महीने कहा था कि सरकार की दृढ़ नीतियों की वजह से हिंसा में कमी आई है और वामपंथ अतिवाद का भौगोलिक प्रसार भी घटा है।  2018 में नक्सली हिंसा की खबरें सिर्फ 60 जिलों में सामने आई। इसमें से दो तिहाई हिंसा सिर्फ 10 जिलों में हुई।  नक्सली हिंसा से निपटने के लिए 2015 में एक राष्ट्रीय नीति एवं कार्य योजना को मंजूरी दी गई थी। इसके तहत सुरक्षा संबंधी कदमों, विकास पहलों के साथ साथ बहुआयामी रणनीति भी अपनाई गई है।

प्रमुख खबरें

अश्विन को लेकर टीम मैनेजमेंट पर भड़के सुनील गावस्कर, जमकर सुनाई खरीखोटी

ब्रिटेन बन रहा इस्लामी फैसलों का बड़ा केंद्र, चल रहीं 85 शरिया अदालतें

5 साल में दिल्ली के लिए आपने क्या किया? BJP के आरोप पर केजरीवाल का पलटवार

IND vs AUS: पहले BCCI को ICC से बताया बड़ा, फिर मार ली अपनी ही बात से पलटी- Video