By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Nov 20, 2019
नयी दिल्ली। आरएसएस संबद्ध एबीवीपी ने मंगलवार को फीस बढ़ोतरी को लेकर प्रदर्शन कर रहे जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ को दिया अपना समर्थन वापस ले लिया और एचआरडी मंत्रालय द्वारा गठित तीन सदस्यीय समिति से विवाद निपटाने की मांग की। गौरतलब है कि करीब तीन सप्ताह से छात्र जेएनयू की छात्रावास नियमावली के मसौदे के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, जिसमें छात्रावास की फीस बढ़ाए जाने, ड्रेस कोड और आवाजाही के समय पर प्रतिबंध का जिक्र है।
इसे भी पढ़ें: JNU छात्रों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज, छात्रसंघ ने कहा- कोई कार्रवाई नहीं होनी चाहिए
केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय ने भी परिसर में सामान्य कामकाज बहाल करने के तरीके सुझाने के लिए सोमवार को तीन सदस्यीय एक समिति का गठन किया है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने दिल्ली पुलिस की उस कार्रवाई की निंदा भी कि जिसमें उसने शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन कर रहे जेएनयू के छात्रों से हाथापाई की और अवरोधक लगाए। साथ ही उसने कहा कि एचआरडी मंत्रालय की समिति को स्वीकार करने के कारण एबीवीपी वाम पंथी इकाई को दिया अपना समर्थन वापस लेता है।
इसे भी पढ़ें: जेएनयू विरोध प्रदर्शन ‘राजनीति से प्रेरित’, शुल्क वृद्धि का मुद्दा बहाना है: गिरिराज
एबीवीपी ने वामपंथी इकाई पर आरोप भी लगाया कि उसके लगातार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और एबीवीपी पर हमला बोलने के बावजूद उसने लगातार इस अभियान का समर्थन किया और संयुक्त लड़ाई की मांग भी की। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के मुख्यालय के बाहर एबीवीपी ने 13 नवम्बर को प्रदर्शन कर विश्वविद्यालय के लिए कोष की मांग भी थी। एबीवीपी ने आरोप लगाया कि वामपंथी इकाई ने कभी एबीवीपी के संघर्ष और प्रयासों को नहीं सराहा, जिसके चलते यूजीसी ने 6.7 करोड़ रुपये की राशि देने का वादा किया था।