Lockdown के 9वें दिन डॉक्टरों, स्वास्थ्य कर्मियों पर बढ़े हमले, केंद्र ने बढ़ाई सख्ती

By नीरज कुमार दुबे | Apr 02, 2020

भारत में कोरोना वायरस की महामारी के बीच चिकित्सकों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और पुलिस कर्मियों पर हमले की घटनाओं ने उनकी सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ा दी है। अधिकारियों ने ऐसी घटनाओं को बरदाश्त नहीं करने की चेतावनी दी है। पुलिस ने बताया कि उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में सेना के जवान ने कथित रूप से एक महिला की गोली मारकर हत्या कर दी क्योंकि उसके रिश्तेदार ने जवान के परिवार को उन लोगों की सूची में शामिल किया था जो कोरोना वायरस संक्रमण की महामारी के बीच आए थे। इंदौर के टाटपट्टी बाखल में बुधवार को दो महिला डॉक्टर उस समय घायल हो गईं जब कोरोना वायरस संक्रमित के संपर्क में आए लोगों का पता लगाने के लिए गए पांच सदस्यीय चिकित्सा दल पर लोगों ने पत्थरबाजी कर दी। पुलिस ने बताया कि मामला दर्ज कर सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इंदौर के जिलाधिकारी मनीष सिंह ने चेतावनी दी कि जिला प्रशासन इस तरह की घटनाओं को बर्दाश्त नहीं करेगा। उधर, हैदराबाद के सरकारी अस्पताल में कोरोना वायरस के संक्रमण की वजह से मरे 49 वर्षीय मरीज के रिश्तेदार ने ड्यूटी पर तैनात डॉक्टरों और अन्य कर्मियों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हमला कर दिया। तेलंगाना के पुलिस महानिदेशक एम महेंद्र रेड्डी ने कहा कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और कोरोना वायरस संक्रमितों का इलाज कर रहे डॉक्टरों और अन्य चिकित्सा कर्मियों को सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी। उधर, बिहार के मुंगेर शहर में स्थानीय लोगों ने पुलिस और चिकित्सा कर्मियों पर उस समय हमला किया जब वे कोरोना वायरस संक्रमितों का नमूना लेने गए थे। कासिम बाजार पुलिस थाने के प्रभारी शैलेश कुमार ने बताया कि बुधवार को जब हजरतगंज इलाके में पुलिस, चिकित्सा कर्मी और एंबुलेंस के साथ त्वरित प्रतिक्रिया टीम गई तब लोगों ने पत्थरबाजी शुरू की दी। उन्होंने बताया कि पत्थरबाजी से पुलिस की जीप को भारी नुकसान हुआ और अतिरिक्त बल बुलाकर स्थिति को नियंत्रण में किया गया।


बेंगलुरु में महिला सामाजिक कार्यकर्ता और मुंबई में एक पुरुष कर्मी पर अलग-अलग घटनाओं में तब हमला किया जब वे दिल्ली के निजामुद्दीन में तबलीगी जमात में शामिल होकर लौटे लोगों का पता लगाने के लिए सर्वे करने गए थे। यह जानकारी दोनों शहरों की पुलिस ने दी। बता दें कि निजामुद्दीन का कार्यक्रम देश में कोरोना वायरस संक्रमण के सबसे बड़े केंद्र के रूप में उभरा है। राज्य की राजधानियों से आई खबरों के मुताबिक गुरुवार को लॉकडाउन का अनुपालन कराने और पृथक रखे गए लोगों को घर में ही रखने के दौरान पुलिस कर्मियों पर हमले किए गए। बेंगलुरु में गुरुवार को सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता अल्पसंख्यक बहुल इलाकों में कोरोना वायरस के संक्रमण के मद्देनजर सर्वे करने गए थे जहां पर उनके साथ बदसलूकी की गई और कर्नाटक सरकार को ऐसा करने वालों के खिलाफ सख्त चेतावनी जारी करनी पड़ी। उल्लेखनीय है कि कर्नाटक में तबलीगी जमात के कार्यक्रम से लौटे लोगों के कोरोना वायरस संक्रमित होने की आशंका को देखते हुए आशा कार्यकर्ता अल्पसंख्यकों के प्रभाव वाले क्षेत्रों में घर-घर जाकर सर्वेक्षण कर रही हैं।


वायरल हुए एक वीडियो संदेश में कृष्णवेणी नाम की आशा कार्यकर्ता ने आरोप लगाया कि स्वास्थ्य कर्मियों का एक समूह शहर के हेगड़े नगर में गया था। वहां के स्थानीय निवासियों ने समूह के लोगों का घेराव किया, उनके मोबाइल छीन लिए और उनसे दुर्व्यवहार किया। उसने बताया, “उन्होंने हमारे बैग और मोबाइल फोन छीन लिये और हमें किसी को फोन करने नहीं दिया। मैं पिछले पांच साल से काम कर रही हूं लेकिन ऐसी स्थिति का सामना कभी नहीं किया।” घटना की निंदा करते हुए स्वास्थ्य मंत्री बी श्रीरामुलु ने यह वीडियो अपने ट्विटर हैंडल पर साझा किया और लिखा, ''डॉक्टर, नर्स, स्वास्थ्य कर्मी दिन-रात कड़ी मेहनत कर रहे हैं। उनकी इज्जत करें। उन पर हमला हुआ तो चुप नहीं बैठूंगा। सावधान।” इस बीच, महाराष्ट्र के शोलापुर में दिल्ली में आयोजित तबलीगी जमात के कार्यक्रम से लौटे लोगों की सूचना देने पर एक व्यक्ति की कथित रूप से पिटाई करने का मामला सामने आया है। पुलिस ने बताया कि पिंपरी गांव के 56 वर्षीय ग्रामसेवक ने तबलीगी जमात के कार्यक्रम में शामिल होने वाले सात लोगों की जानकारी दी थी और उनकी कोरोना वायरस की जांच कराने पर भी जोर दिया था।


उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में जवान शैलेंद्र तीन लोगों के साथ अलीपुर गांव स्थित विनय यादव के घर में घुस गया और हंगामा करने लगा। इन लोगों ने कोलकाता से लौटे शैलेन्द्र और उसके परिवार का नाम बाहर से आये लोगों की सूची में डाल दिया था जिससे वो नाराज था। पुलिस के मुताबिक जब शैलेंद्र और उसके साथी विनय के साथ मारपीट करने लगे तो विनय का भाई दिनेश, भाभी संध्या उसे बचाने के लिये पहुंचे लेकिन इस दौरान शैलेंद्र ने अपनी रायफल से गोली चला दी जिससे संध्या की गोली लगने से घटनास्थल पर ही मौत हो गयी। पुलिस अधीक्षक अजय कुमार पांडेय ने बताया कि कुर्रा पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज कर शैलेंद्र को गिरफ्तार कर लिया गया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बिहार के मधुबनी जिले में पहले हुई घटना में चार पुलिस कर्मी उस समय घायल हो गए जब तबलीगी जमात के समर्थन में गांव के लोग एकत्र हो गए और लॉकडाउन का उल्लंघन करने लगे। उन्होंने बताया कि इस मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है और अन्य को पकड़ने का प्रयास किया जा रहा है। कर्नाटक के मंगलुरु शहर की पुलिस ने बताया कि उसने बेलथांगडी तालुका के नयातारपू गांव में दो पुलिस कर्मियों और स्वास्थ्य कर्मी पर हमला करने के आरोप में चार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। उन्होंने बताया कि जब दो पुलिस आरक्षी और स्वास्थ्य कर्मी घर में पृथक रखे गए व्यक्ति को बिना किसी एहतियात के घूमने पर सवाल किया तो उसने उन पर हमला कर दिया। अधिकारी ने बताया कि उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में एक उपनिरीक्षक और आरक्षी उस समय गंभीर रूप से घायल हो गए जब लॉकडाउन कराने पर गांव वालों ने हमला कर दिया।

 

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दिल्ली में तबलीगी जमात के कार्यक्रम में शामिल होने वाले लोगों को तुगलकाबाद के रेलवे सुविधा केंद्र पर रखा गया है जिन्होंने उनकी देखभाल कर रहे डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों के साथ कथित रूप से दुर्व्यवहार किया और उन पर थूका। उत्तर रेलवे के प्रवक्ता दीपक कुमार ने बताया, ''पृथक केंद्र पर रखे गए लोगों ने कर्मचारियों के साथ दुर्व्यवहार किया और जो खाना परोसा गया उस पर आपत्ति जताई। यहां तक कि उन्होंने डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों पर थूका एवं पृथक केंद्र में घूमना बंद करने से मना कर दिया।''


तबलीगी जमात के 960 विदेशियों के नाम काली सूची में, वीजा रद्द


सरकार ने वीजा शर्तों का उल्लंघन कर तबलीगी जमात की गतिविधियों में शामिल होने के कारण बृहस्पतिवार को 960 विदेशियों के नाम काली सूची में डाल दिए और उनके वीजा को रद्द कर दिया। गृह मंत्रालय के कार्यालय ने दिल्ली पुलिस और अन्य राज्यों के पुलिस प्रमुखों को विदेशी कानून और आपदा प्रबंधन कानून के तहत कानूनी कार्रवाई करने को कहा है, जहां पर ये विदेशी फिलहाल रह रहे हैं। गृह मंत्री के कार्यालय ने ट्वीट किया, ‘‘गृह मंत्रालय द्वारा पर्यटक वीजा पर तबलीगी जमात गतिविधियों में लिप्त पाए जाने के कारण 960 विदेशियों को ब्लैक लिस्ट किया गया है और साथ ही उनका भारतीय वीजा भी रद्द कर दिया गया है।’’


वीडियो संदेश साझा करेंगे


कोरोना वायरस के मद्देनजर देशव्यापी लॉककडाउन के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शुक्रवार को सुबह देश के लोगों के साथ वीडियो संदेश साझा करेंगे। मोदी ने अपने ट्वीट में कहा, ''कल सुबह 9 बजे देशवासियों के साथ मैं एक वीडियो संदेश साझा करूंगा।’’ प्रधानमंत्री ने हालांकि अपने ट्वीट में यह नहीं बताया कि उनके वीडियो संदेश का विषय क्या होगा। गौरतलब है कि देश में कोरोना वायरस के कारण मृतकों की संख्या 53 हो गई है जबकि इससे संक्रमित लोगों का आंकड़ा 2100 के आसपास हो गया है।


गृह मंत्रालय का बयान


इस बीच, कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए देश भर में तबलीगी जमात के सदस्यों और उनके संपर्क में आए करीब 9000 लोगों को अब तक पृथक रखा गया है। यह जानकारी गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दी। केंद्रीय गृह मंत्रालय में संयुक्त सचिव पुण्य सलिल श्रीवास्तव ने नियमित संवाददाता सम्मेलन में बताया कि दिल्ली में तबलीगी जमात के ऐसे करीब 2000 सदस्यों में से 1804 को पृथक (क्वारंटीन) केंद्रों में भेज दिया गया है जबकि लक्षण वाले 334 सदस्यों को अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के परिप्रेक्ष्य में तबलीगी जमात के सदस्यों की पहचान के लिए राज्यों के साथ गृह मंत्रालय के ‘‘पुरजोर प्रयासों’’ के कारण यह संभव हो सका। उन्होंने बताया कि दिल्ली में ऐसे लोगों में 250 विदेशी हैं। श्रीवास्तव ने यह भी कहा कि आपदा के समय सही सूचना दिए जाने की ‘‘सख्त जरूरत’’ है और फर्जी सूचना या अफवाह से भय का माहौल पैदा हो सकता है इसलिए गृह सचिव ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अपने समकक्ष से आग्रह किया था कि एक वेबपोर्टल बनाया जाए जहां लोग कोविड-19 के बारे में सही स्थिति, खबर की पुष्टि कर सकें। उन्होंने कहा कि सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने महानिदेशक स्तर के अधिकारी की देखरेख में एक विशेष इकाई का गठन किया है जहां लोग मेल भेजकर अपने संदेह दूर कर सकते हैं और खबरों की पुष्टि कर सकते हैं।


गृह सचिव का निर्देश


इस बीच सरकार ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को निर्देश दिया है कि लॉकडाउन का उल्लंघन करने वालों और झूठे दावे करने वालों पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और आपदा प्रबंधन कानून, 2005 के संबंधित प्रावधानों के तहत मामले दर्ज होने चाहिए। सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को लिखे पत्र में केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने कहा कि 24 मार्च को जारी लॉकडाउन (बंद) संबंधी कदमों में स्पष्ट उल्लेख है कि ‘‘इन पाबंदी वाले उपायों का उल्लंघन करने वाले किसी भी व्यक्ति पर आपदा प्रबंधन कानून, 2005 की धारा 51 से 60 तक के तहत प्रावधानों के तहत और आईपीसी की धारा 188 के तहत कानूनी कार्यवाही की जा सकती है।’’ उन्होंने कहा कि सार्वजनिक प्राधिकारों और नागरिकों के संज्ञान के लिए आपदा प्रबंधन कानून और आईपीसी के तहत दंडनीय प्रावधानों का व्यापक प्रसार होना चाहिए तथा लॉकडाउन के कदमों का उल्लंघन करने पर कानून प्रवर्तन अधिकारियों द्वारा संबंधित प्रावधानों के तहत कार्रवाई की जाएगी। देश के विभिन्न हिस्सों से बंद के उल्लंघन और कुछ लोगों द्वारा स्वास्थ्य कर्मियों तथा पुलिस से बदसलूकी की खबरों के बीच सरकार ने यह कदम उठाया है।

 

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प्रधानमंत्री मोदी का मुख्यमंत्रियों से आग्रह


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को मुख्यमंत्रियों से कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिये अगले कुछ सप्ताह तक लोगों की जांच करने, संक्रमितों का पता लगाने, उन्हें अलग थलग रखने जैसे उपायों पर ध्यान देने को कहा ताकि जीवन का नुकसान कम से कम हो। उन्होंने लॉकडाउन समाप्त होने के बाद सड़कों पर लोगों की आवाजाही ‘‘क्रमबद्ध ढंग’’ से सुनिश्चित करने के बारे में राज्यों से साझा रणनीति बनाने को भी कहा। पिछले कुछ दिनों में देश में कोरोना वायरस संक्रमण एवं मौत के मामलों में वृद्धि होने के बीच प्रधानमंत्री ने राज्यों के मुख्यमंत्रियों से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये संवाद में कहा कि इससे निपटने के लिये युद्ध स्तर पर काम करना, वायरस के ज्‍यादा संक्रमण प्रभावित क्षेत्र (हॉटस्पॉट) की पहचान करना एवं उन्हें घेरे में लेना और वायरस को फैलने से रोकना अत्‍यंत आवश्‍यक है। प्रधानमंत्री कार्यालय के बयान के अनुसार, मोदी ने कहा कि राज्यों और केंद्र को ‘लॉकडाउन समाप्त होने’ के बाद फिर से सड़कों पर लोगों की आवाजाही क्रमबद्ध ढंग से सुनिश्चित करने के बारे में साझा रणनीति अवश्‍य तैयार करनी चाहिए। उन्होंने राज्यों से विचार-मंथन करने और इस रणनीति के बारे में सुझाव भेजने को कहा। प्रधानमंत्री ने कहा कि लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि कम-से-कम लोगों की जान जाए। उन्होंने कहा, ''अगले कुछ हफ्तों के दौरान भी परीक्षण, मरीजों के संपर्क में आए लोगों का पता लगाने, आइसोलेशन और क्‍वारंटाइन पर निरंतर फोकस होना चाहिए।’’ उन्होंने आवश्यक चिकित्सा उत्पादों की आपूर्ति बनाए रखने और दवाओं एवं चिकित्सा उपकरणों के निर्माण के लिए कच्चे माल की उपलब्धता सुनिश्चित करने की जरूरत भी बतायी।


एयर इंडिया को अनुमति


उधर, कोरोना वायरस पर अंकुश के लिए देश में लागू 21 दिन की बंदी के बीच एयर इंडिया को चीन के अधिकारियों से चिकित्सा सामान की आपूर्ति के लिए शंघाई और हांगकांग के लिए कार्गो उड़ान की अनुमति मिल गई है। एयर इंडिया के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक राजीव बंसल ने यह जानकारी दी। बंसल ने कहा, ‘‘हमने चीन से शंघाई और हांगकांग के लिए दिल्ली से कार्गो उड़ान की अनुमति मांगी थी। चीनी पक्ष की ओर से कुछ नियामकीय दिक्कतें आ रही थीं।’’ उन्होंने कहा कि चीन से आने वाले कार्गो में चिकित्सा आपूर्ति होगी।


श्रम संगठनों की मांग


उधर, विभिन्न श्रमिक संगठनों ने लोगों को नौकरी से निकाले जाने तथा वेतन में कटौती पर रोक लगाने के लिये श्रम मंत्री संतोष गंगवार को पत्र लिखकर हस्तक्षेप की मांग की है। संगठनों ने असंगठित क्षेत्र के 40 करोड़ से अधिक कामगारों के लिये आय में समर्थन देने की भी मांग की। दस श्रमिक संगठनों इंटक, एटक, एचएमएस, सीटू, एआईयूटक, टीयूसीसी, सेवा, एआईसीसीटीयू, एलपीएफ और यूटक ने श्रम मंत्री को संयुक्त पत्र लिखकर ये मांगें की।


21 अप्रैल तक करा सकेंगे नवीनीकरण


इस बीच, सरकार ने कोरोना वायरस महामारी और उसकी रोकथाम के लिये जारी ‘लॉकडाउन’ (बंद) को देखते हुए स्वास्थ्य बीमाधारकों और थर्ड पार्टी मोटर बीमाधारकों को राहत दी है। इसके तहत जिन बीमाधारकों की पॉलिसी का नवीनीकरण 25 मार्च 2020 से 14 अप्रैल 2020 के बीच होना था, वे उसे अब 21 अप्रैल 2020 तक करा सकेंगे। वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि इसके लिये अधिसूचना जारी की गयी है। इसका मतलब है कि ऐसे लोग जिनकी स्वास्थ्य बीमा और थर्ड पार्टी मोटर बीमा पॉलिसी की मियाद 25 मार्च से 14 अप्रैल 2020 के बीच समाप्त हो रही थी वह इनका नवीनीकरण 21 अप्रैल तक करा सकेंगे। यानी इस दौरान ये पॉलिसी वैध रहेंगी।


कांग्रेस कोविड-19 पर ‘तुच्छ राजनीति’ कर रही


केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस की आलोचना करते हुए कहा कि विपक्षी पार्टी कोरोना वायरस के मुद्दे पर ‘तुच्छ राजनीति’ कर रही है और उसे लोगों को ‘गुमराह’ करने की बजाए देशहित में सोचना चाहिए। शाह की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई जब कुछ ही घंटे पहले कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सरकार पर देशव्यापी लॉकडाउन को बिना योजना बनाए लागू करने का आरोप लगाया और कहा कि इससे लाखों लोगों को परेशानी हुई है। गृह मंत्री ने अपने ट्वीट में कहा, ''प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में भारत के प्रयासों की घरेलू और वैश्विक स्तर पर प्रशंसा हो रही है। 130 करोड़ भारतीय कोविड-19 को परास्त करने में एकजुट हैं।’’ उन्होंने कहा, ''इसके बावजूद, कांग्रेस तुच्छ राजनीति कर रही है। वक्त की जरूरत है कि वे (कांग्रेस) देशहित में सोचें और लोगों को गुमराह करना बंद करें।''


केजरीवाल का बड़ा ऐलान


इस बीच, दिल्ली सरकार ‘लॉकडाउन’ के कारण शहर में ऑटो रिक्शा, टैक्सी और ई-रिक्शा सहित सार्वजनिक परिवहन वाहनों के चालकों को पांच-पांच हजार रुपये की वित्तीय सहायता देगी। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने यह घोषणा की है। केजरीवाल ने कहा कि सरकार इस कार्य को पूरा करने के तरीके के बारे में विचार कर रही है क्योंकि ऑटो रिक्शा, टैक्सी, ई-रिक्शा, ग्रामीण सेवा, आरटीवी जैसे सार्वजनिक परिवहन के वाहनों के चालकों के बैंक खाते उपलब्ध नहीं हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह सुनिश्चित करेंगे कि शहर में किसी को भी भूखा नहीं रहना पड़े और अगले सात-10 दिनों में सार्वजनिक परिवहन चालकों को वित्तीय सहायता मुहैया करायी जाएगी।


दूरसंचार क्षेत्र के लिए मांगी राहत


दूरसंचार कंपनियों के संगठन सेल्युलर आपरेटर्स एसोसिएशन आफ इंडिया (सीओएआई) ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर क्षेत्र के लिए तत्काल राहत उपाय किये जाने का आग्रह किया है। सीओएआई ने पत्र में कहा है कि कोविड-19 के प्रतिकूल प्रभाव को देखते हुए दूरसंचार कंपनियों के लिए विभिन्न शुल्कों को घटाने के उपाय करने की जरूरत है। उद्योग संगठन ने कहा कि यह महामारी फैलने के बावजूद आपरेटर लोगों, कंपनियों, संचालन सेवाओं, आपात और अन्य सेवाओं को जारी रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। सीओएआई ने कहा कि इस चुनौतीपूर्ण समय में इन सेवाओं को जारी रखना अत्यंत महत्वपूर्ण है।


अर्थव्यवस्था को हर दिन 4.64 अरब डॉलर का नुकसान


देश भर में कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिये जारी ‘लॉकडाउन’ (बंद) से उड़ान, परिवहन के अन्य साधन समेत आर्थिक गतिविधियां पूरी तरह ठप हैं। इससे देश की अर्थव्यवस्था को हर दिन करीब 4.64 अरब डॉलर का तथा पूरे 21 दिन में जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) को 98 अरब डॉलर का नुकसान होगा। रेटिंग एजेंसी एक्यूट रेटिंग्स एंड रिसर्च ने यह बात कही है। कोरोना वायरस के तेजी से फैलने से वैश्विक अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई हैं। भारत में इसके कारण मार्च के शुरू से ही आंशिक बंद की स्थिति थी और 25 मार्च से इसमें पूर्ण बंद की घोषणा की गयी। साख निर्धारण एजेंसी ने एक बयान में कहा, ‘‘देशव्यापी बंद 15 अप्रैल से समाप्त होगा। लेकिन महामारी के तेजी से फैलने पर आर्थिक गतिविधियों के लंबे समय तक प्रभावित रहने का खतरा है।’’


महत्वपूर्ण अध्यययन रिपोर्ट


वैज्ञानिकों का मानना है कि देश में 21 दिन के लॉकडाउन की वजह से कोरोना वायरस के संभावित मामलों में बंद के 20वें दिन तक 83 फीसदी कमी लाने में मदद मिल सकती है। उत्तर प्रदेश के शिव नादर विश्वविद्यालय के अनुसंधानकर्ताओं के अध्ययन ने इस बंद को लेकर उम्मीद की किरण जगाई है क्योंकि लक्षण दिखने वाले लोगों को इस वजह से एक या दो दिन में ही अलग किया जा रहा है। अध्ययन में यह बात भी कही गयी है कि अगर बंद के रूप में हस्तक्षेप नहीं किया जाता तो संक्रमित लोगों की अनुमानित संख्या 2,70,360 तक पहुंच जाती और 5,407 लोगों की मौत हो जाती।


वायरस के बाद चीन में जीवन


चीन में कोरोना वायरस के प्रकोप के बाद की जिंदगी स्मार्टफोन के एक ग्रीन सिम्बल (संकेत) से चलने लगी है। हरा संकेत एक ऐसा ‘स्वास्थ्य कोड’ है जो बताता है कि यह व्यक्ति संक्रमण के लक्षण से मुक्त है। यह संकेत किसी सबवे में जाने, किसी होटल में प्रवेश या वुहान में दाखिल होने के लिए जरूरी है। वुहान इस वायरस का केंद्र रहा है और यहां दिसंबर में यह महामारी फैल गई थी। इस स्वास्थ्य कोड का बनना इसलिए संभव हो पाया क्योंकि चीन में लगभग सभी लोगों के पास स्मार्टफोन है। चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के पास अपने नागरिकों की निगरानी और उन्हें नियंत्रण में रखने के लिए लोगों की जानकारियों का ‘बिग डेटा’ है। कपड़े का उत्पादन करने वाली कंपनी की एक प्रबंधक वु शेंगहोंग ने बुधवार को वुहान सबवे स्टेशन पर अपना स्मार्टफोन निकाला और वहां लगे एक पोस्टर के बार कोड को अपने फोन से स्कैन किया। इससे उनका पहचान पत्र संख्या और हरा संकेत आ गया। इसके बाद सबवे पर मास्क और चश्मा पहने एक गार्ड ने उन्हें आगे जाने की इजाजत दी। अगर यह कोड लाल आता तो गार्ड को इसकी जानकारी मिल जाती कि या तो वह संक्रमित हैं या उन्हें बुखार और अन्य लक्षण हैं। वहीं येलो कोड यह बताता कि वह संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आई हैं और दो सप्ताह का पृथक समय नहीं बिताया है। इसके बाद उन्हें किसी अस्पताल या घर में पृथक रखा जाता। 51 वर्षीय वु ने कहा कि ‘लाल या पीले कोड’ वाले लोग निश्चित रूप से घर से बाहर नहीं निकल रहे हैं।

 

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विश्व में हाहाकार


दुनियाभर में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों की संख्या बृहस्पतिवार को दस लाख के करीब पहुंच गई है। तो वहीं इस महामारी से स्पेन में मृतकों की संख्या 10,000 के पार पहुंच गई। यूरोप में कोरोना वायरस संक्रमण के पांच लाख से अधिक मामलों की पुष्टि हुई है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चेताया है कि आने वाले दिन और ‘‘भयावह’’ होंगे। ट्रंप ने व्हाइट हाउस में संवाददाताओं से कहा, ‘’ अमेरिका इस खतरनाक वायरस, बेहद खतरनाक वायरस के खिलाफ युद्ध जारी रखेगा। आपने देखा कि यह कितना खतरनाक है खास तौर पर आपने कल की संख्या तो देखी ही होगी।’’


स्पेन में सरकार ने बताया कि पिछले 24 घंटे में देश में 950 और लोगों की मौत हो गई जिसके बाद मृतकों की संख्या 10,003 पहुंच गई है। मैड्रिड सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र है जहां 4,175 लोगों की मौत हुई है और 32 हजार से अधिक मामले सामने आये है। दुनियाभर में वायरस के 9,40,815 मामले सामने आये हैं और 47,836 लोगों की मौत हुई है। इटली के बाद स्पेन में इस वायरस से सबसे अधिक लोगों की मौत हुई है।


पेरिस से प्राप्त खबर के अनुसार यूरोप में कोरोना वायरस संक्रमण के पांच लाख से अधिक मामलों की पुष्टि हुई है। आधिकारिक सूत्रों के आधार पर समाचार एजेंसी एएफपी की गणना के मुताबिक इस महाद्वीप में कोरोना वायरस के 508,271 मामले दर्ज किये गये हैं और 34,571 लोगों की मौत हुई है। इटली सबसे प्रभावित देशों में है जहां 13,155 लोगों की मौत हुई है जबकि स्पेन में 10,003 लोगों की इस महामारी से जान गई है।


बीजिंग से प्राप्त खबर के अनुसार चीन में कोरोना वायरस संक्रमण के 35 और मामले दर्ज किये गये जिससे इस महामारी के मामलों की संख्या बढ़कर 3,318 हो गई है। इस वायरस से सबसे अधिक प्रभावित हुबेई प्रांत में बुधवार को छह और लोगों की मौत होने की पुष्टि हुई। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग (एनएचसी) ने अपनी दैनिक रिपोर्ट में बताया कि हुबेई प्रांत में बुधवार को 37 संदिग्ध नये मामले भी सामने आये हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि 35 नये मामले जो सामने आये है उनमें संक्रमित लोग बाहर की यात्रा करके आये थे और इस तरह विदेश से संक्रमण के मामलों की संख्या 841 हो गई है। काठमांडू से प्राप्त खबर के अनुसार नेपाल में बृहस्पतिवार को कोरोना वायरस का छठा मामला सामने आया। पिछले महीने दोहा से लौटी 65 वर्षीय एक महिला इस वायरस से संक्रमित पाई गई है। तेहरान से प्राप्त खबर के अनुसार ईरान में बृहस्पतिवार को कोरोना वायरस से 124 और लोगों की मौत हो गई जिससे यह संख्या बढ़कर 3,160 हो गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता किनौस जहांपुर ने बताया कि पिछले 24 घंटे में संक्रमण के 3,111 नये मामले सामने आये है और इस तरह संक्रमित मामलों की संख्या बढ़कर 50,468 हो गई है। उन्होंने बताया कि अस्पताल में भर्ती कराये गये 16,711 लोग अब तक स्वस्थ हुए है। यरूशलम से प्राप्त खबर के अनुसार इजराइल के स्वास्थ्य मंत्री याकोव लित्जमैन को कोविड-19 से संक्रमित पाए जाने के बाद पृथक रखा गया है। इसके बाद उनके संपर्क में आने वाले मोसाद प्रमुख योस्सी कोहेन तथा राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मीर बेन शब्बात समेत सभी शीर्ष अधिकारियों को पृथक कर दिया गया है। एक शीर्ष सहायक के संक्रमित पाए जाने के बाद प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू भी पृथक रह रहे थे लेकिन वे अभी तक जांच में संक्रमित नहीं पाए गए। सियोल से प्राप्त खबर के अनुसार उत्तर कोरिया के एक वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारी ने दावा किया कि उनका देश कोरोना वायरस संक्रमण से पूरी तरह मुक्त है। पहले से ही अलग-थलग परमाणु संपन्न उत्तर कोरिया ने चीन में संक्रमण के मामले आने के तुरंत बाद जनवरी में अपनी सीमाएं बंद कर दी थी और इसे रोकने के लिए सख्त कदम उठाए थे। उत्तर कोरिया के केंद्रीय आपात महामारी रोधी मुख्यालय के महामारी रोधी विभाग के निदेशक पाक म्योंग सु ने दावा किया कि देश के प्रयास पूरी तरह सफल रहे। सिंगापुर से प्राप्त खबर के अनुसार सिंगापुर में कोरोना वायरस के संक्रमण से मौत का चौथा मामला सामने आया है। देश में कुल संक्रमित लोगों की संख्या 1,000 तक पहुंच गई है। ब्रेसल्स से प्राप्त खबर के अनुसार बेल्जियम में कोरोना वायरस से मृतकों की संख्या बृहस्पतिवार को एक हजार के पार पहुंच गई। स्वास्थ्य अधिकारियों ने यह जानकारी दी। अधिकारियों ने नियमित संवाददाता सम्मेलन में बताया कि देश में कोरोना वायरस से 1,011 लोगों की मौत हुई है और आधिकारिक तौर पर 15,348 मामले दर्ज किये गये है। लोम से प्राप्त खबर के अनुसार टोगो के राष्ट्रपति फाउरे नासिंगबे ने कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए तीन महीने के आपातकाल और कर्फ्यू लगाने की घोषणा की। इस पश्चिमी अफ्रीकी देश में अब तक कोरोना वायरस के 36 मामले सामने आये है और दो लोगों की मौत हुई है। निकोसिया से प्राप्त खबर के अनुसार साइप्रस ने कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए सभी वाणिज्यिक उड़ानों पर प्रतिबंध की अवधि को और दो सप्ताह यानी 17 अप्रैल तक बढ़ा दिया गया है। ढाका से प्राप्त खबर के अनुसार बांग्लादेश कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए जमानती अपराधों के लिए सुनवाई का इंतजार कर रहे तीन हजार कैदियों को रिहा करने की योजना बना रहा है। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार जेल अधिकारियों ने कैदियों की एक सूची के साथ गृह मंत्रालय को एक प्रस्ताव भेजा है। जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे द्वारा देश में कोरोना वायरस के प्रकोप से मुकाबले के लिए हर घर को पुनः इस्तेमाल के योग्य दो मास्क देने के संकल्प का सोशल मीडिया पर मजाक उड़ाया गया है। कई लोगों ने ट्वीट कर इसे धन की बर्बादी वाला कदम करार दिया है। वहीं, कई लोगों ने कहा है कि जिन घरों में दो से ज्यादा लोग हैं वे क्या करेंगे।


लोगों को सचेत करने के लिए ‘एप’ 


सरकार ने बृहस्पतिवार को एक मोबाइल एप जारी किया है जिससे लोगों को खुद ही कोरोनो वायरस संक्रमण के खतरे और जोखिम का आकलन करने में मदद मिल सकेगी और यदि वे इस गंभीर वायरस से संक्रमित व्यक्ति के नजदीक आते हैं तो अधिकारियों को सतर्क कर सकते हैं। मंत्रालय के एक अधिकारी के अनुसार, एप केवल ताज़ा मामलों का पता लगाएगा और केवल उन्हीं लोगों को सतर्क करेगा जो संक्रमित व्यक्ति के आस-पास रहे हैं। एक सरकारी बयान में कहा गया है, ‘‘इस एप का नाम, 'आरोग्यसेतु' रखा गया है, जो हर भारतीय के स्वास्थ्य और कल्याण के लिए डिजिटल इंडिया में शामिल हुआ है। यह लोगों को खुद ही कोरोनो वायरस संक्रमण को पकड़ने के जोखिम का आकलन करने लायक बनाएगा। यह दूसरों के साथ उनकी बातचीत के आधार पर गणना करेगा, इसमें आधुनिक ब्लूटूथ टेक्नोलॉजी, एल्गोरिदम और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग शामिल है। आईटी मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि यदि कोई व्यक्ति चिकित्सा परीक्षण के दौरान कोरोनो वायरस से संक्रमित पाया जाता है तो संक्रमित व्यक्ति का मोबाइल नंबर स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा बनाए गए रजिस्टर में शामिल होगा और एप पर भी इस सूचना को अद्यतन किया जा जायेगा।


केरल में शराबियों को झटका


केरल उच्च न्यायालय ने नशे के आदी लोगों को शराब खरीदने के लिये विशेष पास जारी करने के राज्य सरकार के आदेश पर तीन हफ्ते के लिये रोक लगा दी है। अदालत ने कहा, ‘’यह निराशाजनक है... यह आपदा को न्योतने का तरीका है। अदालत ने राज्य सरकार से पूछा कि क्या वह साबित कर सकते हैं कि नशे की लत का इलाज शराब से हो सकता है।’’ केरल सरकार चिकित्सा आधिकारी संघ (केजीएमओए) समेत विभिन्न पक्षों की ओर से दायर याचिका पर स्थगन आदेश जारी करते हुए न्यायमूर्ति एके जयशंकरन नंबियार और न्यायमूर्ति शाजी पी चाली की पीठ ने सरकार को इस मामले में एक हफ्ते में जवाब दाखिल करने को कहा। चिकित्सकों के संघ की आपत्ति के बावजूद सरकार ने इस सप्ताह की शुरुआत में शराब के लती लोगों को लॉकडाउन (बंद) के दौरान शराब मुहैया कराने का आदेश दिया था।


पत्नी को पति ने घर पर रखने से इंकार किया


उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के एक व्यक्ति ने कोरोना वायरस संक्रमण के खौफ से मायके से दो माह बाद लौटी पत्नी को घर में रखने से इंकार कर दिया। पड़ोसी बिहार राज्य के सीवान जिला के राजानगर ग्राम की बबिता देवी (28) की शादी पांच साल पहले बलिया निवासी गणेश प्रसाद से हुई थी। दो माह पहले वह मायके सीवान गई थी। बबिता देवी ने पत्रकारों को बताया कि दो माह के अंतराल के बाद जब वह बुधवार को अपने ससुराल पहुंची तो उनके पति ने कोरोना वायरस संक्रमण के डर से उसे घर में रखने से मना कर दिया। पति के इंकार के बाद बबिता जिला अस्पताल पहुँची, फिलहाल वह वहीं हैं।


रस्सी जल गयी पर बल नहीं गये


पाकिस्तान ने गुरुवार को भारत पर जम्मू-कश्मीर की 'जनसांख्यिकीय संरचना को गैर कानूनी रूप से बदलने' का आरोप लगाया। साथ ही नए अधिवास नियम को 'अंतरराष्ट्रीय कानून का सीधा उल्लंघन' करार दिया। भारत सरकार ने बुधवार को नए अधिवास नियमों को जारी किया, जिसके तहत इसमें उनको भी मूल निवासी का दर्जा मिलेगा जो केंद्र शासित प्रदेश में 15 साल से रह रहा है। विदेश कार्यालय ने एक बयान में कहा, ' यह गैर कश्मीरियों को इस क्षेत्र में बसाने के लिए भारत का एक और गैर कानूनी कदम है।' इसमें कहा गया, 'यह चौथी जिनेवा संधि समेत अंतरराष्ट्रीय कानूनों का साफ उल्लंघन है।' विदेश मंत्रालय ने संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से 'इस भारतीय कदम का तत्काल संज्ञान लेने का आग्रह किया और भारत को इस क्षेत्र में जनसांख्यिकीय बदलाव से रोकने की मांग की।'


-नीरज कुमार दुबे


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