By अंकित सिंह | Jul 24, 2024
कर्नाटक के बाद, पश्चिम बंगाल विधानसभा ने राज्य में राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (एनईईटी) को खत्म करने और मेडिकल की पढ़ाई करने के इच्छुक छात्रों के लिए इसकी जगह एक नई प्रवेश परीक्षा लाने का प्रस्ताव पारित किया। प्रस्ताव में स्वतंत्र और निष्पक्ष परीक्षा आयोजित करने में कथित असमर्थता के लिए राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) की निंदा की गई है और राज्य सरकार से बड़े पैमाने पर सार्वजनिक हित के लिए राज्य में संयुक्त प्रवेश परीक्षा आयोजित करने का आग्रह किया गया है।
इससे पहले सोमवार को कर्नाटक कैबिनेट ने एनटीए द्वारा आयोजित केंद्रीय परीक्षा को रद्द करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी। पिछले हफ्ते, कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने केंद्र सरकार से NEET को खत्म करने और राज्यों को अपनी प्रवेश परीक्षा आयोजित करने की अनुमति देने का आग्रह किया था। उन्होंने कहा था कि नीट परीक्षा में अनियमितता गंभीर है। यह लाखों छात्रों के भविष्य का सवाल है। केंद्र को NEET को ख़त्म करना चाहिए और राज्यों को अपनी प्रवेश परीक्षा आयोजित करने की अनुमति देनी चाहिए। राज्यों द्वारा आयोजित परीक्षणों में देश भर के छात्र भाग ले सकते हैं।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने मंगलवार को नीट-यूजी मुद्दे पर उच्चतम न्यायालय के फैसले की सराहना करते हुए मंगलवार को इसे ‘सत्य की जीत’ बताया और कहा कि मेडिकल प्रवेश परीक्षा के अंतिम परिणाम दो दिनों में घोषित किए जाएंगे। उच्चतम न्यायालय ने नीट-यूजी 2024 के असफल अभ्यर्थियों को बड़ा झटका देते हुए मंगलवार को उन याचिकाओं को खारिज कर दिया, जिनमें विवादों से घिरी इस परीक्षा को रद्द कर दोबारा आयोजित कराने की मांग की गई थी। इसके साथ ही न्यायालय ने कहा कि इसकी विश्वसनीयता के व्यवस्थित तरीके से प्रभावित होने और अन्य गड़बड़ियों को दर्शाने वाली कोई सामग्री रिकॉर्ड में नहीं है।