इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में एसएएफ के ड्राइवर ज्योति प्रसाद शर्मा और उनकी पत्नी नीलम के अंधे कत्ल की गुत्थी पुलिस की सूझबूझ से सुलझ गई। इस हत्याकांड में हत्यारा कोई और नहीं बल्कि मृतक की खुद की नाबालिग बेटी और उसका प्रेमी डीजे उर्फ धनंजय यादव निवासी महावीर मार्ग गांधी नगर निकला।
इस हत्याकांड के खुलासे के लिए पुलिस ने बहुत ही कम समय में दो सौ से ज्यादा सीसीटीवी फुटेज खंगाले और करीब 50 लोगों से पूछताछ की थी। तब जाकर पुलिस को मृतक की नाबालिग बेटी और धनंजय पर शक पुख्ता हुआ जिसके बाद उनकी तलाश की गई। पुलिस ने आरोपी धनंजय को तीन दिन के रिमांड पर लिया है इस दौरान उससे कड़ी पूछताछ की जा रही है।
इंदौर डीआइजी हरिनारायणचारी मिश्र ने बताया कि रुकमणी नगर में गुरुवार को अलसुबह 45 वर्षीय ज्योति प्रसाद शर्मा और उनकी पत्नी नीलम की बेहरमी से हुई हत्या की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची थी। यहां पर पुलिस को उनकी नाबालिग बेटी घटना के बाद से गायब होने से शक हुआ कि बेटी का इस हत्या में कुछ हाथ है। डीआईजी ने बताया कि पड़ताल के दौरान बेटी का पिता पर आरोप लगाते हुए एक पत्र भी मिला, जिसके बाद हत्याकांड का पूरा दृश्य सामने आ गया।
इसके बाद पुलिस की पांच टीमें गठित की गई। साथ ही आरोपियों की तलाश में 200 से ज्यादा सीसीटीवी खंगाले और युवती और उनके प्रेमी से जुड़े करीब 50 लोगों से पूछताछ की गई। मामले में पुलिस ने दोनों को पकड़ने के लिए उनके मिलने जुलने वाले और नजदीकी लोगों के मोबाइल नंबर को टेसिंग पर लगाया। इस सनसनीखेज हत्याकांड में आरोपियों की तलाश के लिए इंदौर पुलिस ने 5 टीमें गठित की थी। इसके अलावा साइबर सेल भी एक्टिव था, इसके चलते कुछ ही घंटों में आरोपियों को पकड़ लिया गया।
नाबालिग ने पुलिस के सामने कबूला कि वह धनंजय के प्यार में इतनी पागल थी कि वह जो कहता वह करती थी। वह उसके लिए परिवार तक से टकराने को तैयार रहती थी। पुलिस गिरफ्त में आने बाद जब दोनों से बात की तो उन्होंने बताया कि वे राजस्थान भागने की फिराक में थे। वहीं पर दोनों नए सिरे से जिंदगी शुरू करते यह उनकी मंशा थी। हत्यारा डीजे बुधवार रात अपनी प्रेमिका के घर एक स्कूटी लेकर आया था। यह स्कूटी उसके किसी दोस्त की थी, जिसे उसने यह कहकर लिया था कि उसके पिताजी की तबीयत खराब है। घटना के बाद वह घटना स्थल से सीधे अपने दोस्त के घर पहुंचा, लेकिन उसने लड़की को थोड़ा पहले ही उतार दिया था। उसकी स्कूटी देने के बाद वह अपने घर गया और अपनी बाइक लेकर लड़की के पास आया और यहां से उसे बिठाकर रतलाम वाली रोड पर गाड़ी दौड़ा दी।
वही दोहरा हत्याकांड वह भी पुलिसकर्मी और उनकी पत्नी का और आरोपी भी अज्ञात तो शंका मृतक की नाबालिग बेटी पर ऐसे में पुलिस के सामने चुनौती थी कि जल्द से जल्द इस हत्याकांड का खुलासा किया जाए। डीआईजी हरिनारायणचारी मिश्र घटना की जानकारी लगते ही खुद मौके पर पहुंचे और अपने अधिकारियों को जांच के निर्देश दिए। वही एएसपी प्रशांत चौबे और एरोड्रम थाना प्रभारी राहुल शर्मा सहित अन्य अधिकारियों ने भी इस हत्याकांड के आरोपियों को जल्दी से जल्दी गिरफ्तार करना चुनौती के रूप में स्वीकार किया।
जबकि डीआईजी के निर्देश पर बनी पांच पुलिस टीमों की मशक्कत से यह तो पता लगा लिया कि आरोपी धनंजय उर्फ डीजे और मृतक ज्योति प्रसाद शर्मा की नाबालिग बेटी का इस हत्याकांड में हाथ है। इस टीम ने डीआईजी मिश्र के निर्देश पर जल्दी से जल्दी सबूत जुटाए और आखिरकार चंद घंटों में ही यह तय होने के बाद कि हत्या में मृतक की नाबालिग बेटी का प्रेमी धनंजय शामिल है तो उसकी तलाश शुरू की गई। यह अधिकारियों की कार्यकुशलता का ही परिणाम था कि जैसे घटना को पूरे 24 घंटे भी नहीं बीते थे कि इस दोहरे हत्याकांड का पूरा पर्दाफाश हो गया।