तबलीगी जमात के कार्यक्रम में कर्नाटक से 342 लोगों ने हिस्सा लिया, 200 पृथक रखे गये, शेष की खोज जारी
By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Apr 01, 2020
बेंगलुरु। कर्नाटक सरकार उन करीब 150 लोगों की पहचान और तलाश में जमीन आसमान एक कर रही है जो दिल्ली के निजामुद्दीन (पश्चिम) में पिछले महीने हुए तबलीगी- जमात केआयोजन में शामिल हुए थे। इस आयोजन में राज्य के 340 से अधिक लोगों ने हिस्सा लिया था। सरकार के अनुसार, ऐसी खबरें हैं कि तबलीगी-जमात के आयोजन में कर्नाटक के करीब 342 लोगों ने हिस्सा लिया था। आयोजन देश की राजधानी नयी दिल्ली के निजामुद्दीन (पश्चिम) में हुआ था और अब यह जगह देश में कहर बरपा रहे कोरोना वायरस का एक केंद्र बन गई है। राज्य सरकार के अनुसार, 342 लोगों में से 200 का पता चल चुका है और उन्हें पृथक रखा गया है। शेष की खोज जारी है।
इसे भी पढ़ें: सरकार को लॉकडाउन का पालन नहीं करने की शिकायत और विदेश से निकालने के अनुरोध मिले
गृह मंत्री बसवराज बोम्मई ने बताया ‘‘जमात में शामिल, कर्नाटक के लोगों का और उनके संपर्कों का पता लगाने के प्रयास किए जा रहे हैं। यह बहुत बड़ा कार्य है, हम कर रहे हैं।’’ उन्होंने बताया कि इस कार्य के लिए उन्होंने सामुदायिक नेताओं से मदद की अपील भी की है। बोम्मई ने बताया कि इसके अलावा, जमात के आयोजन में शामिल कम से कम 62 विदेशी कर्नाटक लौट आए हैं। इनमें से 12 विदेशी तो अपने अपने देश पहले ही जा चुके हैं और 50 विदेशियों को पृथक रखा गया है। मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा जमात में शामिल होने वालों से खुद ही आगे आकर अधिकारियों को सूचित करने और जांच तथा उपचार कराने की अपील कर चुके हैं। इससे पहले कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री बी. श्रीरामुलु ने ट्वीट कर कहा कि जमात में राज्य से शामिल 200 लोगों को पृथक रखा गया है जिनमें से चार व्यक्ति बेंगलुरु के और पांच बेलगावी के हैं। उन्होंने कहा कि अन्य की पहचान के प्रयास जारी हैं। मंत्री ने ट्वीट किया कि पृथक किए गए लोगों में से 12 को कोविड-19 नहीं होने की पुष्टि हो चुकी है। श्रीरामुलु ने कहा ‘‘संख्या बढ़ सकती है क्योंकि हमें (दिल्ली में आयोजित समारोह में राज्य से शामिल लोगों के बारे में) अब तक ताजा जानकारियां मिलती जा रही हैं।’’ उन्होंने धार्मिक समारोह में शामिल हुए 62 मलेशियाई और इंडोनेशियाई नागरिकों के कर्नाटक आने की जानकारी दी और कहा कि उनमें से 12 लोग अपने-अपने देश जा चुके हैं और शेष 50 को पृथक रखा गया है। उन्होंने कहा, ‘‘गृह विभाग और स्वास्थ्य विभाग उन सभी लोगों की पहचान कर उन्हें पृथक करेगा जो अपने देश जाने की बजाय यहां रह रहे हैं।