By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Sep 04, 2020
मुंबई। मुंबई की तुलना पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) से करने के लिए अभिनेत्री कंगना रनौत पर निशाना साधते हुए शिवसेना नेता संजय राउत ने शुक्रवार को महाराष्ट्र सरकार से आग्रह किया कि नगर पुलिस को बदनाम करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। राउत ने कंगना को पीओके की स्थिति देखने के लिए सबसे पहले वहां का दौरा करने के लिए कहा। कंगना ने हाल ही में एक ट्वीट में सवाल किया था कि मुंबई,पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर की तरह क्यों लग रहा है? उन्होंने एक सितंबर की एक समाचार रिपोर्ट को भी टैग किया था जिसमें संजय राउत ने कथित तौर पर कहा था कि अगर वह नगर की पुलिस से डरती हैं तो उन्हें वापस मुंबई नहीं आना चाहिए।
राउत ने शुक्रवार को संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा कि मुंबई पुलिस ने अपने जीवन का बलिदान कर शहर को सभी बाधाओं से बचाया है। राउत ने कहा, ‘‘106 शहीदों के बलिदान के कारण मुंबई महाराष्ट्र का हिस्सा है। अगर वे लोग, जिनका शहर से कोई लेना-देना नहीं है, इसे और इसकी पुलिस को बदनाम करते हैं, तो राज्य सरकार और पुलिस बल के प्रभारी गृह मंत्री को कार्रवाई करनी चाहिए। अन्यथा पुलिस का मनोबल टूटेगा।’’ उन्होंने दावा किया कि मुंबई पुलिस की छवि खराब करने के पीछे एक साजिश है। राउत ने कहा, ‘‘मैं नाम नहीं लूंगा। लेकिन मैं खोखली धमकियां नहीं देता। मुझे कार्रवाई में विश्वास है क्योंकि मैं शिव सैनिक हूं। राज्य के स्वास्थ्य विभाग और गृह विभाग को ऐसे मानसिक मामलों से निपटना चाहिए जो बढ़ रहे हैं। कानून के अनुसार कार्रवाई करें।
उन्होंने कहा कि यह झांसी की असली रानी का अपमान है जो महाराष्ट्र की बहादुर बेटी थीं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रवाद को निचले स्तर पर ले जाया गया है। इस बीच रनौत ने एक ट्वीट में कहा कि उन्होंने नौ सितंबर को मुंबई की यात्रा करने का फैसला किया है। वह अभी मनाली में हैं। उधर, भाजपा नेता आशीष शेलार ने रनौत की टिप्पणी से अपनी पार्टी को अलग कर लिया।
उन्होंने कहा कि कंगना को मुंबई, मुंबईकरों और महाराष्ट्र को पढ़ाने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। संजय राउत को कंगना रनौत के जरिए हम पर हमला नहीं करना चाहिए। भाजपा का कंगना से कोई लेना-देना नहीं है। हमें उनके बयानों से मत जोड़िए।’’ राउत ने कहा कि जो राजनीतिक दल महाराष्ट्र की अस्मिता (पहचान) को पाकिस्तान कहकर हमला करने वालों का समर्थन कर रहे हैं, उन्हें राज्य और मुंबई में वोट मांगने का कोई अधिकार नहीं है।