By अंकित सिंह | Jul 24, 2023
आम आदमी पार्टी (आप) के सांसद संजय सिंह को सोमवार को राज्यसभा से निलंबित किए जाने पर उनकी पार्टी के सहयोगी राघव चड्ढा ने कहा कि यह निलंबन 'लोकतंत्र की भावना के खिलाफ' है। राज्यसभा के सभापति के निर्देशों का बार-बार 'उल्लंघन' करने के लिए संजय सिंह को मानसून सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया था। सदन के नेता पीयूष गोयल ने उन्हें निलंबित करने का प्रस्ताव रखा, जिसे सदन ने ध्वनि मत से स्वीकार कर लिया। निलंबन के बाद सिंह संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के निकट धरने पर बैठ गए।
निलंबित किए जाने के बाद आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री सदन में आकर मणिपुर की हिंसा पर जवाब क्यों नहीं दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि एक कारगिल के योद्धा की पत्नी को नंगाकर परेड कराया गया। भारत के 140 करोड़ लोगों का सर शर्म से झुक गया है। लेकिन प्रधानमंत्री सदन में आकर जवाब देने के लिए तैयार नहीं है। आप सांसद राघव चड्ढा ने कहा कि 'यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है' कि राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने संजय सिंह को निलंबित कर दिया। उन्होंने कहा कि यह सही नहीं है...यह लोकतंत्र की भावना के खिलाफ है।' आप के राज्यसभा सांसद ने कहा, "सभापति को सांसदों से बात करनी चाहिए और स्वस्थ चर्चा करनी चाहिए।"
मणिपुर में हिंसा तथा आम आदमी पार्टी सदस्य संजय सिंह को संसद के मानसूत्र सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित करने के कारण सोमवार को विपक्षी दलों के हंगामे और नारेबाजी के चलते राज्यसभा की कार्यवाही तीन बार के स्थगन के बाद अपराह्न तीन बजकर एक मिनट पर पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गयी। तीन बार के स्थगन के बाद अपराह्न तीन बजे बैठक फिर शुरू होने पर उपसभापति हरिवंश ने संजय सिंह को मानसून सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित किए जाने का उल्लेख करते हुए उनसे सदन को छोड़कर बाहर चले जाने को कहा। उपसभापति ने कहा कि उन्होंने दो बजे भी आप सदस्य से सदन से हटने का आग्रह किया था लेकिन वह सदन में ही रहे। उन्होंने कहा कि वह एक बार फिर संजय सिंह से आग्रह करते हैं कि वे सदन से बाहर चले जाएं क्योंकि सदन के नियमों के अनुसार निलंबित सदस्य को तुरंत ही सदन से बाहर जाना होता है। इस बीच विपक्षी सदस्यों का हंगामा जारी रहा और उपसभापति ने बैठक को पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया।