By अभिनय आकाश | Feb 02, 2023
सुल्तान सलमान बिन अब्दुल अज़ीज़ अल सऊद और क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के शासनकाल में सऊदी अरब में मौत की सजा 'असामान्य दर' से बढ़ गई है। दो अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों की रिपोर्ट के अनुसार पश्चिम एशिया के सबसे बड़े देश में पूर्व सुल्तान अब्दुल्ला बिन अब्दुल अज़ीज़ अल सऊद के तहत मृत्युदंड की संख्या दोगुनी से अधिक हो गई है। वहीं, रिपोर्ट में मानवाधिकार उल्लंघन और प्रताड़ना जैसी घटनाएं भी बढ़ी हैं।
2015 में अब्दुल्ला की मृत्यु के बाद उनके सौतेले भाई सलमान बिन अब्दुल अज़ीज़ सुल्तान बने। मानवाधिकार संगठन रेप्रीव और द यूरोपियन सऊदी ऑर्गनाइजेशन फॉर ह्यूमन राइट्स ने बताया कि सऊदी अरब में औसत निष्पादन दर 2014 और 2016 के बीच 70.8 प्रतिशत थी। हालाँकि, 2015 में सलमान के सऊदी अरब के सुल्तान बनने के बाद, यह दर उस वर्ष बढ़कर 129.5 प्रतिशत हो गई! हाल के एक आँकड़ों से पता चलता है कि सऊदी अरब में मौत की सजा की दर में असामान्य रूप से वृद्धि हुई है क्योंकि प्रशासनिक कार्यों में क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान का उदय हुआ है। 2022 में उस देश में 147 लोगों को फांसी दी गई थी। उनमें से 81 केवल मार्च में! इनमें कई राजनीतिक आरोपी भी हैं।
युवराज सलमान पर आलोचकों की 'हत्या' करने का भी आरोप लगाया गया है। प्रिंस के कट्टर आलोचक पत्रकार जमाल खशोगी की 2018 में तुर्की के इस्तांबुल में सऊदी दूतावास में कथित तौर पर 'हत्या' कर दी गई थी। आरोप है कि हत्या सलमान के कहने पर की गई है।