By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jul 25, 2022
शाह, जो कुछ महीने पहले भोजपुर और रोहतास में कुछ कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए बिहार पहुंचे थे, 2019 के लोकसभा चुनावों के बाद पहली बार राजधानी पटना का दौरा करेंगे। जायसवाल और द्विवेदी ने कहा, “शाह और नड्डा के अलावा कार्यकारिणी में शिरकत करने वाले अन्य लोगों में पार्टी के सभी राष्ट्रीय महासचिव और मोर्चा पदाधिकारी शामिल हैं।” उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम एक और ‘प्रयोग’ के लिए एक कार्यशाला के रूप में काम करेगा, जिसे भाजपा ने हाल ही में हैदराबाद में आयोजित राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में करने का फैसला किया था। दोनों नेताओं ने कहा, “यह तय किया गया था कि पार्टी और उसके सभी मोर्चों के पदाधिकारी आम लोगों को मोदी सरकार की ओर से किए जा रहे कल्याणकारी कार्यों से अवगत कराने के लिए देश के विभिन्न हिस्सों में एक-दो दिन बिताएंगे।” बिहार में भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने 200 विधानसभा क्षेत्रों को चिह्नित किया है, जहां पहले चरण में यह जनसंपर्क अभियान चलाया जाएगा।
इससे यह सवाल उठ रहे हैं कि क्या 243 विधानसभा सीटों वाले बिहार में जनसंपर्क अभियान के लिए 200 विधानसभा क्षेत्रों का चयन गठबंधन की राजनीति की मजबूरी के चलते किया गया है, क्योंकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले जनता दल यूनाटेड (जदयू) के पास 45 सीटें हैं। हालांकि, जायसवाल और द्विवेदी ने कहा, “यह गलत आकलन है। बिहार में हम मोदी सरकार के साथ-साथ राज्य सरकार की भी बात करेंगे। इसके अलावा, बाकी विधानसभा क्षेत्रों को बाद के चरण में शामिल किया जा सकता है।” उन्होंने कहा, “दो दिवसीय कार्यकारिणी से पहले लगभग 800 प्रतिनिधि पटना पहुंचेंगे, निर्धारित स्थानों पर ठहरेंगे और अपनी प्रतिक्रिया साझा करने के लिए सप्ताहांत में समारोह में शामिल होंगे।” बिहार में जद(यू)और भाजपा के संबंधों में हाल-फिलहाल में काफी तल्खी देखने को मिली है। आतंकवाद से लेकर जनसंख्या नियंत्रण कानून की आवश्यकता और सशस्त्र बलों में भर्ती से जुड़ी ‘अग्निपथ’ योजना जैसे मुद्दों को लेकर गठबंधन के सहयोगियों में तीखी बहस हुई है।