UP की बड़ी खबरें: प्रदेश में कोरोना के 128 नए मामले दर्ज, संभव पोर्टल का हुआ उद्घाटन

By प्रेस विज्ञप्ति | Jun 01, 2022

अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य  अमित मोहन प्रसाद ने आज बताया कि प्रदेश में कल एक दिन में कुल 97,054 सैम्पल की जांच की गयी। कोरोना संक्रमण के 128 नये मामले आये हैं। प्रदेश में अब तक कुल 11,45,47,211 सैम्पल की जांच की गयी हैं। उन्होंने बताया कि विगत 24 घण्टों में 146 लोग तथा अब तक कुल 20,55,554 लोग कोविड-19 से ठीक हुए हैं। उन्होने बताया कि प्रदेश में कोरोना के कुल 850 एक्टिव मामले है। प्रसाद ने बताया कि कोविड वैक्सीनेशन का कार्य निरन्तर किया जा रहा है। प्रदेश में कल 31 मई, 2022 को एक दिन में 3,44,280 वैक्सीन की डोज दी गयी है। उन्होने बताया कि प्रदेश में कल तक 18 वर्ष से अधिक लोंगों को कुल पहली डोज 15,32,29,297 तथा दूसरी डोज 13,63,22,522 दी गयी। उन्होंने बताया कि 15 से 17 वर्ष आयु वर्ग को कल तक कुल पहली डोज 1,36,84,584 तथा दूसरी डोज 1,08,76,065 दी गयी है। 12 से 14 वर्ष आयु वर्ग को कल तक कुल पहली डोज 73,41,359 तथा दूसरी डोज 27,69,453 दी गयी। कल तक 31,43,521 प्रीकॉशन डोज दी गयी है। उन्होंने बताया कि कल तक कुल मिलाकर 32,73,66,801 वैक्सीन की डोज दी गयी है। 

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स्वदेश दर्शन स्कीम के तहत गोरखनाथ मन्दिर गोरखपुर को पर्यटन विकास से संबधित तीन योजनाएं पूरी

पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार के स्वदेश दर्शन स्कीम के  स्पिरीचुअल सर्किट-4 के अन्तर्गत गोरखनाथ मन्दिर, गोरखपुर का समेकित पर्यटन विकास के लिए 790.93 लाख रूपये की लागत की 06 परियोजनाएं संचालित की जा रही है। अब तक 756.93 लाख रूपये व्यय करके 03 परियोजनाएं पूरी कर ली गयी है और शेष पर कार्य प्रगति के अन्तिम चरण में है। इन परियोजनाओं को इस महीने के अंत तक पूरा करा लिया जायेगा। यह जानकारी पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री  जयवीर सिंह ने आज यहां देते हुए बताया कि गोरखनाथ मन्दिर पूर्वांचल के सर्वाधिक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों में से एक है। यहां पर दूर-दूर से श्रद्धालु बाबा गोरखनाथ के दर्शन के लिए आते है, उनको बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए विभिन्न निर्माण कार्य कराये जा रहे है। ये सभी कार्य राजकीय निर्माण निगम कार्यदायी संस्था द्वारा किये जा रहे है।  जयवीर सिंह ने बताया कि जोन-1 मेला मैदान का कार्य तथा जोन-2 मन्दिर प्रवेश द्वार तथा जोन-4 लैण्डस्केपिंग का कार्य शत-प्रतिशत पूरा करा लिया गया है। जोन-3 कथा स्थल, जोन-5 टीएफसी, जोन-6 इन्टर सर्कुलेशन, इन्टर लांकिंग टाइल्स, तीर्थ यात्री केन्द्र एलईडी, लाईट पोल तथा सी.सी.टीवी. बेन्च एवं हाईमास्ट का कार्य इस महीने के आखिरी तक पूरा करा लिया जायेगा।

पर्यटन विकास की परियोजनाओं में प्रयोग की जाने वाली सामग्री अधोमानक पाये जाने पर होगी कड़ी कार्यवाही

राज्य सेक्टर के अन्तर्गत झांसी, ललितपुर, जालौन के प्रमुख पर्यटन स्थलों पर साइनेज लगाने का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। यह कार्य वर्ष 2018-19 में स्वीकृत किया गया था। इसके अलावा झांसी मण्डल के जनपद जालौन में मा0 मुख्यमंत्री जी के घोषणा के अन्तर्गत विधानसभा क्षेत्र माधोगढ़, जालौन में स्थित महाकालेश्वर मन्दिर का पर्यटन विकास का कार्य भी पूरा करा लिया गया है। यह जानकारी पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री  जयवीर सिंह ने आज यहां दी उन्होंने बताया कि जालौन जनपद में विधानसभा क्षेत्र उरई में पर्यटन स्थल का विकास कार्य भी पूरा करा लिया गया है। यह तीनों कार्य यूपीपीसीएल कार्यदायी संस्था को सौपा गया था।

पर्यटन मंत्री ने बताया कि जनपद ललितपुर के विकास खण्ड मण्डवरा स्थित मड़वारा पाण्डव वन का पर्यटन विकास, जनपद झांसी में स्थित ऐतिहासिक परीछा बांध परिसर का सौन्दर्यीकरण व ललितपुर के विकास खण्ड जखोरा के कर करावल में बेतवा नदी के जल प्रपात का पर्यटन विकास का कार्य वर्ष 2021-22 में स्वीकृत किया गया था। जिसकों पूरा कराने का कार्य तेजी से कराया जा रहा है।  जयवीर सिंह ने बताया कि जनपद झांसी में एसडीजी-07 सस्ती एवं प्रदूषण मुक्त ऊर्जा के लक्ष्य की पूर्ति हेतु पर्यटन विभाग की आवासीय ईकाईयों टूरिस्ट गेस्ट हाउस में सौर ऊर्जा संयंत्रो की स्थापना से संबधित परियोजना तथा जनपद ललितपुर ग्राम मसौरा कलॉ स्थित प्राचीन हनुमान मन्दिर का जीर्णोंद्धार का कार्य तेजी से कराया जा रहा है, इसके लिए अपेक्षित धनराशि अवमुक्त कर दी गयी है।

चयनित हज यात्री शेष धनराशि तत्काल जमा करे

उत्तर प्रदेश राज्य हज समिति के सचिव/कार्यपालक अधिकारी  एस.पी तिवारी ने बताया कि हज कमेटी आफ इण्डिया मुम्बई द्वारा निर्गत सकुर्लर- 28 दिनांक 01 जून, 2022 द्वारा  चयनित हज यात्रियों को जिन्होंने अपनी तीन किस्तें जमा कर दी हैं, उन्हें शेष धनराशि रु 5300/- प्रत्येक को तत्काल जमा करना है। हज कमेटी आफ इण्डिया मुम्बई के स्टेट बैंक आफ इण्डिया में संचालित खाता संख्या 38415930637 व यूनियन बैंक आफ इण्डिया का खाता संख्या 318702010406009 में या ऑनलाइन वेबसाइट www.hajcommittee.gov.in या www.hajcommittee.com पर जमा कर सकते हैं। तिवारी ने बताया कि कुर्बानी / अदाही कूपन का विकल्प लेने वालों को प्रत्येक हज यात्री का रु 16,787 /- जमा करना होगा। शिया हज यात्री जिन्होंने जोहफा कैटेगरी चुनी है उन्हें शेष धनराशि के अतिरिक्त प्रति हज यात्री रु 3216/- जमा करना होगा। प्रत्येक हज यात्री अपनी मेडिकल रिपोर्ट, वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट यात्रा पर निकलते समय अपने साथ अवश्य रखना होगा।

नगर विकास मंत्री ने किया "संभव" पोर्टल का उद्घाटन

नगर विकास मंत्री  ए0के0 शर्मा ने बुधवार को नगर विकास विभाग से जुड़ी समस्याओं के निदान के लिए आई.सी.टी आधारित प्लेटफॉर्म सिस्टेमेटिक एडमिनिस्ट्रेटिव मेकेनिज्म ब्रिंग हैप्पीनैस एण्ड वैल्यू (संभव) पोर्टल का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि इस पोर्टल से साफ-सफाई, पेयजल, सड़क व सीवर समेत स्थानीय निकायों से जुड़ी जन शिकायतों का निवारण त्वरित रूप से किया जाएगा। साथ ही नगरीय कार्यक्रमों एवं योजनाओं का लाभ निचले स्तर तक पहुचाने में मद्द मिलेगी। इस व्यवस्था से नागरिकों की शिकायतों का निस्तारण स्थानीय स्तर पर ही किया जायेगा और लोगों को एक पारदर्शी व जबावदेही व्यवस्था मिलेगी। उन्होंने कहा कि ऊर्जा विभाग में  02 सप्ताह पहले लागू इस व्यवस्था के बेहतर परिणाम आये है।

 ए0के0 शर्मा ने स्थानीय निकाय निदेशालय में सभी नगर निगमों, नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों से वीडियो कॉफ्रेंसिंग के ज़रिए जुड़ते हुए नगर आयुक्तों को निर्देश दिया कि वे माह के प्रत्येक मंगलवार को प्रातः 10 बजे से लोगों की समस्याओं को सुनकर उनका निदान करेंगे। इसी तरह नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों के अधिशासी अधिकारी माह के प्रत्येक सोमवार को सुबह 10 बजे से जन-सुनवाई करेंगे। उन्होंने यह निर्देश दिए कि यह व्यवस्था अगले हफ्ते से शुरू हो जानी चाहिए। उन्होंने नागरिकों से बेहतर संवाद बनाने और लोगों के फोन करने पर उसे प्राथमिकता देने की भी बात कही। उन्होने निर्देशित किया कि लोगों की सुविधा के लिए सुपरवाइजर अपने-अपने क्षेत्र में अपना मोबाइल नं0 युक्त डिस्पेल बोर्ड जरूर लगाये। इस व्यवस्था की स्थानीय निकाय अधिकारी रिकॉर्डिंग रखेंगे और प्रत्येक महीने के पहले बुधवार को मंत्री जी एवं उच्चाधिकारी अपने स्तर पर वीडियो कॉफ्रेंसिंग कर इसकी समीक्षा करेंगे।

 गौरतलब है कि  ए०के० शर्मा ने ऊर्जा मंत्री के रूप में ऊर्जा विभाग में करीब 15 दिन पहले ही संभव पोर्टल को लॉन्च कर तकनीक से विभाग को जोड़कर लोगों की समस्याओं को सुलझाने के लिए बेहतरीन प्लेटफॉर्म दिया, जिसके बेहतर परिणाम आये है इसी के दृष्टिगत उन्होंने नगर निकाय में भी विभागीय योजनाओं,मुद्दों, कार्यक्रमों एवं जनशिकायतों की सतत निगरानी करने के लिए सम्भव पोर्टल की आज शुरूआत की है। इससे जनशिकायतों को तेजी से हल करने तथा विभागयी कार्यक्रमों का लाभ निचले स्तर तक पहुंचाने में मद्द मिलेगी।

 नगर विकास मंत्री ने कहा कि प्रशासन में जन भावनाओं के साथ जब टेक्नॉलॉजी जुड़ती है तो उसके बहुत ही सकारात्मक परिणाम आते हैं। आम आदमी को राहत देने के लिए इन्फॉर्मेशन टेक्नॉलॉजी हमें बेहतर अवसर प्रदान कर रही है।  शर्मा ने कहा कि प्रत्येक नागरिक की छोटी से लेकर बड़ी समस्याओं का निदान वहां के स्थानीय निकाय स्तर पर ही हो जाना चाहिए। अगर कोई नागरिक परेशान होकर मेरे पास या लखनऊ आकर किसी स्तर पर दरवाजा खटखटाता है तो यह मेरे लिए चिंता का विषय है और संबंधित अधिकारी से जवाब तलब किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मैंने अपने प्रशासनिक कार्यकाल में भी टेक्नॉलॉजी का उपयोग किया और अब मंत्री बनने के बाद भी तकनीक के प्रयोग से मिले अच्छे अनुभवों को वर्तमान में लागू कर जनता को राहत देने का प्रयास कर रहा हूं। उन्होंने कहा कि प्रात: 05 से लेकर 08 बजे तक की जा रही सफाई के अच्छे परिणाम आ रहे हैं। साथ ही ये भी कहा कि स्थानीय निकाय में मशीनों का अधिकतम उपयोग किया जाए। आने वाले मानसून के  मद्देनज़ेर उन्होंने निर्देश दिए कि एक हफ्ते के अंदर प्रदेश में नाले/नालियों की सफाई का कार्य पूरा कर लिया जाए।

 शर्मा ने कहा कि स्थानीय निकायों की कार्य संस्कृति टालने वाली नहीं होनी चाहिए। अगर उनके स्तर पर समस्या का निदान संभव है तो तुरंत कर देना चाहिए और यदि इसमें शासन की जरूरत है तो तुरंत शासन में बैठे अधिकारियों का अवगत कराना चाहिए। उन्होंने कहा कि स्थानीय निकाय अधिकारियों को उनके तेज पोर्टल, सीएम पोर्टल और पीएमओ पोर्टल पर प्रदेश के नगर विकास से संबंधित आई समस्याओं का निवारण अविलंब करना चाहिए।

नगर विकास मंत्री जी ने आज संभव पोर्टल की शुरूआत में विभिन्न नगर निगमों व नगर पालिकाओं से संबंधित राज्य स्तर की 20 लंबित शिकायतों की वर्चुअस सुनवाई कर निस्तारित किया। इसमें साफ-सफाई, कूड़ा उठान, पानी की समस्या, शुद्ध पेयजल, सड़क निर्माण, बिजली, नाले/नालियों की सफाई तथा अतिक्रमण जैसी समस्यायें रही। उन्होंने नगरी निकायों में नागरिकों के रहन-सहन एवं जीवन को अच्छे से श्रेष्ठ की ओर नगरीय सुविधाओं और सेवाओं को निखारने के साथ ही लोगों की समस्याओं के त्वरित समाधान के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया। उन्होंने कहा कि नगरीय क्षेत्र की साफ-सफाई और सौन्दर्यीकरण के लिए 60 दिवसीय विशेष अभियान चलाया जा रहा है जिसके बेहतर परिणाम आये है। उन्होंने अधिकारियों को सम्भव पोर्टल की व्यवस्था के तहर लोगो की शिकायतों त्वरित, न्याय पूर्ण एवं प्रभावी निस्तारण पर बल दिया।

उन्होंने स्थानीय निकाय निदेशालय में नगरीय निकायों की साफ-सफाई एवं कार्यों की मॉनीटरिंग के लिए बने डेडीकेटेड कमांड एण्ड कंट्रोल सेंटर का औचक निरीक्षण भी किया। समस्याओं के समाधान में कैसे "संभव' बनेगा हथियार इसके लिए अधिकारियों को संबंधित मुद्दों पर अपनी प्रतिक्रिया और एक्शन टेकन रिपोर्ट दर्ज करनी होगी। अधिकारियों के साथ बातचीत के लिए पोर्टल में वीडियोकांफ्रेंसिंग और टेलीकांफ्रेंसिंग की सुविधा भी होगी। पोर्टल विभिन्न स्रोतों से शिकायतों और मुद्दों को उठाएगा, जिसमें मुख्यमंत्री जन-सुनवाई एकीकृत शिकायत निवारण प्रणाली (आईजीआरएस) के तहत लंबित मामले और शिकायतें भी सम्मिलित हैं। 

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प्रतिभावान प्रशिक्षु को प्रयोगात्मक एवं व्यवहारिक अनुभव देने में अहम भूमिका निभा रहा है, गन्ना विकास विभाग


भारत सरकार द्वारा कार्यालयों एवं औद्योगिक इकाईयों की मांग के अनुरूप कुशल मानव संसाधन तैयार करने हेतु प्राविधान किये गये हैं। इस हेतु मा. मुख्यमंत्री उ.प्र. के रोजगार सृजन करने के निर्देशों के क्रम में विद्यार्थियों को रोजगार परक शिक्षा एवं अनुभव देने के उद्देश्य से चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग के विभिन्न कार्यालयों यथा गन्ना आयुक्त कार्यालय, गन्ना शोध परिषद, गन्ना किसान संस्थान, सहकारी गन्ना समिति संघ लि., राज्य चीनी निगम एवं सहकारी चीनी मिल संघ में इच्छुक प्रशिक्षु को प्रशिक्षित किया जा रहा है।

     यह जानकारी देते हुए अपर मुख्य सचिव आबकारी,  संजय आर. भूसरेड्डी ने बताया कि इंटर्नशिप व अप्रेन्टिसशिप प्रशिक्षण प्राप्त करने हेतु ऐसे प्रशिक्षु जो प्रोफेशनल कोर्स/स्नातक/परास्नातक/अनुसंधानरत विद्यार्थी है और सम्बन्धित पाठ्यक्रम के किसी भी सेमेस्टर में अध्ययनरत है एवं जिसके द्वारा पिछले सेमेस्टर में कम से कम 55 प्रतिशत अंक प्राप्त किए गये हैं, के लिये इंटर्नशिप/अप्रेन्टिसशिप करने का कार्यक्रम शासन के आदेश पर प्रारम्भ किया गया है। इस कार्यक्रम मंे कृषि, विपणन, लेखा, विधि, कम्प्यूटर, शर्करा तकनीकी, अभियन्त्रण, सूचना प्रौद्योगिकी, मानव संसाधन, सांख्यिकी एवं औधोगिक प्रशिक्षण आदि के भिज्ञ एवं प्रशिक्षण प्राप्त करने हेतु इच्छुक प्रशिक्षु द्वारा गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग, उ.प्र. की वेबसाइट पर क्लिक कर ऑनलाइन आवेदन करना होगा। यह प्रशिक्षण उनको भविष्य में रोजगार प्राप्त किये जाने की दशा में व्यवहारिक रूप से कुशल, अनुभवी व कार्यदक्ष बनाने में सहायक होगा।

 भूसरेड्डी ने यह भी बताया कि इंटर्नशिप की अवधि तीन चरणों में होगी जो 21, 30 एवं 60 दिनों में तथा अप्रेंटिसशिप 01 वर्ष में पूर्ण की जाएगी। प्रशिक्षणकाल में प्रशिक्षु की कम से कम 90 प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य है तथा प्रशिक्षण कार्यक्रम के अन्तर्गत प्रशिक्षु के रूप में चयनित होने से पूर्व सरकारी कार्यालय की गोपनीयता बनाये रखने के सम्बन्ध में निर्धारित प्रारूप पर निजी घोषणा-पत्र देना अनिवार्य होगा। इंटर्नशिप/अप्रेन्टिसशिप कार्यक्रम के सम्पन्न होने के उपरान्त प्रत्येक प्रशिक्षु द्वारा अपने संपूर्ण किये गये कार्य के संबंध में स्वमूल्यांकन रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी। इसके पश्चात ही सफल प्रशिक्षुओं को संबन्धित संस्था द्वारा प्रशिक्षण प्रमाण-पत्र प्रदान किया जायेगा।

इंटर्नशिप/अप्रेन्टिसशिप प्रोग्राम हेतु प्रशिक्षु का चयन अभ्यर्थियों की उपयुक्तता एवं अर्हताओं के आधार पर किया जाएगा, इसलिए विद्यार्थियों को अपनी श्रेणी के अन्तर्गत ही आवेदन करना होगा अन्यथा स्क्रूटनी के दौरान आवेदन पत्रों को निरस्त कर दिया जाएगा। उक्त इंटर्नशिप प्रोग्राम प्रशिक्षुओं को शासन एवं उसके अधीनस्थ विभागांे व कार्यालयों में हो रहे कार्यों से परिचित करायेगा एवं उन्हें अपने विषय से संबंधित विभिन्न कार्यों के संबंध में विशेष कौशल व्यावसायिक/व्यावहारिक अनुभव एवं सामूहिक रूप से टीम भावना के साथ कार्य करने का अवसर प्रदान करेगा जिससे विभिन्न कार्यक्षेत्रों में नवयुवक शक्ति एवं नवविचारों का संचार होगा।

विधान सभा सत्र के अतिंम दिन ऊर्जा मंत्री  ए०के०शर्मा ने विपक्ष को दिखाया आइना

प्रदेश के ऊर्जा एवं नगर विकास मंत्री  ए०के०शर्मा ने विधान सभा सत्र के अतिंम दिन विपक्ष को आइना दिखाते हुयेे कहा कि वर्ष 2022-2023 का बजट नए भारत का नया उत्तर प्रदेश बनाने वाला बजट है । यह बजट उत्तर प्रदेश को प्रगतिशील समाज के निर्माण के साथ आधुनिक अवस्थापना सुविधा देने के साथ -साथ तेज गति से विकसित होने वाली अर्थव्यवस्था को और गति देने वाला है। उन्होंने इस बात का उदाहरण देते हुए कहा कि बजट में जो विचार है उसकी कितनी बड़ी रेंज हैं इसका उदाहरण इस बात से लगाया जा सकता है कि जहाँ पर बजट में मैनुअल एक्सवेंजर के कल्याण की बात की गयी है, वहीं प्रदेश को 21वीं सदी का आधुनिक राज्य बनाने के लिए डेल्टा सेंटर पार्क स्थापित करने और उसमें रू0 20 हजार करोड़ निवेश करने की बात भी की गयी है। उसी प्रकार राज्य को आधुनिक और सशक्त बनाने के लिए अटल इन्डस्ट्रियल इफ्रा़स्ट्रक्चर मिशन जैसे कदम भी इसमें उठाये गये है।

विपक्ष पर तंज कसते हुए उन्होंने बजट भाषण के अंत में वित्त मंत्री द्वारा कोड किये गये शेर को भी पढ़ा और कहा कि वित्त मंत्री ने जो कहा इसी स्याह समन्दर से नूर निकलेगा मतलब पहले की सरकारों की कालिमा, जो उनके कुशासन का परिचायक थी-ऐसी व्यापक समस्या के समन्दर से निकालने का काम वर्तमान सरकार कर रही है। मुख्य विपक्षी दल पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि आप लोग शिक्षा की बात करने लायक नहीं है। शिक्षा की गुणवत्ता में सबसे ज्यादा अवमूल्यन आपकी सरकार में हुआ है। उस समय आपकी सरकार में नकल एक प्रतिस्थापित व्यवस्था बन गयी थी । अगर सपा का शासन और कुछ वर्षों चला होता तो न तो पढ़ने वाले पढ़ने आते न पढाने वाले मिलते।

      साथ ही उन्होंने सपा पर हमला बोलते हुए कहा कि उनके शासन में माफियाओं और गुण्डों को  संरक्षण था। उन्हीं लोगों का संवर्धन हुआ और यही कारण है कि हमारी सड़के एंव हमारा इन्फ्रास्ट्रेक्चर खराब बनता है और खराब लगता है। उन्हीं माफियाओं को कामों के  ठेके मिलते थे और वो सारा का सारा पैसा हज़म कर जाते थे। उसी पैसे से वह लोग पचास-पचास गाडियाँ और सौ-सौ गनर लेकर घुमते है और आम आदमी को भयभीत करते है।

ऊर्जा विभाग की बात करते हुए उन्होंने कहा कि सपा के शासन में इटावा जिले के एक गॉव बिजली आती थी तो समझ लिया जाता था कि सभी गाँवों में बिजली आ रही है। उन्होंने वर्तमान महीने में उत्तर प्रदेश के इतिहास में अभी तक की अधिकतम बिजली सप्लाई की भी बात की, जो 25,436 मेगावाट है। इसी के साथ उन्होंने कहा कि सपा के शासन काल के पाँच वर्षों में जो अधिकतम बिजली आपूर्ति हुई है वह भी वर्तमान समय के न्यूनतम विद्युत आपूर्ति (नॉन पीक डिमाण्ड) से कम है। इतना ही नहीं सपा  शासन के किन्हीं 02 वर्षों के पीक डिमाण्ड को जोड़कर अधिकतम सप्लाई देखी जाय  तो  भी वह हमारी वर्तमान महीने की पीक डिमाण्ड से कम होता है।

 ऊर्जा मंत्री  ए. के. शर्मा ने यह भी कहा कि योगी सरकार के पहले की सरकार ने अगर बिजली क्षेत्र में काम किया होता तो आज स्थिति बेहतर  होती। योगी सरकार पिछले 05 वर्षाे में ऐतिहासिक कार्य किया है, जो अभी भी चल रहा है और जिन्हें और आगे बढ़ाया जा रहा है। जैसे -

ऽ कृषक फीडर अलग करने का कार्य युद्ध स्तर पर किया जा रहा है।

ऽ समान्य खुले जर्जर तारों की जगह ए०बी० केबल वाले तार लगाये जा रहे है ।

ऽ योगी सरकार में 1.21 लाख नये मंजरों का विद्युतीकरण किया गया ।

ऽ योगी सरकार में 1.43 करोड़ नये विद्युत कनेक्शन दिये गये।

ऽ 705 नये विद्युत उपकेन्द्र बनाये गये और 1413 विद्युत उपकेन्द्रों की क्षमता बढ़ायी गयी ।

ऽ पहले ट्रान्सफार्मर बदलना महीनों का काम होता था, लेकिन अब शहरी क्षेत्रों में 24 घंटे और ग्रामीण क्षेत्रों में 48 घंटे में ट्रान्सफार्मर बदले जाते है ।

बिजली की नयी लाइनें डालने की गति पिछली सरकार की अपेक्षा दोगुनी से ज्यादा हो गयी है। सपा के शासन काल में 1503 सी०के०टी० किमी० प्रतिवर्ष की जगह वर्तमान में 3538 सी०के०टी० किमी० की गति से लाइनें बिछायी जा रही है।

 उन्होंने सपा पर और तंज कसते हुए कहा कि आपके संरक्षण में बिजली की चोरी होती थी इसलिए लाइन लॉस 40 प्रतिशत थी, जिसे हम कम करने की कोशिश कर रहें है। विपक्ष के एक और मुद्दे का भी जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि योगी सरकार के शासन काल में 2017 से 2022 तक में 1980 मेगावाट की नयी उत्पादन क्षमता जोड़ी गयी है। वर्तमान में योगी जी के नेतृत्व में 5280 मेगावाट की तापीय विद्युत उत्पादन की परियोजनायें विभिन्न स्तरों पर आगे बढ़ रही है, जो आने वाले कुछ महीनों में कार्यान्वित हो जायेगीं। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश की तापीय विद्युत ऊर्जा की क्षमता पहले की अपेक्षा दोगुनी हो जायेगी ।

उन्होंने विद्युत क्षेत्र में हो रहे दिन प्रतिदिन के कार्यों में इन्फ्रास्टेªक्चर के सुदृढ़ीकरण का हवाला देते हुए  राज्य की जनता को आश्वस्त किया है कि हम गुणात्मक बिजली देने के लिए कटिबद्ध है। उन्होंने जनप्रतिनिधियों और आम जनता का सहयोग माँगते हुए यह भी कहा कि लोग बिजली का बिल समय से जमा करें और बिजली की बचत करें।  यह दोनो संदेश जनता में पहुँचाने जैसा है। इसमें उन्होंने जनप्रतिनिधियों एवं आम जनता के सहयोग के लिए अपील भी की।

अठारहवीं विधान सभा के प्रथम सत्र की समाप्ति पर विधानसभा अध्यक्ष ने की प्रेसवार्ता

उ0प्र0 विधान सभा के मा0 अध्यक्ष,  सतीश महाना, ने आज प्रेसवार्ता करते हुये अठारहवीं विधान सभा के प्रथम सत्र की समाप्ति पर सदन के सदस्यों को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि सभी दलीय नेताओं और मा0 सदस्यों ने सारगर्भित चर्चा में भाग लिया। उन्होंने बताया कि इस सत्र में कुल 06 महत्वपूर्ण विधेयक पारित किए गए, जिसमें सभी सदस्यों ने विधेयकों के प्रस्तुतिकरण और विधि निर्माण में हिस्सा लिया।

विधान सभा अध्यक्ष ने बताया कि सत्र में 08 (आठ) उपवेशन हुए। सदन की कार्यवाही 55 घण्टे 57 मिनट चली। अठारहवीं विधान सभा के प्रथम सत्र में सबसे अच्छी बात यह रही कि इसमें सदन बाधित नहीं हुआ। उन्होंने बताया कि 08 (आठ) दिन के उपवेशन में अल्पसूचित प्रश्न 03, तारांकित प्रश्न 439, अतारांकित प्रश्न 1524 प्राप्त हुए। मा0 अध्यक्ष जी ने बताया कि जितने भी तारांकित प्रश्न प्रतिदिन लगाए गए थे, वह लगभग सभी ले लिये गये, जो कि अपने आप में एक रिकार्ड है। पिछली कई विधानसभाओं में 5-6 से ज्यादा प्रश्न नहीं लिये जा पाते थे। जबकि 31 मई 2022 को एक दिन में 656 याचिकायें आयीं । इस प्रकार कुल सदन में प्रस्तुत हुई याचिकायें 2041 एवं 207 याचिकायें 07.00 बजे के बाद विलम्ब से प्राप्त हुई जिन्हें लेकर कुल याचिकाओं की संख्या 2326 है।

 सतीश महाना ने कहा कि इसी प्रकार नियम-51 एवं नियम-301 की सूचनाओं की संख्या भी इस सदन में बढ़ी हैं। नियम-301 के अन्तर्गत 489 सूचनायें प्राप्त हुई, जिनमें से 248 सूचनायें स्वीकार की गईं। सामान्य रूप से 15 सूचनायें ही स्वीकार की जाती थीं, परन्तु वर्तमान सत्र में इससे दोगुनी एवं उससे भी अधिक सूचनाओं को जनहित में स्वीकार किया गया। नियम-51 के अन्तर्गत 753 सूचनायें प्राप्त हुई, जिनमें से 330 सूचनायें स्वीकार की गईं एवं 301 सूचनाओं के सन्दर्भ में शासन का ध्यान आकर्षित किया गया। नियम-51 के अन्तर्गत स्वीकार होने वाली इन सूचनाओं की संख्या भी पूर्व की तुलना में बहुत अधिक है। अतः इस अठारहवीं विधान सभा के प्रथम सत्र में जनहित की सूचनाओं हेतु एक नया आयाम निर्धारित हुआ है। कार्यस्थगन के नियम-56 के अन्तर्गत भी 36 सूचनायें प्राप्त हुईं, जिनमें से 03 सूचनायें ग्राह्य की गईं एवं अन्य पर ध्यान आकर्षण किया गया।

मा0 अध्यक्ष जी ने यह बताया कि इस सत्र में राज्यपाल अभिभाषण एवं बजट पर बोलने वाले सदस्यों की संख्या भी उल्लेखनीय है। बजट पर मा0 मुख्यमंत्री एवं संसदीय कार्यमंत्री सहित सत्ता पक्ष के कुल 76 मा0 सदस्यों एवं प्रतिपक्ष से 49 मा0 सदस्यों ने, अर्थात् कुल 125 मा0 सदस्यों ने अपने विचार प्रकट किये। इसी प्रकार राज्यपाल अभिभाषण पर सत्ता पक्ष के कुल 68 मा0 सदस्यों एवं प्रतिपक्ष से 50 मा0 सदस्यों ने, अर्थात् कुल 118 मा0 सदस्यों ने अपने विचार प्रकट किये। बजट भाषण पर सत्ता पक्ष की ओर से कुल 07 घंटा 41 मिनट एवं विपक्ष की ओर से कुल 06 घंटा 07 मिनट चर्चा की गई। अतः 243 मा0 सदस्यों द्वारा सदन को सम्बोधित किया गया, जो कि अपने आप में एक रिकार्ड है। सदन की कार्यवाही सामान्य रूप से 08ः00 बजे रात तक अथवा उससे आगे भी संचालित की गयी। सदन के युवा सदस्यों को भी बोलने का अधिक से अधिक अवसर दिया गया।

 सतीश महाना ने कहा कि इस सत्र में ई-विधान की व्यवस्था प्रारम्भ की गयी। उन्होने बताया कि आश्चर्यजनक रूप से लगभग सभी मा0 सदस्यों ने नई तकनीक का उपयोग किया एवं ई-विधान के माध्यम से ही विधान सभा में अपनी कार्यवाही सम्पादित की। उ0प्र0 विधान सभा में कार्यवाही पहली बार लगभग पेपरलेस रूप से संचालित हुई। अठारहवीं विधानसभा के प्रथम सत्र की सबसे बड़ी उपलब्धि यह रही कि इसमें कोई स्थगन नहीं हुआ। सदन में व्यवधान भी लगभग नगण्य रहा। कई वर्षों बाद सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से सम्पादित हुई। प्रश्न प्रहर बिना किसी व्यवधान के सम्पन्न हुआ।

अध्यक्ष जी ने यह भी बताया कि सदन की उक्त उपलब्धियों के अतिरिक्त इस सत्र में कुछ नई परम्परायें भी प्रारम्भ की गईं, जैसे कि सत्र के दौरान जिन मा0 सदस्यों का जन्मदिन था, उनको सदन के अन्दर ही बधाई दी गयी। अठारहवीं विधान सभा में उल्लेखनीय संख्या में डॉक्टर्स, इंजीनियर्स, प्रबन्ध तंत्र की शिक्षा ग्रहण किए हुए, कृषि एवं अन्य विधाओं के विभिन्न सदस्य निर्वाचित होकर आए हैं। इन सदस्यों को अलग-अलग समूहों में बैैठाकर उनको अलग से भोजन पर आमंत्रित करके उनसे विभिन्न विषयों पर चर्चा की गयी ताकि उनकी शिक्षा से विधान सभा को किस प्रकार से लाभान्वित किया जा सके। इस प्रकार की यह पहल देश में पहली बार की गयी है। विधान सभा में यह भी सूचित किया गया कि आने वाले समय में विधान सभा के गाइडेड टूर कराये जायेंगे एवं विधान सभा को जनता के लिए खोला जाएगा। जनमानस को यह बताया जाएगा कि विधान सभा में समितियाँ किस प्रकार चलती हैं एवं समितियों का संचालन किस प्रकार होता है। विधान सभा की इस ऐतिहासिक इमारत में सभी को महत्वपूर्ण स्थानों पर ले जाया जाएगा। अठारहवीं विधान सभा के सत्र में विभिन्न स्कूलों के बच्चों को भी सत्र के दौरान बुलाया गया। उसके पश्चात् उनको सदन के अन्दर कार्यवाही देखने हेतु बैठाया गया। यह एक नई परम्परा है। इसके साथ ही यह भी प्रस्तावित है कि आने वाले समय में जब सत्र संचालित नहीं होंगे तब विभिन्न स्कूलों के बच्चों को बुलाकर सदन के अन्दर सदन की कार्यवाही भी सम्पादित करायी जाएगी। इससे बच्चों को विधायिका के विषय में ज्ञान प्राप्त होगा एवं प्रेरणा मिलेगी।

मा0 अध्यक्ष जी ने यह बताया कि आने वाले दिनों के लिए यह भी प्रस्तावित है कि सभी मा0 सदस्यों के परिवार के सदस्यों को विधान सभा में भोज पर आमंत्रित करके विधान सभा एवं विधान सभा की कार्यवाही के विषय में बताया जाएगा, जिससे कि उनको यह ज्ञात हो कि विधायिका किस प्रकार से अपनी कार्यवाही सम्पादित करती है। यह भी प्रस्तावित है कि विधान सभा के जो गलियारे हैं उनका पुनरोद्धार करके उन पर विधान सभा एवं उ0प्र0 के इतिहास को चित्रित किया जाएगा। इसके अतिरिक्त विधान सभा के अन्दर एक ध्वनि एवं प्रकाश का इस प्रकार का कार्यक्रम कराया जाए, जिससे विधान सभा एवं विधान सभा से जुड़े हुए ऐतिहासिक तत्वों को डिजिटल ढंग से प्रदर्शित किया जा सके।

अध्यक्ष जी ने यह भी बताया कि विधान सभा के पुस्तकालय को ई-पुस्तकालय के रूप में विकसित किया जाएगा तथा पुस्तकालय की जो भी सामग्री है, वह डिजिटल रूप से सभी को उपलब्ध रहेगी। पिछले कई वर्षों के पश्चात् सफलतापूर्वक अठारहवीं विधान सभा का बजट सत्र सम्पादित हुआ, जिसके बारे में पक्ष एवं विपक्ष के सभी मा0 सदस्यों ने संतोष प्रदर्शित किया है एवं सराहना की है। उन्होने कहा कि हमारा यह प्रयास है कि उ0प्र0 की विधान सभा पूरे देश में विधायिका के लिए एक रोल मॉडल बने। 

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त्वरित आर्थिक विकास योजना के तहत असना मार्ग के निर्माण हेतु 89.75 लाख रूपये स्वीकृत

उत्तर प्रदेश सरकार ने वर्तमान वित्तीय वर्ष 2022-23 हेतु त्वरित आर्थिक विकास योजना के अन्तर्गत जनपद चन्दौली में असना सम्पर्क मार्ग से बिजुलिया बाबा होते हुए अतरौलिया ब्रम्हबाबा से कन्दवा ककरैत मार्ग तक निर्माण कार्य हेतु जिसकी अनुमोदित लागत 299.18 लाख रूपये थी, जिसके सापेक्ष प्रथम किस्त के रूप में 59.84 लाख रूपये की धनराशि जारी की गयी थी, अब द्वितीय किस्त के रूप में 89.75 लाख रूपये की धनराशि (रूपये नवासी लाख पचहत्तर हजार मात्र) जिलाधिकारी चन्दौली के निवर्तन पर रखे जाने का निर्णय लिया है। इस सम्बन्ध में 27 मई 2022 को नियोजन विभाग द्वारा आवयश्क शासनादेश जारी कर  जिलाधिकारी चन्दौली को निर्देश दिये गये है। शासनादेश के अनुसार कार्यो को मानकों के अनुरूप पूर्ण गुणवत्ता के साथ स्वीकृत लागत में ही पूर्ण किया जाय और लागत वृद्धि अनुमन्य नही होगी।

कल से 10 जून, 2022 के मध्य खाद्यान्न का निःशुल्क वितरण

 राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के अन्त्योदय और पात्र गृहस्थी राशन कार्डधारकों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम-2013 के अन्तर्गत माह मई, 2022 के सापेक्ष आवंटित  खाद्यान्न का माह जून, 2022 में 02 जून से 10 जून, 2022 के मध्य निःशुल्क वितरण कराया जायेगा। इस अवधि में अन्त्योदय कार्डधारकों को 35 किग्रा0 खाद्यान्न (20 किग्रा0 गेहूँ व 15 किग्रा0 चावल) तथा पात्र गृहस्थी राशन कार्डों से सम्बद्ध यूनिटों पर 05 किग्रा0 खाद्यान्न प्रति यूनिट (03 किग्रा0 गेहूँ व 02 किग्रा0 चावल) का निःशुल्क वितरण लाभार्थियों में सुनिश्चित किया जायेगा। यह जानकारी प्रदेश के खाद्य आयुक्त  सौरभ बाबू ने देते हुए बताया कि इस अवधि में खाद्यान्न का ई-पॉस मशीनों के माध्यम से गुणवत्तापरक निःशुल्क वितरण सुनिश्चित किया जायेगा। उन्होंने बताया कि राशन कार्डधारकों को पोर्टेबिलिटी के तहत खाद्यान्न प्राप्त करने की सुविधा उपलब्ध रहेगी। इस योजना के तहत निःशुल्क वितरण की अन्तिम तिथि 10 जून, 2022 होगी। इस दिन आधार प्रमाणीकरण के माध्यम से खाद्यान्न प्राप्त न कर सकने वाले उपभोक्ताओं हेतु मोबाइल ओ.टी.पी. वेरीफिकेशन के माध्यम से वितरण सम्पन्न किया जा सकेगा। इस सम्बन्ध में आवश्यक निर्देश जिलाधिकारी सहित सभी सम्बन्धित अधिकारियों को भेज दिया गया है।

सुरेश राही ने मुख्यमंत्री जी से जनपद सीतापुर में मैसर्स प्लाईवुड प्रोडक्ट को पुनः चालू कराने का किया है अनुरोध


उत्तर प्रदेश के राज्यमंत्री कारागार  सुरेश राही ने मुख्यमंत्री जी को पत्र लिखकर जनपद सीतापुर में ब्रिटिश नागरिक द्वारा परित्यक्त सम्पत्ति मैसर्स प्लाईवुड प्रोडक्ट को राज्य सरकार द्वारा अधिग्रहीत करके इसे चालू कराये जाने का अनुरोध किया है। मुख्यमंत्री जी को भेजे गये पत्र में कारागार राज्यमंत्री ने अवगत कराया है कि ब्रिटिश सिटीजन द्वारा स्थापित प्लाईवुड प्रोडक्ट फैक्टरी का उत्पाद एक जमाने में पूरे एशिया में प्रसिद्ध था और यह फैक्टरी उस दौर में सीतापुर की पहचान थी।

 राही ने प्लाईवुड फैक्टरी की पृष्ठभूमि के बारे में मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया है कि यह फैक्ट्री 1939 में पंजीकृत की गई थी। इसके संस्थापक भागीदारों में ब्रिटेन के निवासी मि0 हेनरी भामसन व इनकी दो बहनें हैं जिनकी हिस्सेदारी 75 प्रतिशत है। इन सभी भागीदारों की मृत्यु हो चुकी है। इस फैक्ट्री में जे0के0 सिन्घानिया ग्रुप के लोगों की हिस्सेदारी है। अभी तक फैक्टरी के यथास्थिति में कोई बदलाव नहीं किया गया है। इस फैक्टरी के संस्थापक भागीदार 1987 ई0 को 150 बीघा जमीन एवं मशीनें, बगले आदि छोड़कर भारत से चले गए हैं। सम्पूर्ण सम्पत्ति पर अवैधानिक रूप से बेनामदारों द्वारा कब्जा कर भूमि, मशीनें एवं चल-अचल सम्पत्ति आदि को अवैध रूप से बेचा जा रहा है।

कारागार राज्यमंत्री ने मुख्यमंत्री जी से अनुरोध किया है कि मैसर्स प्लाईवुड प्रोडक्ट, सीतापुर की सम्पत्ति को राज्य सरकार द्वारा अधिग्रहण करके चालू कराया जाए। उन्होंने यह भी अवगत कराया है कि इस फैक्टरी के क्रियाशील हो जाने से इससे जुड़े श्रमिकों एवं उनके परिवारों को राहत मिलेगी तथा आस-पास के लोगों को रोजगार के अवसर भी प्राप्त होंगे। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार उद्योगों को आ0ेडी0ओ0पी0 के तहत प्रोत्साहित कर रही है। इस दिशा में इस फैक्ट्री को पुर्नजीवित करके इसके पुराने गौरवशाली दौर को जीवन्त किया जा सकेगा।

सहकारिता विभाग द्वारा अब तक 48,422 किसानों से 1,85,076.755 मी0 टन गेहूँ की हुई खरीद

मूल्य समर्थन योजना के अंतर्गत इस वित्तीय वर्ष में प्रदेश के समस्त जिलों में सहकारिता विभाग द्वारा खोले गये क्रय केन्द्रों पर गेहूॅ क्रय किया जा रहा है। प्रदेश के सहकारिता मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)  जयेन्द्र प्रताप सिंह राठौर ने बताया है कि प्रदेश में सहकारिता विभाग के खुले 4477 क्रय केन्द्रों पर केन्द्र प्रभारियों द्वारा गेहूँ खरीद की जा रही है। सभी केन्द्रों पर किसानों के बैठने के लिए छांव, पीने के लिए पानी, छनाई के लिए छलना, बोरे आदि समस्त व्यवस्थायें की गई हैं। किसी भी केन्द्र पर किसान भाईयों को कोई समस्या नहीं आने दी जा रही है। उन्होंने किसान भाईयों से अपील की है कि वे अपना गेहूँ क्रय केन्द्रों पर ही बेचें जिससे उन्हें उपज का सही मूल्य प्राप्त हो सके। उन्होंने केन्द्र प्रभारियों को निर्देश दिये हैं कि प्रदेश सरकार द्वारा दिये गये निर्देशों के क्रम में किसानों से गेहूँ क्रय करें। किसी भी केन्द्र से शिकायत मिली तो संबंधितों के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही की जायेगी।

 राठौर ने बताया कि प्रदेश में अब तक सहकारिता विभाग द्वारा 48,422 किसानों से 1,85,076.755 मी0 टन गेहूँ खरीदा गया, जिसमें रु0 33608.48 लाख का भुगतान किया जा चुका है।

मुख्यमंत्री लघु सिंचाई योजना हेतु 26 करोड़ 88 लाख 03 हजार रू0 स्वीकृत

नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग द्वारा मुख्यमंत्री लघु सिंचाई योजना हेतु प्राविधानित धनराशि 13000 लाख रूपये के सापेक्ष प्रथम चार माह के लिए 26 करोड़ 88 लाख 03 हजार रूपये स्वीकृति प्रदान की गयी है। इस संबंध में नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग द्वारा से शासनादेश जारी कर दिया गया है। शासनादेश में यह भी कहा गया है कि लाभार्थियों को अनुदान जारी करते समय मुख्य अभियन्ता, लघु सिंचाई विभाग द्वारा सुनिश्चित किया जायेगा कि प्रश्नगत कार्य हेतु लाभार्थी को किसी अन्य योजना से अनुदान प्रदान न किया गया हो। स्वीकृत धनराशि को जनपदवार निर्धारित करने का सम्पूर्ण दायित्व मुख्य अभियन्ता, लघु सिंचाई विभाग का होगा। जारी शासनादेश में यह भी कहा गया है कि स्वीकृत की जा रही धनराशि से सामग्री आदि के क्रय हेतु संबंधी शासनादेशों में निर्धारित क्रय प्रक्रिया/व्यवस्थाओं का अनुसरण करते हुए कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी।

मुख्यमंत्री लघु सिंचाई योजना हेतु 23 करोड़ 24 लाख 89 हजार रू0 स्वीकृत

नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग द्वारा मुख्यमंत्री लघु सिंचाई योजना हेतु प्राविधानित धनराशि 6975.00 लाख रूपये के सापेक्ष प्रथम चार महीनों के लिए 23 करोड़ 24 लाख 89 हजार रूपये स्वीकृति प्रदान की गयी है। इस संबंध में नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग द्वारा शासनादेश जारी कर दिया गया है। शासनादेश में यह भी कहा गया है कि लाभार्थियों को अनुदान जारी करते समय मुख्य अभियन्ता, लघु सिंचाई विभाग द्वारा सुनिश्चित किया जायेगा कि प्रश्नगत कार्य हेतु लाभार्थी को किसी अन्य योजना से अनुदान प्रदान न किया गया हो। स्वीकृत धनराशि को जनपदवार निर्धारित करने का सम्पूर्ण दायित्व मुख्य अभियन्ता, लघु सिंचाई विभाग का होगा। जारी शासनादेश में यह भी कहा गया है कि स्वीकृत की जा रही धनराशि से सामग्री आदि के क्रय हेतु संबंधी शासनादेशों में निर्धारित क्रय प्रक्रिया/व्यवस्थाओं का अनुसरण करते हुए कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी।

पारदर्शी वितरण सुनिश्चित करने के साथ-साथ उपभोक्ताओं को सम्पन्न वितरण की स्थलीय जाँच भी करायी जा रही

 उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अन्तर्गत तकनीकी का उपयोग करते हुये (ज्मबीदपबंस प्दजमतअमदजपवद के माध्यम से) पारदर्शी वितरण सुनिश्चित करने के साथ-साथ उपभोक्ताओं को सम्पन्न वितरण की स्थलीय जाँच सुनिश्चित करते हुये उन्हें अनुमन्य आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता सुनिश्चित करायी जा रही है। इसी क्रम में माह दिसम्बर, 2021 से मार्च, 2022 तक सम्पन्न वितरण की सोशल आडिट करायी गई, जिसमें एन0एफ0एस0ए0 के अन्तर्गत सम्पन्न वितरण में कतिपय अनियमिततायें पाये जाने पर 345 उचित दर दुकानों को निलम्बित किया गया तथा 51 उचित दर दुकानों के अनुबन्ध पत्र निरस्त किये गये तथा 23 प्रकरणों में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करायी गई। इस अवधि में उचित दर विक्रेताओं की रु0-9,57,650/- की प्रतिभूति की धनराशि शासन के पक्ष में जब्त की गई।

यह जानकारी अपर खाद्य आयुक्त  अनिल कुमार दुबे ने देते हुए बताया कि पी0एम0जी0के0ए0वाई0 के अन्तर्गत माह दिसम्बर, 2021 से मार्च, 2022 में की गयी सोशल आडिट के अन्तर्गत पायी गई अनियमितताओं के दृष्टिगत 37 उचित दर विक्रेताओं के अनुबन्ध पत्र निलम्बित तथा 15 उचित दर दुकानों के अनुबन्ध पत्र निरस्त किये गये एवं 08 प्रकरणों में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करायी गई तथा उचित दर विक्रेताओं की रु0-1,70,000/- की प्रतिभूति शासन के पक्ष में जब्त की गई।

  इस अवधि में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम-2013 के उपभोक्ताओं को प्रति कार्ड 01 लीटर रिफाइण्ड सोयाबीन ऑयल, 01 किग्रा0 रिफाइण्ड आयोडाइज्ड नमक तथा 01 किग्रा0 साबुत चने का निःशुल्क वितरण भी किया गया। वितरण की करायी गई सामाजिक सम्परीक्षा के फलस्वरूप पायी गई अनियमितताओं पर कार्यवाही करते हुये 33 उचित दर विक्रेताओं के अनुबन्ध पत्र निलम्बित किये गये, 08 उचित दर दुकानों के अनुबन्ध पत्र निरस्त किये गये तथा 08 प्रकरणों में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करायी गई एवं रू0-1,09,500 /-उचित दर विक्रेताओं की प्रतिभूति जब्त की गई।

अपर आयुक्त ने बताया कि माह दिसम्बर, 2021 से राज्य सरकार द्वारा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम-2013 के लाभार्थियों को अनुमन्य खाद्यान्न एवं चीनी का निःशुल्क वितरण के आदेश दिये गये। साथ ही प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के अन्तर्गत भी प्रति यूनिट 05 किग्रा0 खाद्यान्न उपरोक्त उपभोक्ताओं को निःशुल्क वितरण कराया जा रहा है।

 दुबे ने बताया कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम-2013 के अन्तर्गत पारदर्शी वितरण सुनिश्चित करने तथा वितरण के उपरान्त उसकी समीक्षा करने के उद्देश्य से प्रत्येक छः माह में सोशल ऑडिट कराये जाने का प्राविधान दिया गया है, जिसके अन्तर्गत उचित दर विक्रेता द्वारा उपभोक्ताओं को वितरित आवश्यक वस्तुओं की मात्रा, गुणवत्ता तथा उपभोक्ताओं के मध्य उसके वितरण का सत्यापन सुनिश्चित किया जाता है। उन्होंने बताया कि उचित दर विक्रेता स्तर पर आयोजित बैठकों में उचित दर दुकान से सम्बद्ध कम से कम 25 प्रतिशत अन्त्योदय एवं 25 प्रतिशत पात्र गृहस्थी राशनकार्ड धारकों की उपस्थिति अनिवार्य है।  

उद्यान मंत्री ने ’’प्रौद्योगिकी संग्रहालय’’ का किया शुभारम्भ

प्रदेश के उद्यान, कृषि विपणन, कृषि विदेश व्यापार तथा कृषि निर्यात राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)  दिनेश प्रताप सिंह आज रहमानखेड़ा स्थित केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान के 39वां स्थापना दिवस के अवसर पर प्रौद्योगिकी संग्रहालय का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि संग्रहालय से किसानों को अच्छी फसल के लिए नवीनतम जानकारी दी जायेगी, ताकि वे अपने उत्पाद को बढ़ाकर अपनी आय में वृद्धि कर सकें।

इस अवसर पर प्रदेश के उद्यान मंत्री ने संस्थान के “प्रौद्योगिकी संग्रहालय” का उद्घाटन करते हुए कहा कि संस्थान द्वारा विकसित प्रौद्योगिकियों की सराहना की। उन्होंने कहा कि इन प्रौद्योगिकियों को सरल हिन्दी भाषा छपवाकर प्रसार पत्र या फोल्डर को ग्राम प्रधानों के माध्यम से जन-जन तक पहुंचाने का आह्वान किया। उन्होंने  संस्थान द्वारा जैविक खेती और प्राकृतिक खेती के क्षेत्र में विकसित तकनीकों, फलों की नई नई क़िस्मों, सुधार तकनीक, उपेक्षित फलों और अन्य कार्यों/उपलब्धियों की भूरि भूरि प्रशंसा की।

मलिहाबाद क्षेत्र की विधायक  जय देवी कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहीं। इस अवसर पर विधायक  जय देवी ने अनुसूचित जाति परियोजना के लाभार्थियों को किट का वितरण किया। इस किट में किसानों को 1 आम तोड़क यंत्र, शूक्ष्म पोषक तत्व मिश्रण और जैव उत्प्रेरक दिया गया।

केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान रहमानखेड़ा ने आज अपना 39वां स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया। इस अवसर पर “आम का तुड़ाई उपरांत प्रबंधन” विषय पर एक किसान गोष्ठी का भी आयोजन किया गया।

संस्थान की कार्यकारी निदेशक डा नीलिमा गर्ग ने संस्थान के विकास यात्रा की उपलब्धियों की चर्चा करते हुए संस्थान द्वारा आम, अमरूद, बेल, जामुन आदि फलों की नवीनतम क़िस्मों, फल उत्पादन, सुरक्षा और तुड़ाई उपरांत प्रबंधन और परीक्षण द्वारा विकसित विभिन्न मूल्य संवर्द्धित उत्पादों की चर्चा की। उन्होंने बताया कि आज का संस्थान 04 सितंबर 1972 को एक आम अनुसंधान केंद्र के रूप में प्रारम्भ किया गया था। जिसे 1 जून 1984 को एक पूर्ण संस्थान का दर्जा मिला। प्रारम्भ में यहाँ केवल आम पर शोध होता था। लेकिन आजकल आम, अमरूद, आंवला, बेल, जामुन के साथ अन्य उपक्षित फलों और सब्जियों पर भी शोध हो रहा है।

इस अवसर पर बोलते हुए संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक डा पी एल सरोज ने संस्थान के प्रौद्योगिकी संग्रहालय के बारे में विस्तृत चर्चा की। इस संग्रहालय में संस्थान की सभी तकनीकों को विभिन्न विधियों/मॉडल/प्रदर्श द्वारा प्रदर्शित किया गया है। संस्थान द्वारा शहरों में फलों की कंटेनर में खेती एवं सब्जियों की ऊर्ध्वाधर खेती हेतु विभिन्न मॉडल विकसित किए गए हैं। जोकि विक्री के लिए भी उपलब्ध हैं।

इस अवसर पर किसान गोष्ठी में राज्य कृषि प्रबंध संस्थान के निदेशक डा पंकज त्रिपाठी, डा विशाल नाथ, डा अनिल वर्मा ने विविध विषयों पर किसानों को संबोधित किया। कार्यक्रम में संस्थान के वैज्ञानिकों, कर्मचारियों के अलावा क्षेत्र के लगभग 100 किसानों ने भाग लिया। कार्यक्रम का संचालन डा अंजू बाजपेई ने किया। कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन डा देवेंद्र पाण्डेय द्वारा दिया गया।

उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति एवं जनजाति आयोग के उपाध्यक्ष मिथिलेश कुमार ने अपने पद से दिया त्याग पत्र

उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति एवं जनजाति आयोग के उपाध्यक्ष  मिथिलेश कुमार ने अपने पद से त्याग पत्र दे दिया है। प्रदेश सरकार द्वारा  कुमार का त्याग पत्र स्वीकार कर लिया गया है। प्रदेश सरकार द्वारा  मिथिलेश कुमार को दिनांक 16 जून, 2021 को उ0प्र0 अनुसूचित जाति एवं जनजाति आयोग के उपाध्यक्ष के पद पर नामित किया गया था। 

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विभागीय परियोजनाओं की रियल टाइम मॉनिटरिंग भी किया जा सकेगा

उत्तर प्रदेश पीडब्ल्यूडी की सड़कों की हर जानकारी अब ऑनलाइन उपलब्ध हो सकेगी, हर एक सड़क की भौतिक स्थिति की जानकारी को ऑनलाइन प्राप्त किया जा सकेगा। जिसके लिए पीडब्ल्यूडी की सड़कों की ऑनलाइन मॉनिटरिंग व्यवस्था को जल्द ही मूर्तरूप दिया जाएगा। विभागीय परियोजनाओं की रियल टाइम मॉनिटरिंग भी की जा सकेगी, जिसके लिए ड्रोन एवं सेटेलाइट की मदद से सर्वे किया जाएगा।

लोक निर्माण विभाग मंत्री  जितिन प्रसाद की अध्यक्षता में आज पीडब्ल्यूडी मुख्यालय सभागार में सड़कों की ऑनलाइन मॉनिटरिंग व्यवस्था को मूर्तरूप देने के संबंध में बैठक का आयोजन किया गया। उन्होंने बैठक में विभाग में पहले से प्रचलित सृष्टि, विश्वकर्मा, चाणक्य, प्रहरी व कोर्ट केस मॉनिटरिंग सिस्टम की समीक्षा की। इसके उपरांत विभाग में विकसित किए जा रहे एस्टिमेटर, निगरानी तथा डिजिटाइजेशन के कार्याे की भी समीक्षा की और निर्देश दिया कि हर कार्य को निर्धारित समय सीमा में पूर्ण कराएं। उन्होंने विभाग में प्रचलित और विकसित किए जा रहे सॉफ्टवेयर को एकीकृत प्रणाली के अंदर लाने का निर्देश दिया, जिससे मार्गों का नियोजन एवं निर्माण कार्यों का अनुरक्षण त्वरित गति से सुगमता से हो सके।

 जितिन प्रसाद ने प्रदेश सरकार की प्राथमिकता के अनुरूप विभाग में ई-ऑफिस प्रणाली लागू करने के उद्देश्य से डिजिटाइजेशन के कार्यों की प्रगति की समीक्षा की और निर्देश दिया कि प्रदेश के पीडब्ल्यूडी कार्यालयों में 01 जनवरी 2023 से अनिवार्य रूप से ई ऑफिस प्रणाली लागू कर दिया जाए। इसके लिए मुख्यालय स्तर पर 1 जुलाई 2022 से यह कार्य चरणबद्ध तरीके से प्रारंभ कर दिया जाए।

उल्लेखनीय है कि एस्टिमेटर सॉफ्टवेयर के माध्यम से विभाग में खंड स्तर पर गठित आगणन (एस्टीमेट) पूर्णरूपेण ऑनलाइन ही मुख्यालय स्तर पर प्राप्त किया जा सकेगा। एस्टिमेटर लागू होने के उपरांत आगणन के गठन, विभिन्न स्तरों पर परीक्षणों में संशोधन की प्रक्रिया समयबद्ध रूप से एवं बिना अधिक प्रयास के संभव हो सकेगी। निगरानी ऐप के माध्यम से राज्य मार्गों एवं प्रमुख जिला मार्ग स्तर पर के मार्गों पर किसी भी पैच/गड्ढे की फोटो लेकर निगरानी एप पर अपलोड करने पर संबंधित अवर अभियंता, सहायक अभियंता एवं अधिशाषी अभियंता के मोबाइल पर सीधे सीधे दिखाई पड़ने लगेगा। विभाग द्वारा इन गड्ढों की मरम्मत के उपरांत पुनः फोटो अपलोड किया जाएगा। इससे कार्य में पारदर्शिता आएगी एवं जन सामान्य को सुविधा भी होगी। इस अवसर पर प्रमुख सचिव  नरेंद्र भूषण, प्रमुख अभियंता (विकास) एवं विभागाध्यक्ष  मनोज कुमार गुप्ता, प्रमुख अभियंता परिकल्प एवं नियोजन  राकेश सक्सेना, प्रमुख अभियंता ग्रामीण सड़क  अरविंद कुमार वास्तव सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

मेले के पूर्व  मेला के सफल आयोजन हेतु प्रत्येक माह समिति की बैठक आहूत की जाय

प्रदेश के व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)  कपिल देव अग्रवाल ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा राजकीय प्रोद्योगिक संस्थानों में अप्रेंटिशिप मेला का आयोजन कर लोगों को विभिन्न संस्थानों में अप्रेंटिशिप करने का अवसर प्रदान कर रही है। अप्रेंटिशिप मेले मे विभिन्न कम्पनियों को आमंत्रित किया जाता है। ये कम्पनियां मेले में आये लोगो का साक्षात्कार के माध्यम से अपने यहां अप्रेटिशिप करने हेतु चयन करती है। उन्होंने बताया कि लोगों को अधिक से अधिक अप्रेटिशिप करने का अवसर मिले इसके लिए सभी सरकारी एवं गैर सरकारी अधिष्ठानों, कम्पनियों के संगठनों में जहां 30 से अधिक लोग सेवायोजित है उन्हें अप्रेंटिश रखना अनिवार्य कर दिया गया है।

व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) ने बताया कि प्रधानमंत्री राष्ट्रीय शिक्षुता मेला आयोजन किये जाने हेतु प्रदेश के 25 जनपदों का चयन किया गया है। इन जनपदों में प्रत्येक माह के द्वितीय सोमवार को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय शिक्षुता मेला का आयोजन किया जायेगा। अवकाश की स्थिति में अगले कार्य दिवस में यह मेला आयोजित किया जायेगा। उन्होंने बताया कि 25 जनपदों में आगरा, अलीगढ़, अयोध्या, आजमगढ़, बरेली, बस्ती, चित्रकूट, गोण्डा, गोरखपुर, गाजियाबाद, झांसी, कानपुर, कानपुर देहात, लखनऊ, मेरठ, मिर्जापुर, मुरादाबाद, नोएडा, प्रयागराज, सहारनपुर, वाराणसी, हरदोई, बुलन्दशहर, जौनपुर तथा मुजफ्फरनगर शामिल है।

प्रमुख सचिव व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास  सुभाष चन्द्र शर्मा ने प्रदेश के चिन्हित 25 जनपदों में प्रधानमंत्री राष्ट्रीय शिक्षुता मेला आयोजन कराने हेतु सभी मण्डलायुक्त तथा सम्बन्धित जनपदों के जिलाधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी किये है।  उन्होंने बताया कि शिक्षुता प्रशिक्षण के क्रियान्वयन हेतु जिलाधिकारी की अध्यक्षता में समिति गठित की गयी है जिसमे जनपद के नोडल प्रधानाचार्य राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान तथा उपायुक्त जिला उद्योग एवं निर्याच प्रोत्साहन केन्द्र संयुक्त रूप से सदस्य सचिव व सह सदस्य नामित है। मेला के सफल आयोजन हेतु प्रत्येक माह समिति की बैठक आहूत कर ली जाय। जनपदों में उद्योगों व अधिष्ठानों तथा अभ्यर्थियों का शिक्षुता प्रशिक्षण हेतु भारत सरकार अप्रेन्टिशिप पोर्टल पर पंजीकरण अविलम्ब कराया जाय। उन्होंने बताया कि भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री राष्ट्रीय शिक्षुता मेले के प्रत्येक मेले हेतु 30 हजार रूपये का प्राविधान किया गया है।


अध्यक्ष,  विमला बाथम, राज्य महिला आयोग ने मिशन शक्ति के अन्तर्गत जनपद हरदोई में समस्त योजनाओं की विभागीय समीक्षा बैठक व महिला जनसुनवायी की

मिशन शक्ति के अन्तर्गत जनपद हरदोई में अध्यक्ष,  विमला बाथम, राज्य महिला आयोग द्वारा समस्त योजनाओं की विभागीय समीक्षा बैठक व महिला जनसुनवायी कार्यक्रम कलेक्ट्रेट सभागार हरदोई में आयोजित किया गया। जिसमें उनके द्वारा जनपद के समस्त विभागाध्यक्षों को महिला की समस्याओं का त्वरित निस्तारण किये जाने हेतु निर्देशित किया गया। जिसके साथ ही महिला जनसुनवायी कार्यक्रम किया गया, जिसमें घरेलू हिंसा के 14, राजस्व के 02 व मारपीट के 04 व अन्य प्रकार के 07 कुल 27 मामलों में 06 का मौके पर ही निस्तारण किया गया। महिलाओ द्वारा अपनी शिकायतों से सम्बन्धित प्रार्थना पत्र देकर अपनी समस्या बतायी गयी। प्राप्त महिलाओं की शिकायतों के शीघ्र निस्तारण हेतु अध्यक्ष द्वारा सम्बन्धित समस्त विभागाध्यक्षों को निर्देशित किया गया कि प्राप्त शिकायतों का त्वरित निस्तारण कर आख्या मा0 राज्य महिला आयोग को उपलब्ध करायें। इसके उपरान्त गांधी भवन हरदोई में जागरूकता शिविर (चौपाल) कार्यकरम का आयोजन बच्चों द्वारा स्वागत गीत के साथ किया गया।

जिसमें विभिन्न विभागों के लाभार्थियों का अध्यक्ष द्वारा प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया साथ ही साथ अन्न प्रासन व गोद भराई कार्यकृम भी किया गया। बाल सेवा योजना के 02 लाभार्थियों व कन्या सुमंगला योजना के 02 लाभार्थियों तथा निराश्रित महिला पेंशन योजना के 02 लाभार्थियों व 11 कुपोषित बच्चों को पोषण किट देकर सम्मानित किया गया। इसके साथ ही उत्कृष्ट कार्य करने वाली 01 आंगनबाडी कार्यकत्री व 01 मुख्य सेविका को भी सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया गया। उपस्थित जन समूह को विभागीय योजनाओं व महिला उत्पीड़न के निराकरण के सम्बन्ध में जागरूक किया गया।

उ.प्र. राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष  सुषमा सिंह की अध्यक्षता में जिला पंचायत सभागार, जनपद बुलन्दशहर में समीक्षा बैठक एवं महिला जनसुनवाई कार्यक्रम का हुआ आयोजन

उ.प्र. राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष  सुषमा सिंह की अध्यक्षता में जिला पंचायत सभागार, जनपद बुलन्दशहर में समीक्षा बैठक एवं महिला जनसुनवाई कार्यक्रम का आयोजन किया गया। समीक्षा बैठक में उपाध्यक्ष  सुषमा सिंह द्वारा निर्देश दिए गए कि समस्त विभागाध्यक्ष यह सुनिश्चित कर लें कि यदि कोई महिला किसी योजना की जानकारी हेतु उनके पास आई है तो संबंधित विभाग से संपर्क कर उस महिला को योजना का लाभ दिलाए, इसके साथ ही मिशन शक्ति अभियान अंतर्गत कैंप आदि के माध्यम से महिलाओं को जागरूक बनाए तथा अधिक से अधिक योजनाओ से महिलाओं को जोड़ा जाए।

समीक्षा बैठक के पश्चात महिला जनसुनवाई की गई, महिला जनसुनवाई के दौरान शिकायत प्राप्त हुई, जिनमे 2 शिकायत घरेलू हिंसा से संबंधित तथा एक शिकायत पेंशन से संबंधित प्राप्त हुई, संबंधित अधिकारियों को निस्तारण हेतु निर्देशित किया गया। महिला जनसुनवाई कार्यक्रम के पश्चात उपाध्यक्ष  सुषमा सिंह द्वारा जनपद बुलन्दशहर के ग्राम काहिरा में एक जागरूकता चौपाल की गई, जागरूकता चौपाल में मिशन शक्ति अभियान अंतर्गत महिलाओं को जागरूक किया गया। उपाध्यक्ष  सुषमा सिंह द्वारा चौपाल में उपस्थित ऐसी महिलाएं जिनको किसी योजना का लाभ प्राप्त नही हुआ है, सभी महिलाओं को जिस योजनान्तर्गत पात्र हैं संबंधित योजना का लाभ दिए जाने हेतु चौपाल में उपस्थित संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया गया। जागरूकता चौपाल में समस्त विभागो द्वारा योजनाओ संबंधित स्टॉल लगाए गए, स्टॉल का निरीक्षण उपाध्यक्ष  सुषमा सिंह द्वारा किया गया।


शरारती तत्वों से सख्ती से निपटा जाय: दया शंकर सिंह

परिवहन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार)  दया शंकर सिंह ने कहा कि शरारती तत्वों द्वारा बार-बार मेरे एवं मेरे करीबियों के नाम पर परिवहन विभाग के अधिकारियों से फोन करके अनुचित कार्यों  को करने हेतु दबाव बनाया जा रहा है और मेरी एवं विभाग की छवि धूमिल करने का प्रयास किया जा रहा है। इस संबंध में हजरतगंज कोतवाली में एफ0आई0आर0 दर्ज करा दी गयी है। एस0टी0एफ0 एवं पुलिस द्वारा त्वरित कार्यवाही करते हुए आशीष कुमार सिंह नाम के व्यक्ति को गिरफ्तार भी कर लिया गया है। परिवहन विभाग के समस्त अधिकारियों खासतौर से आर0टी0ओ0/ए0आर0टी0ओ0 को निर्देश दिये गये हैं कि ऐसे तत्वों से सतर्क रहे और विभागीय कार्यों में संलिप्तता पाये जाने पर उसकी सूचना शासन के साथ-साथ मुझे भी उपलब्ध कराये।

खदानों व खनन परिवहन की चेकिंग का अभियान रहेगा जारी

निदेशक, भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग, उ0प्र० डा० रोशन जैकब एवं खनिज निदेशालय की टीम द्वारा 31 मई/01जून 2022 की रात्रि में जनपद बस्ती में वर्तमान में संचालित खदानों व खनिज वाहनो की जाँच गोरखपुर-लखनऊ हाईवे पर जनपद अयोध्या तथा जनपद आजमगढ़ के थाना रानी की सराय (आजमगढ़-जौनपुर रोड) क्षेत्र में की गयी गोरखपुर-लखनऊ हाईवे पर जनपद अयोध्या में बुन्देलखण्ड एवं सीमावर्ती प्रदेशों से आने वाले उपखनिज से लदे सभी वाहनों में परिवहन प्रपत्र ई०एम०एम०-11 एवं आईएसटीपी मौजूद पाया गया। अधिकांश वाहनों में आर आई डी एफ/माइनिंग टैग लगा हुआ एवं लोडिंग मानक के अनुरूप पायी गयी मध्य प्रदेश राज्य के जनपद टीकमगढ़ से जनपद झाँसी होते हुए प्रदेश की सीमा में प्रवेश करने वाले  कुछ वाहनों में ओवरलोडिंग पायी गयी। जिस पर जनपद झाँसी के ज्येष्ठ खान अधिकारी को चेतावनी दी गयी कि भविष्य में प्रभावी चेकिंग सुनिश्चित की जाय।

निरीक्षण के दौरान जनपद बस्ती में अनुझा पत्र पर स्वीकृत क्षेत्र यथा केशवपुर शंकरपुर का निरीक्षण किया गया, जिसमें खनन क्षेत्र में मौके पर खड़े वाहनों में अधिक मात्रा में ओवर लोडिंग पायी गयी खनन क्षेत्र से लगी सड़क पर खड़े अन्य वाहनों में अधिक मात्रा में ओवरलोडिंग पायी गयी। इसके अतिरिक्त जनपद बस्ती से गुजरने वाले अन्य जनपदों/प्रदेशों के खनिज वाहनों में भी अनियमितता पायी गयी, जांच टीम ने महसूस किया कि खान अधिकारी बस्ती द्वारा अवैध खनन/परिवहन पर नियंत्रण में अधिक शिथिलता बरती जा रही है तथा उक्त अवैध परिवहन में उनकी संलिप्तता भी परिलक्षित हो रही है। अतः सम्बन्धित अधिकारी को तत्काल मुख्यालय सम्बद्ध करते हुए उनके निलम्बन/विभागीय कार्यवाही हेतु प्रस्ताव शासन प्रेषित किया गया।

जनपद बस्ती में जिन अनुज्ञा पत्र क्षेत्रों में अनियमितता पायी गयी. उसके सम्बन्ध में जिलाधिकारी बस्ती को निर्देशित किया गया कि उक्त क्षेत्रों की पैमाइश कराकर यदि स्वीकृत मात्रा/निर्गत रवन्ना से अधिक खनन किया गया हो, तो अनुज्ञापत्रधारक से स्वीकृत मात्रा से अधिक किये गये खनन पर देय समस्त धनराशि जमा कराने के उपरान्त खनन की अनुमति प्रदान करते समय खनन एवं लोडिंग के नियमों का अनुपालन सुनिश्चित कराया जाय। जनपद बस्ती के थाना कलवारी में जाँच के दौरान प्रवर्तन दल द्वारा जनपद मीरजापुर से आ रहे वाहनों की जाँच की गयी। जिसमें उपखनिज स्टोन डस्ट से लदे 3 वाहन बिना परिवहन प्रपत्र ई0एम0एम0-11 पकड़े गये। अतः जनपद मीरजापुर के ज्येष्ठ खान अधिकारी को भविष्य में अवैध परिवहन पर  प्रभावी नियंत्रण हेतु सचेत किया गया।

जनपद आजमगढ़ में (आजमगढ़-जौनपुर हाईवे) पर जनपद मीरजापुर एवं सोनभद्र से आने वाले वाहनों की प्रभावी चेकिंग की गयी, जिसमें अधिकांश वाहन मानक के अनुरूप एवं निर्धारित प्रपत्रों के साथ सही पाये गये। बिहार राज्य की सीमा से जनपद चन्दौली एवं वाराणसी में प्रवेश करने वाले कुछ वाहनों में परिवहन प्रपत्र नहीं पाया गया। जिस पर जनपद चन्दौली एवं वाराणसी के खान निरीक्षक को सचेत करते हुए चेतावनी दी गयी कि वे प्रभावी ढंग से वाहनों की जॉच/प्रवर्तन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गये और यदि भविष्य में इसकी पुनरावृत्ति पायी  गयी, तो सम्बन्धित के विरूद्ध अनुशासनिक कार्यवाही की जायेगी।

अयोध्या के मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ0 अनिल कुमार कुशवाहा निलम्बित

राज्य सरकार ने अयोध्या के मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ0 अनिल कुमार कुशवाहा को पशु परिवहन नियम, 1978, पशु क्रूरता अधिनियम, 1960 का उल्लंघन करने एवं वित्तीय अनियमितता के आरोप में तत्काल प्रभाव से निलम्बित करते हुए उनके विरुद्ध उ0प्र0 सरकारी सेवक (अनुशासन एवं अपील) नियमावली, 1999 के नियम-4 के अंतर्गत अनुशासनिक कार्यवाही संस्थित किये जाने के आदेश दिए हैं। निलम्बन अवधि में डॉ0 अनिल कुमार कुशवाहा पशुपालन निदेशालय से सम्बद्ध रहेंगे।

अपर मुख्य सचिव पशुधन विभाग डॉ0 रजनीश दुबे द्वारा इस संबंध में आदेश जारी कर दिए गए हैं। जारी आदेश के अनुसार डॉ0 अनिल कुमार कुशवाहा को पशु परिवहन नियम, 1978, पशु क्रूरता अधिनियम, 1960 का उल्लंघन करने, पशु बाजार मालिक एवं अन्य अधिकारियों के साथ साठ-गाठ कर राजकीय लेवी राजकोष में जमा न किये जाने, पशुओं के फर्जी स्वास्थ्य प्रमाण-पत्र निर्गत किये जाने, सरकारी वाहनों की सर्विसिंग अनाधिकृत वर्कशॉप से कराये जाने एवं बिल से अधिक भुगतान किये जाने, बजटीय धनराशि द्वारा की गयी खरीद-फरोख्त में अनेक प्रकार की अनियमिततायें कर सरकारी धन का गबन करने एवं पदीय दायित्वों का निर्वहन ठीक प्रकार से न किये जाने आदि के आरोप में निलम्बित किया गया है।

प्रदेश में 25 करोड़ की लागत से 250 आयुष डिस्पेंसरी खुलेंगी

उत्तर प्रदेश के आयुष, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार)  दयाशंकर मिश्रा ‘दयालु’ ने आज उ0प्र0 राज्य आयुष सोसाइटी के सभागार कक्ष में विभागीय अधिकारियों एवं डाक्टरों के साथ समीक्षा बैठक की। उन्होंने जनपदों में बन रहे 50 शैय्या वाले आयुष हास्पिटल के निर्माण की वर्तमान स्थिति के बारे में विभागीय अधिकारियों से जानकारी ली। उन्होंने निर्देश दिये कि 06 माह की कार्ययोजना के तहत प्रत्येक दशा में यह क्रियाशील हो जाना चाहिए। शेष (50 शैय्या वाले) अस्पतालों का निर्माण कार्य यथाशीघ्र पूर्ण करें।

 दयाशंकर मिश्रा ने कहा कि निर्माणाधीन अस्पतालों में लोगों की मूलभूत सभी आवश्यकताएं उपलब्ध हों तथा सभी उपकरण क्रियाशील रहें। उन्होंने कहा कि मरीजों एवं उनके तीमारदारों को पीने का शुद्ध पानी, वेटिंग हालों में पंखे, कुर्सियां लगी होनी चाहिए एवं साफ-सुथरी व्यवस्था होनी चाहिए। शौचालय की व्यवस्था उत्तम एवं अस्पताल परिसरमें साफ-सफाई नियमित होनी चाहिए। लापरवाही पाये जाने पर संबंधित के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी। साथ ही उन्होंने शुभारम्भ किये गये अस्पतालों की स्टेट्स रिपोर्ट भी मंगवायी है।

 दयालु ने हेल्थ एवं वेलनेस सेंटर्स, योग एवं वेलनेस सेन्टर के संचालन की स्थिति के बारे में जानकारी ली। उन्होंने कहा कि इन सेंटर पर लोगों को सभी बेसिक चिकित्सकीय सुविधायें मुहैया करायी जानी है। शेष सेंटरों को जल्द क्रियाशील करें। हर्बलगार्डेन/औषधीय वाटिका का मेंटेनेंस जरूरी है एवं परिसर की उचित साफ-सफाई रहनी चाहिए।

 दयाशंकर मिश्रा ने आयुष चिकित्सालयों के उच्चीकरण के बारे में जानकारी ली। जानकारी के तहत बताया गया कि 25 करोड़ की लागत से पूरे प्रदेश में लगभग 250 आयुष डिस्पेंसरी खोलने की संस्तुति केन्द्र सरकार से प्राप्त हो गई है। जल्द ही प्रक्रिया शुरू कर दी जायेगी। उन्होंने कहा कि गोरखपुर एवं भदोही में बने चिकित्सालय का उच्चीकरण शीघ्र किया जाय। साथ ही आयुष महाविद्यालयों का उच्चीकरण एवं जहां पर छात्र-छात्राओं के रहने हेतु हास्टल नहीं है वहां हास्टल बनाये जाने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिये।

आयुष मंत्री ने कहा कि आयुष कवच ऐप को और अधिक क्रियाशील बनाये। लगभग 2.6 मिलिसल यूजर्स इस ऐप का उपयोग कर स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं। लोगों का विश्वास इस ऐप पर ज्यादा है। उन्होंने कहा कि विशेषज्ञ डाक्टरों की टीम द्वारा इस ऐप पर विभिन्न रोगों से संबंधित लाइव सेशन चलायें।

आयुष विभाग के अधिकारियों ने बताया कि आशा/ए.एन.एम. के प्रशिक्षण दिया जा रहा है। ये कार्यकत्रियां आयुष दवाओं एवं उपचारो को घर-घर तक पहुंचायेगी। आशा/ए.एन.एम. कार्यकत्रियां लोगों को आयुष विभाग द्वारा निर्मित दवाओं एवं औषधियों से ही घेरलू रोगों को ठीक होने के गुण सिखाने का भी कार्य करेंगी।

 एस. मनाज़िर आदिल हसन को उ0प्र0 उर्दू अकादमी का सचिव नियुक्त किया गया

उत्तर प्रदेश सरकार ने  एस. मनाज़िर आदिल हसन, अनुभाग अधिकारी (उर्दू) भाषा विभाग उ0प्र0 शासन को अतिरिक्त प्रभार के रूप में सचिव, उ0प्र0 उर्दू अकादमी के पद पर तत्काल प्रभाव से अग्रिम आदेशों तक नियुक्त किये जाने के आदेश दिए हैं। इस संबंध में भाषा विभाग के प्रमुख सचिव  जितेन्द्र कुमार द्वारा आवश्यक आदेश जारी कर दिए गए हैं। आदेश में कहा गया है कि  एस. मनाज़िर आदिल हसन अपने समस्त शासकीय कार्यों के अतिरिक्त उ0प्र0 उर्दू अकादमी के कार्यों एवं दायित्वों का निर्वहन करेंगे।  एस. मनाज़िर आदिल हसन को पूर्व सचिव की भांति अनुमन्य समस्त सुविधाएं यथावत देय होंगी।

मत्स्य विभाग के अधिकारी स्थानीय स्तर पर रिपोर्ट बनाकर

उत्तर प्रदेश के मत्स्य विभाग के कैबिनेट मंत्री डॉ0 संजय कुमार निषाद की अध्यक्षता में आज यहां मत्स्य निदेशालय के सभाकक्ष में श्रेणी-01, 02 व 03 के मत्स्य जलाशयों के ठेकेदारों के साथ बैठक आयोजित की गई जिसमें उ0प्र0 मत्स्य विभाग, उ0प्र0 मत्स्य विकास निगम एवं उ0प्र0 मत्स्य जीवी सहकारी संघ के प्रबन्धन के अधीन आने वाले जलाशयों के ठेकेदारों की समस्याओं और उनके सुझावों को सुना गया तथा लिखित रूप में भी प्राप्त किया गया। मत्स्य मंत्री द्वारा जलाशयों के ठेकेदारों की सभी समस्याओं पर विस्तृत रूप से चर्चा करते हुए यथाशीघ्र निराकरण करने का आश्वासन दिया गया। उन्होंने मत्स्य विभाग के अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि अधिकारी स्थानीय स्तर पर रिपोर्ट बनाकर प्रस्तुत करें और समस्याओं का समाधान करें।

बैठक में मत्स्य मंत्री ने कहा कि जलाशयों से मत्स्य उत्पादन की वृद्धि हेतु कार्य करने के वर्तमान शासनादेशों में आवश्यक संशोधन करने पर विचार किया जाय। इसके साथ ही विभागों के सहयोग से जलाशयों के ठेकेदारों की समस्याओं का समाधान करें और प्राप्त सुझाव तथा छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश व उत्तराखण्ड के शासनादेशों का अध्ययन करते हुए उत्तर प्रदेश के वर्तमान शासनादेशों में आवश्यक संशोधन कर जलाशयों के प्रबन्धन हेतु नीति का निर्धारण किया जाय, जिससे समस्याओं का समाधान हो सके और जलाशयों की मत्स्य उत्पादकता में वृद्धि हो सके। इस हेतु कमेटी का गठन कराया जा चुका है।

बैठक में मत्स्य विभाग के निदेशक डॉ0 कुणाल सिल्कू ने कहा कि मंत्री जी द्वारा दिए गए सुझावों का अक्षरशः पालन किया जायेगा और स्थानीय स्तर पर आ रही समस्याओं का शासन स्तर से शीघ्र निराकरण किया जायेगा। उन्होंने मंत्री जी को मत्स्य विभाग, मत्स्य विकास निगम, मत्स्यजीवी सहकारी संघ तथा जलाशयों के ठेकेदारों के साथ बैठक आयोजित करने एवं सीधी वार्ता करने हेतु धन्यवाद दिया।

बैठक में मत्स्यजीवी सहकारी संघ के अध्यक्ष  बीरू साहनी, मत्स्य विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ0 राजेन्द्र सिंह, उपनिदेशक डॉ0 हरेन्द्र, उपनिदेशक मोनिशा सिंह, उपनिदेशक अंजना वर्मा तथा प्रदेश के मण्डलों से आये उपनिदेशक/सहायक निदेशक उपस्थित थे। बैठक में बड़ी संख्या में प्रदेश के विभिन्न जनपदों एवं ग्रामीण अंचलों से आये श्रेणी-1, श्रेणी-2 व श्रेणी-3 के जलाशयों के ठेकेदारों ने प्रतिभाग किया और अपनी समस्यायें बतायीं एवं सुझाव दिये। कल दिनांक 02 जून को पूर्वाह्न 11 बजे से श्रेणी-4 एवं श्रेणी-5 के जलाशयों के ठेकेदारों के साथ बैठक आयोजित की जायेगी।

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