By अभिनय आकाश | Jul 25, 2022
दिल्ली के एलजी विनय कुमार सक्सेना ने आबकारी नीति-2021-22 में कथित नियमों और प्रक्रिया का उल्लंघन करने के आरोपों की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश कर आदमी पार्टी (आप) सरकार के सामने नयी मुश्किल खड़ी कर दी है। वहीं इसको लेकर कांग्रेस की भी दिल्ली इकाई ने केजरीवाल सरकार की आबकारी नीति (2021-22) में नियमों के कथित उल्लंघन और प्रक्रियागत खामियों के लिए उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के इस्तीफे की मांग को लेकर आम आदमी पार्टी (आप) कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। पूरे मामले पर आप सरकार मनीष सिसोदिया के साथ खड़ी नजर आ रही है। आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने राज्य सरकार के मंत्री को परेशान किए जाने की सदन में चर्चा की बात करने हुए केंद्र सरकार को निशाने पर लिया है।
आप सांसद संजय सिंह ने कहा कि मनीष सिसोदिया एक ईमानदार शिक्षा मंत्री हैं। वह दिल्ली में 18 लाख बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए चौबीसों घंटे मेहनत कर रहे हैं। उन्हें रोजाना प्रताड़ित करना और उन पर झूठे केस करना राज्य सरकार के कामकाज में बाधा उत्पन्न करने का प्रयास है। संजय सिंह ने कहा कि जिस तरह से केंद्र का हमारे प्रति द्वेष है और जिस तरह से जांच एजेंसियों का हमारे खिलाफ दुरुपयोग किया जा रहा है - मैंने राज्यसभा में नियम 267 के तहत नोटिस दिया कि राज्य सरकारों के मंत्रियों को परेशान करने के लिए ईडी, सीबीआई जैसी एजेंसियों का उपयोग करना सही नहीं है। इस पर सदन में चर्चा होनी चाहिए।
बता दें कि दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 की जांच केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से कराये जाने की अपनी सिफारिश के बाद उपराज्यपाल विनय सक्सेना ने मुख्य सचिव को इस नीति को कथित तौर पर अवैध तरीके से बनाने, संशोधन और कार्यान्वयन में अधिकारियों और नौकरशाहों की भूमिका पर एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। सूत्रों ने बताया कि उपराज्यपाल ने कहा है कि ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कानून के अनुसार उचित कार्रवाई की जाएगी, जिनकी निगरानी में उल्लंघन और चूक हुई है। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया दिल्ली सरकार के आबकारी विभाग के प्रभारी मंत्री हैं। सक्सेना पहले ही केजरीवाल सरकार की आबकारी नीति 2021-22 से संबंधित नियमों के कथित उल्लंघन और प्रक्रियागत खामियों की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश कर चुके हैं।