मध्य प्रदेश में सरकारी कार्य बेटी की पूजा करने के बाद, स्वत्रंता दिवस पर सीएम ने की कई घोषणाएं

By दिनेश शुक्ल | Aug 15, 2020

भोपाल। मध्य प्रदेश में अब कोई भी सरकारी कार्य बेटी की पूजा करने के बाद ही शुरू किया जाएगा। इसमें सरकारी योजना की शुरुआत और सरकारी कार्यक्रम शामिल रहेंगे। यह घोषणा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल के लाल परेड मैदान के मोतीलाल नेहरू स्टेडियम पर आयोजित स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर की। उन्होनें इस अवसर पर राज्यस्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोह में ध्वजारोहण किया। मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की बधाई दी। मुख्यमंत्री चौहान ने महिला विशेष सशस्त्र बल, जिला बल, शासकीय रेल पुलिस, विशेष शस्त्रबल हॉक फोर्स, एस.टी.एफ., नगर सेना, जेल विभाग और पुलिस बैंड की टुकड़ियों से सज्जित परेड का निरीक्षण किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री चौहान की धर्मपत्नी श्रीमती साधना सिंह, राज्य मंत्रिपरिषद के सदस्य, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, पुलिस महानिदेशक विवेक जौहरी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री एवं सभी उपस्थितों द्वारा भारतमाता की जयघोष के साथ मुख्यमंत्री का संबोधन प्रारंभ हुआ। मुख्यमंत्री चौहान ने राष्ट्र को स्वतंत्रता दिलवाने वाले वीर बलिदानियों के चरणों में नमन करते हुए कहा कि देश के लिए सर्वस्व न्यौछावर करने वालों के सम्मान में भोपाल में निर्मित शौर्य स्मारक में आज भारतमाता की प्रतिमा स्थापित हुई है। यह सभी को राष्ट्र प्रेम, शौर्य और साहस की प्रेरणा देगी। प्रत्येक नागरिक को भोपाल के शौर्य स्मारक में स्थापित इस प्रतिमा के दर्शन करना चाहिए। मुख्यमंत्री पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी का स्मरण किया तथा उनके कथन को उद्धृत किया कि 'भारतभूमि सिर्फ जमीन का टुकड़ा नहीं है। यही जीता जागता राष्ट्रपुरुष है। हिमालय इसका मस्तिष्क है, कश्मीर किरीट है, गौरीशंकर इसकी शिखा है। पंजाब और बंगाल इसकी दो बाहु हैं। दिल्ली दिल है। विंध्याचल कटि है। नर्मदा करधनी है। पूर्वी घाट और पश्चिमी घाट विशाल जंघाएं हैं। कन्याकुमारी इसके पंजे हैं। सागर इसके पग पखारता है। पावस के कुंतल मेघ, काले-काले मेघ केश राशि हैं। सूर्य और चंद्रमा इसकी आरती उतारते हैं। ये वीरों की भूमि है। ये तर्पण की भूमि है। ये अर्पण की भूमि है। इसका कंकर-कंकर शंकर है। इसका बिन्दु-बिन्दु गंगाजल है। हम जिएंगे तो इसके लिए, मरेंगे तो इसके लिए। मरने के बाद जब अस्थियाँ विसर्जित होंगी तो जल से आवाज आएगी, भारत माता की जय। 

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि देश के यशस्वी एवं दूरदर्शी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में शक्तिशाली भारत का निर्माण हो रहा है। अब यह वर्ष 1962 का भारत नहीं है। यदि किसी शत्रु ने भारत की ओर आँख उठाकर देखा तो उसे सबक सिखाने में भारत पीछे नहीं रहेगा। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार ने शहीद सैनिकों के परिवार को एक करोड़ रुपये की राशि, परिवार के एक सदस्य को शासकीय सेवा और भूखंड प्रदान करने का निर्णय लेकर बलिदानियों के प्रति सम्मान का भाव प्रदर्शित किया है। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने चमत्कारी नेतृत्व से असंभव माने जाने वाले कार्यों को संभव कर दिखाया है। कोरोना की चुनौती का उनके सक्षम नेतृत्व में देश ने साहस के साथ सामना किया, देश में सुनियोजित व्यवस्थाएं की गईं और उस पर प्रभावी नियंत्रण किया है।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि हमारी सीमा पर अतिक्रमण करने का दुस्साहस करने वालों को हमारे वीर सैनिकों ने अपने प्राणों की परवाह न कर मुँहतोड़ जवाब दिया। भारतीय सेना के गौरवशाली इतिहास के इस महत्वपूर्ण अध्याय में मध्यप्रदेश के रीवा जिले के फरेदा गाँव के सैनिक दीपक सिंह ने मातृभूमि की रक्षा के लिए अपने प्राणों का उत्सर्ग किया। उन्हें सादर श्रद्धांजलि।

 

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इस दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कुछ प्रमुख घोषणाएँ की जो इस तरह है- 

  • नि:शुल्क खाद्यान्न प्रदाय का महाअभियान आरंभ होगा।
  • 'मेधावी विद्यार्थी योजना' तथा सभी विद्यार्थियों के लिए नि:शुल्क पढ़ाई की व्यवस्था।
  • मेधावी विद्यार्थियों को वितरित होंगे लैपटॉप।
  • प्रदेश में प्रारंभ होंगे सर्व-सुविधायुक्त और गुणवत्तापूर्ण 'सीएम राइज स्कूल'
  • महिला स्व-सहायता समूहों को इस वर्ष 1300 करोड़ रुपये से अधिक का ऋण 4 प्रतिशत ब्याज दर पर दिया जाएगा।
  • 'एक जिला एक उत्पाद' के सिद्धांत पर होगी जिलों की ब्रांडिंग।
  • बेटियों की पूजा से आरंभ होंगे शासकीय कार्यक्रम। बेटी बचाओ अभियान नए सिरे से प्रारंभ होगा।
  • आदिवासियों एवं गरीबों को साहूकारों के चंगुल से मुक्त कराने का अभियान। नियमों के विपरीत 15 अगस्त 2020 तक दिए गए ऋण शून्य होंगे। आवश्यक कानून लाया जाएगा।
  • पुलिस कर्मियों के लिए भोपाल में बनेगा 50 बिस्तरीय सर्व-सुविधायुक्त अस्पताल।
  • 2023 तक 1 करोड़ नल कनेक्शन का लक्ष्य। हर घर तक नल के माध्यम से जल।
  • सभी नागरिक सुविधाएँ ऑनलाइन उपलब्ध करायी जाएंगी।
  • नर्मदा एक्सप्रेस-वे से नर्मदांचल में उद्योगों, ईको टूरिज्म और धार्मिक गतिविधियों को प्रोत्साहन।
  • नये उद्योगों की स्थापना में सरलता के लिए 'स्टार्ट योर बिजनेस इन थर्टी डेज' योजना प्रारंभ होगी।
  • प्रदेश के नागरिकों का 'सिंगल सिटीजन डाटाबेस' तैयार होगा।
  • ग्रामीण जनता को उनके आवासीय भूखंड पर मालिकाना हक दिया जाएगा।
  • कर्मचारियों को देय सभी लाभ दिए जाएंगे।
  • कोरोना काल की तरह आगे भी गरीबों के लिए सस्ती बिजली।

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व में सही समय पर लिए गए सुविचारित निर्णयों के परिणामस्वरूप भारत ने कोरोना संक्रमण से बचाव की दिशा में प्रभावी कार्य किया। मोदी मैन ऑफ़ आइडियाज हैं। कठिन चुनौती भरे समय को अवसर के रूप में लेते हुए उन्होंने आत्म-निर्भर भारत का जो मंत्र दिया है उस पर प्रदेश तेज गति से चल रहा है। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि कोविड की आपदा से निपटने के लिए सरकार ने समाज के सहयोग से आई.आई.टी.टी. अर्थात् “आईडेंटीफाई, आयसोलेट, टेस्ट एण्ड ट्रीट' की रणनीति बनाकर उस पर अमल किया। प्रदेश में लॉकडाउन के दौरान अत्यावश्यक वस्तुओं और सेवाओं की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित की गयी, वहीं दूसरी तरफ चिकित्सा सामग्री एवं अन्य आवश्यक उपकरण जैसे—दवाएँ, मास्क, ग्लब्स, पीपीई किट्स, ऑक्सीजन सिलेंडर, वेंटीलेटर्स, टैस्टिंग लेबोरेटरी और टैस्टिंग किट्स आदि की पर्याप्त उपलब्धता रखी गयी। सरकार के प्रोत्साहन से कोरोना संक्रमण के इलाज के लिए आवश्यक कई सामग्रियों का उत्पादन मध्यप्रदेश में ही प्रारंभ हुआ। रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए 'जीवन अमृत' योजना आरंभ की गई। इसके अंतर्गत 3 करोड़ 80 लाख से भी अधिक व्यक्तियों को आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक एवं यूनानी जीवन-अमृत औषधियाँ तथा रोग-प्रतिरोधक काढ़ा निःशुल्क वितरित किए जा चुके हैं। 

प्रदेश में कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए एक जुलाई से 31 जुलाई, 2020 के मध्य चलाये गए 'किल कोरोना अभियान में घर-घर जाकर शत-प्रतिशत परिवारों का सर्वे किया गया। इसके बाद एक अगस्त से प्रारंभ किए गए दूसरे चरण में सोशल डिस्टेंसिंग एवं मास्क लगाने की अनिवार्यता के संबंध में जनजागरूकता के विस्तार का काम किया। आज से हम सहयोग से सुरक्षा अभियान प्रारंभ कर रहे हैं, जिसका मूल मंत्र 5 शब्द हैं-प्रमोट-अर्थात् सुरक्षा के उपायों को बढ़ावा देना, परपेच्यूएट-अर्थात् परिवर्तित व्यवहार को स्थायी बनाना, प्रोपोगेट-अर्थात् गलत एवं भ्रामक जानकारियों का खण्डन करना, पार्टिसिपेट-अर्थात् कोविड की रोकथाम में जन-सहयोग प्राप्त करना एवं प्रोटेक्ट-अर्थात् कोरोना संक्रमित को किसी भी भेदभाव से बचाना।  मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की जनता से आव्हान करते हुए कहा कि यदि हमें कोरोना की महामारी से आजादी पाना है तो जब भी घर से बाहर निकलें, मास्क अवश्य लगायें। आपस में दो गज यानी कम से कम 6 फीट की दूरी रखें, नियमित अंतराल पर अपने हाथ साबुन से धोते रहें, योग-प्राणायाम, व्यायाम, काढ़ा सेवन आदि के माध्यम से अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ायें। 

 

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मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि कोरोना संकट में सबसे बड़ी चुनौती प्रवासी श्रमिकों के आवागमन का प्रबंधन थी। इस दौरान लगभग 15 लाख श्रमिक एवं उनके परिवारजन प्रदेश लौटे तथा लगभग 5 लाख श्रमिक प्रदेश से गुजरकर अपने राज्यों में गए। हमारा संकल्प था कि मध्यप्रदेश की धरती पर कोई श्रमिक भूखा नहीं सोयेगा और कोई पैदल नहीं चलेगा। सरकार और समाज ने मिलकर इस संकल्प को पूरा किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में श्रमिकों को रोजगार प्रदान करने के लिए बड़ा रोजगार कार्यक्रम “श्रम सिद्धि अभियान' प्रारंभ किया गया, जिसके अन्तर्गत लगभग 61 लाख श्रमिकों का नियोजन हुआ है। प्रवासी मजदूरों को उनके निवास स्थान के समीप रोजगार देने के उद्देश्य से घर-घर सर्वे कर 14 लाख से अधिक श्रमिकों के जॉब कार्ड बनाए गए। अब तक 2400 करोड़ रुपये से अधिक की राशि मजदूरी के रूप में श्रमिकों के खातों में अंतरित की जा चुकी है। मनरेगा अंतर्गत सरकार द्वारा अपने पूर्व निर्धारित लेबर बजट 20 करोड़ 50 लाख मानव दिवस में 66 प्रतिशत वृद्धि करते हुए 34 करोड़ से अधिक मानव दिवस अर्जित करने का लक्ष्य रखा गया। कुशल श्रमिकों और नियोक्ताओं को एक मंच पर लाकर रोजगार उपलब्ध करवाने के लिये रोजगार सेतु पोर्टल प्रारंभ किया गया। पोर्टल के माध्यम से अब तक लगभग 39 हजार प्रवासी श्रमिकों को उनके कौशल के अनुरूप रोजगार प्राप्त हुआ है।

प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर आत्म-निर्भर निधि के माध्यम से प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में 35 प्रकार के छोटे व्यवसायी, ठेला चलाने वाले भाई तथा पथ-विक्रेताओं को कार्यशील पूँजी देने का महाअभियान प्रारंभ किया गया है। योजना के क्रियान्वयन में मध्यप्रदेश, देश में कुल स्वीकृत प्रकरणों में से 47 प्रतिशत से अधिक प्रकरणों की स्वीकृति के साथ शीर्ष पर है। ग्रामीण पथ विक्रेताओं को बिना ब्याज-10 हजार रुपये की कार्यशील पूँजी उपलब्ध कराने के लिए एक नई पहल कर मुख्यमंत्री ग्रामीण स्ट्रीट वेंडर ऋण योजना प्रारंभ की गयी है। इसके अंतर्गत कामगार सेतु पोर्टल पर अब तक लगभग 8 लाख 50 हजार पंजीयन हो चुके हैं। मध्य प्रदेश, देश का ऐसा कल्याणकारी राज्य है, जहाँ अंतिम पंक्ति के अंतिम व्यक्ति को संबल योजना के माध्यम से जन्म से लेकर मृत्यु तक सुरक्षा कवच दिया गया है। विगत चार माह में योजना के विभिन्न घटकों के अंतर्गत लगभग 25 हजार से अधिक हितग्राहियों को लगभग 268 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है।

 

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राज्य सरकार वन नेशन-वन राशन कार्ड की महत्वाकांक्षी योजना का प्रभावी क्रियान्वयन करने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रदेश के ऐसे 24 श्रेणियों के पात्र लगभग 37 लाख हितग्राही, जिनके पास राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत पात्रता पर्ची नहीं है, उन्हें भी 31 अगस्त, 2020 तक पात्रता पर्ची जारी कर निःशुल्क खाद्यान्न प्रदाय किया जाने का महाभियान प्रारंभ किया गया है। सरकार ने 15 अप्रैल से गेहूँ उपार्जन का कार्य प्रारंभ किया, जो एक बड़ी चुनौती थी। किसान भाइयों के सहयोग से उपार्जन में हम देश में नंबर एक बन गए हैं। पंजाब को पीछे छोड़ते हुए एक करोड़ 29 लाख 42 हजार मीट्रिक टन से अधिक गेहूँ लगभग 15 लाख 81 हजार किसानों से उपार्जित किया गया। किसानों को 24 हजार 800 करोड़ रुपए से अधिक का भुगतान भी समय पर किया गया।  किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर फसल ऋण उपलब्ध कराने की योजना सतत जारी रखी गई है। हमारी सरकार ने वर्ष 2018-19 की फसल बीमा की प्रीमियम राशि 2200 करोड़ रुपये का भुगतान बीमा कंपनियों को किया, जिससे 16 लाख किसानों को फसल हानि के 3100 करोड़ रुपये प्राप्त हुए। वर्ष 2019-20 के प्रीमियम का भी भुगतान किया जाएगा, जिसके फलस्वरूप किसानों को 4 हजार करोड़ रुपए से अधिक का भुगतान होगा। किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य दिलाने के उद्देश्य से मण्डी अधिनियम में संशोधन किए गए। एक ही लायसेंस से व्यापार करने, निजी क्षेत्र में मण्डियों की स्थापना एवं कृषि उपज को किसान के द्वार से सीधे खरीदने की सुविधा दी गई है। 

आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश अभियान के अंतर्गत अगले तीन वर्ष में प्रदेश में 1000 नवीन कृषक उत्पादक संगठनों का सृजन कर इन्हें पूँजी अनुदान, क्रेडिट गारंटी और प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रदेश में बड़ी संख्या में खाद्य प्रसंस्करण इकाईयां स्थापित की जाएंगी। नर्मदा नदी मध्यप्रदेश की जीवन-दायिनी है। मध्यप्रदेश को आवंटित 18.25 एम.ए.एफ. नर्मदा जल का उपयोग सुनिश्चित करने के लिए रणनीति पर काम चल रहा है। नर्मदा कछार में 2.85 मिलियन एकड़ फिट अतिरिक्त जल भण्डारण के लिये 13 हजार 544 करोड़ रुपये लागत की 8 नवीन परियोजनाओं की स्वीकृतियाँ प्रदान की गई हैं। राज्य शासन द्वारा साँवेर परियोजना सहित अनेक सिंचाई परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। 

 

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महिला सशक्तिकरण के लिए प्रदेश में महिला स्व-सहायता समूहों के लिए कम ब्याज पर ऋण दिलाने का निर्णय लिया गया है। मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि इस वर्ष 1300 करोड़ रुपये से अधिक का ऋण 4 प्रतिशत की ब्याज दर पर प्रदान किया जाएगा।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश की कल्पना को साकार करते हुए कोविड-19 आपदा के दौरान प्रदेश के 20 हजार से अधिक स्व-सहायता समूह सदस्यों द्वारा एक करोड़ 12 लाख से अधिक मास्क, एक लाख 12 हजार से अधिक पी.पीई. किट्स, 96 हजार लीटर सेनिटाइजर तथा 2 लाख से अधिक साबुन बनाकर विक्रय किए गए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में हर पात्र अनुसूचित जनजाति वर्ग के व्यक्ति को वनाधिकार पट्टे प्रदान किए जा रहे हैं। प्रदेश भर में निरस्त किये गये दावों का पुनः परीक्षण जा रहा है, ताकि कोई भी पात्र व्यक्ति पट्टे से वंचित न रहे। इन्हें साहूकारों के चंगुल से मुक्त कराने के लिए सरकार ने निर्णय लिया है कि अनुसूचित क्षेत्रों में अनुसूचित जनजाति को नियमों के विपरीत 15 अगस्त, 2020 तक दिए गए ऋणों को अब नहीं चुकाना होगा।  आदिवासी भाई-बहनों द्वारा संग्रहित की जाने वाली विभिन्न लघु वनोपज जैसे-हर्रा, बहेड़ा, सालबीज, महुआ, अचार गुठली, नागरमोथा आदि के मूल्यों में वृद्धि की जाकर उनका उपार्जन किया गया। तेंदूपत्ता संग्रहण के पारिश्रमिक के साथ-साथ गत वर्ष के बोनस की राशि कुल 580 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया। प्रदेश की अति पिछड़ी जनजातियों-सहरिया, बैगा एवं भारिया जनजाति की 2 लाख 22 हजार से अधिक महिलाओं के खातों में लगभग 80 करोड़ रुपये की राशि अंतरित की गयी है।

 

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा की कि 89 अनुसूचित लोगों के अलावा सभी क्षेत्रों में अवैध रूप से नियम विरुद्ध तथा अधिक ब्याज दर पर साहूकारों द्वारा गरीबों को 15 अगस्त 2020 तक दिया गया ऋण भी शून्य हो जाएगा। इसके लिए आवश्यक अधिनियम शीघ्र लाया जाएगा। पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण को 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 प्रतिशत किये जाने के संबंध में सरकार पूरी मजबूती के साथ माननीय न्यायालय के समक्ष अपना पक्ष रख रही है। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि सरकार मेधावी विद्यार्थी योजना लागू कर रही है तथा सभी विद्यार्थियों के लिए नि:शुल्क शिक्षा की व्यवस्था कर रही है। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक तथा विमुक्त घुमक्कड़ एवं अर्धघुमक्कड़ जातियों के 55 लाख 73 हजार से अधिक छात्र-छात्राओं को 513 करोड़ रुपये से अधिक की छात्रवृत्ति प्रदान की गई है। अनुसूचित जाति के बालक-बालिकाओं को अच्छी शिक्षा देने के उद्देश्य से प्रदेश में ज्ञानोदय आवासीय विद्यालयों का संचालन किया जा रहा है। सामान्य निर्धन वर्ग के विद्यार्थियों को पात्रतानुसार विभिन्न छात्रवृत्तियाँ दी जा रही हैं। राज्य में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए लागू आरक्षण सुविधा का लाभ प्रदान किया जा रहा है। 

विगत पाँच माह की अवधि में विभिन्न प्रकार की सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजनाओं में 47 लाख 54 हजार से अधिक हितग्राहियों के खातों में लगभग 14 सौ करोड़ रुपये से अधिक की राशि जमा करायी गयी है। कोरोना संकट में गरीब और कमजोर वर्गों पर पड़े विपरीत प्रभाव के मद्देनजर बिजली के बिलों में भी बड़ी राहत दी गई है। 100 रुपये तक बिल आने पर 50 रुपये, 100 रुपये से 400 रुपये तक बिल आने पर 100 रुपये तथा 400 रुपये से अधिक बिल आने पर पहले आधी राशि जमा करने का प्रावधान किया गया। उद्योगों को भी बिजली बिलों में लगभग 1000 करोड़ रुपये की राहत दी गई है। कोरोना संकट काल में विद्यार्थियों की शैक्षिक निरंतरता को बनाये रखने के लिये “हमारा घर हमारा विद्यालय' योजना लागू की गयी है, ताकि विद्यार्थी घर पर ही अध्ययन कर सकें। राज्य सरकार ने माध्यमिक शिक्षा मण्डल, मध्यप्रदेश द्वारा आयोजित कक्षा 12वीं के मेधावी विद्यार्थियों को लैपटॉप के लिए 25 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि एवं प्रशस्ति-पत्र प्रदान किए जाने की योजना को पुनः प्रारंभ कर दिया है। 

गत दिनों प्रधानमंत्री ने रीवा में 750 मेगावॉट की 'अल्ट्रा मेगा सोलर परियोजना' का लोकार्पण किया। यह विश्व की सौर ऊर्जा उत्पादन करने वाली बड़ी इकाइयों में से एक है। राज्य सरकार ओंकारेश्वर में 3000 करोड़ रुपये की लागत से 600 मेगावॉट का विश्व का सबसे बड़ा 'फ्लोटिंग सोलर पॉवर प्लांट' तैयार करेगी। चंबल क्षेत्र के सर्वांगीण विकास के लिये चंबल प्रोग्रेस-वे को फास्ट-ट्रेक मोड में विकसित किया जायेगा। लगभग 6 हजार करोड़ रुपये की लागत से बनने वाला 309 किलोमीटर लंबाई का चंबल प्रोग्रेस वे श्योपुर, मुरैना एवं भिण्ड से होते हुए राजस्थान एवं उत्तरप्रदेश की सीमाओं को जोड़ेगा। अमरकंटक से होकर अलीराजपुर के रास्ते गुजरात को जाने वाले लगभग 1300 किलोमीटर लंबाई के नर्मदा एक्सप्रेस-वे से जुड़े चिन्हित क्षेत्रों में नया निवेश लाया जाएगा। रेडीमेड गारमेंट क्षेत्र के उद्योगों में बड़ी संख्या में रोजगार का सृजन होता है। प्रदेश में रेडीमेड गारमेंट क्षेत्र में पूँजी निवेश को प्रोत्साहित करने के लिये उद्योग संवर्धन नीति में बदलाव किया गया है। अब यंत्र, संयंत्र एवं भवन में 25 करोड़ से अधिक पूँजी निवेश करने वाली गारमेंट निर्माण इकाइयों को भी मेगा स्तर की औद्योगिक इकाई माना जाएगा। आत्म-निर्भर भारत पैकेज के अन्तर्गत एमएसएमई क्षेत्र के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं, जिसके अंतर्गत पात्र उद्योगों को कार्यशील पूँजी ऋण की स्वीकृति, तनावग्रस्त एमएसएमई को पुनर्जीवित करने के लिए सबार्डिनेट ऋण की व्यवस्था, मुद्रा योजना अन्तर्गत शिशु श्रेणी के ऋणों के लिये ब्याज अनुदान और इक्विटी में निवेश आदि सम्मिलित हैं। प्रदेश में नए उद्योगों की सरल स्थापना के लिए 'स्टार्ट योर बिजनेस इन थर्टी डेज' प्रारंभ किया जाएगा। इसके लिए 'सिंगल विंडो क्लियरेंस सिस्टम' को अधिक प्रभावी बनाया जायेगा। भारत सरकार की फार्मा पार्क योजना के अन्तर्गत प्रदेश में 'फार्मा पार्क' विकसित किया जायेगा। 

प्रदेश सरकार द्वारा विभिन्न श्रम कानूनों में उल्लेखनीय बदलाव कर उद्योगों और स्थापनाओं को लगाने की प्रक्रिया को सरल किया गया है, ताकि रोजगार के नये अवसर पैदा हो सकें। राज्य सरकार द्वारा तत्कालीन 31 मुख्य खनिजों को गौण खनिज में सम्मिलित किया गया है। इसके लिये नवीन गौण खनिज नीति बनाई जायेगी। युवाओं को कौशल प्रशिक्षण के लिये भोपाल में कौशल विकास परियोजना के अंतर्गत ग्लोबल स्किल्स पार्क और 10 संभागीय आईटीआई के उन्नयन एवं नव-निर्माण का कार्य प्रगति पर है। प्रदेश में थीम आधारित पर्यटन सर्किट अमरकंटक सर्किट, रामायण सर्किट, तीर्थंकर सर्किट, नर्मदा परिक्रमा आदि और अनुभव आधारित पर्यटन जैसे-डायमण्ड टूर, साड़ी मेकिंग टूर को बढ़ावा दिया जाएगा। चित्रकूट से लेकर अमरकंटक तक राम वन गमन पथ का विकास एवं सौंदर्याकरण किया जायेगा। राष्ट्रीय उद्यानों के बफर क्षेत्र में 'बफर में सफर' योजना प्रारंभ की जायेगी। इससे जिससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।

मध्यप्रदेश में नागरिकों का 'सिंगल सिटीजन डेटाबेस' तैयार किया जायेगा। इसके बन जाने से नागरिकों को अलग-अलग योजनाओं अथवा कार्यों के लिए बार-बार जानकारी देने अथवा पृथक-पृथक पोर्टल पर पंजीयन कराने की आवश्यकता नहीं होगी। आजादी के बाद पहली बार हमारी सरकार ने ग्रामीण आबादी क्षेत्र के भू-अभिलेख बनाने का कार्य प्रारंभ किया है। इसके माध्यम से ग्रामीण जनता को उनके आवासीय भू-खण्ड पर मालिकाना हक दिया जाएगा। 

 

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मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं और बेटियों के विरुद्ध अपराध करने वालों के विरुद्ध जीरो टॉलरेन्स की नीति अपनायी गयी है। अपराध करने वाले पूरी मानवता के दुश्मन हैं और उन्हें किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाएगा। पीड़ित व्यक्ति को एफआईआर दर्ज कराने के लिए पुलिस थाने नहीं आना पड़े, इसके लिये सरकार ने 'एफआई आर-आपके द्वार' योजना का प्रयोग भी प्रारंभ किया है।  मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कोरोना संकट के चलते सरकार की राजस्व आय में बहुत कमी आई तथा कोविड व्यवस्थाओं के लिए काफी व्यय हुआ परन्तु जनकल्याण के व्यय में बजट की कमी नहीं आने दी जाएगी। सरकार के खजाने पर पहला हक गरीबों का है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश में हर जिले के विकास के लिए 'एक जिला एक पहचान योजना' बनाई गई है। इसके अंतर्गत प्रत्येक जिले के प्रमुख उत्पाद एवं विशेषता को विकसित कर उसे विश्वस्तर पर प्रसारित किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में रोजगार के अधिक से अधिक अवसर सृजित किए जाएंगे। शासकीय भर्तियों के लिए अभियान तो चलाया ही जाएगा, साथ ही निजी क्षेत्रों में भी अधिक से अधिक रोजगार उपलब्ध कराए जाएंगे। विद्यार्थियों को उनकी 10वीं एवं 12वीं की अंकसूची के आधार पर ही नियोजित किया जाएगा। स्टार्टअप चालू करने के लिए अलग फंड बनाया जाएगा, इक्यूवेशन सेंटर्स की स्थापना की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने सख्त शब्दों में कहा कि मध्यप्रदेश शांति का टापू है और आगे भी बना रहेगा। विभिन्न माफिया, अपराधी, जनता को ठगने वाली चिटफंड कंपनियाँ, कालाबाजारी करने वाले प्रदेश छोड़ दें। उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई के लिए अभियान चलाया जाएगा।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा की कि हमारे पुलिस के साथियों के इलाज के लिए भोपाल में सर्वसुविधायुक्त 50 बिस्तरीय अस्पताल बनाया जाएगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश में बेटियाँ की पूजा से ही सभी सरकारी आयोजन प्रारंभ होंगे। बेटियों का कल्याण हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। प्रदेश में लाड़ली लक्ष्मी योजना के अंतर्गत 78 हजार से अधिक ई-सर्टिफिकेट जारी किए गए हैं। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के अंतर्गत 5 लाख 9 हजार से अधिक हितग्राहियों के बैंक खातों में 84 करोड़ रुपये से अधिक राशि डाली गई है। मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना भी संचालित की जा रही है।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि राष्ट्रीय जल जीवन मिशन के अंतर्गत प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों के प्रत्येक घर में घरेलू नल कनेक्शन के माध्यम से शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है। आगामी चार वर्षों में एक करोड़ से अधिक नल कनेक्शन लगाने के लक्ष्य को वर्ष 2023 तक पूरा करने के लिए मिशन मो़ड पर कार्य शुरु किया गया है। इस वर्ष के लिए सरकार द्वारा मिशन के अंतर्गत 3 हजार करोड़ रुपये से अधिक की योजनाएँ स्वीकृत की गई हैं ताकि वर्ष के अंत तक ग्रामीण क्षेत्र के 26 लाख से अधिक घरों में नल कनेक्शन स्थापित करने का लक्ष्य प्राप्त किया जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में नई शिक्षा नीति को तत्परता के साथ लागू कर ज्ञान, कौशल और संस्कार देने वाली शिक्षा सुनिश्चित की जाएगी। प्रदेश में बड़ी संख्या में सर्वसुविधायुक्त एवं गुणवत्तापूर्ण, 'सीएम राइज स्कूल' प्रारंभ किए जाएंगे तथा 6वीं से ही व्यवसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास पर जोर दिया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा है कि प्रदेश में आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश का रोडमैप तैयार किए जाने के लिए भौतिक अधोसंरचना विकास, सुशासन, शिक्षा, उद्योग एवं रोजगार विषयों पर वेबिनार आयोजित कर विशेषज्ञों के सुझाव प्राप्त कर ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है। इसे नीति आयोग से चर्चा उपरांत इस माह के अंत तक अंतिम रूप दे दिया जाएगा। उन्होंने नागरिकों का आव्हान करते हुए कहा कि वे आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के निर्माण के लिये अपने बहुमूल्य सुझाव सरकार के पोर्टल mp.mygov.in पर दे सकते हैं। आगामी तीन वर्ष के रोडमैप से समृद्ध, समावेशी और आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के निर्माण का मार्ग प्रशस्त होगा।


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