पीसमेकिंग, डिफेंस डील, पर्सनल बॉन्डिंग, UN में बताई एकता की ताकत, PM मोदी के अमेरिकी दौरे के 10 बड़े Takeaways

By अभिनय आकाश | Sep 24, 2024

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिका दौरे का समापन हो चुका है। इन तीन दिनों में पीएम मोदी ने वैश्विक नेताओं संग पर्सनल कमेस्ट्री से लेकर बिजनेस और ब्रॉन्डिंग पर पूरा जोर दिया। वहीं संयुक्त राष्ट्र शांति का पाठ भी पढ़ाया। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने  विलमिंगट्न स्थित अपने निजी आवास में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जिस गर्मजोशी से स्वागत किया, वह दोनों नेताओं के बीच की पर्सनल केमिस्ट्री को ही नहीं, दोनों देशों के रिश्तों में बढ़ती करीबी को भी दिखाता है।

1. बाइडेन संग कैमेस्ट्री

पीएम मोदी की अमेरिका यात्रा ऐसे समय में हुई, जब पूरी दुनिया की नजरें अगले नवंबर में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव पर टिकी हैं। जनवरी तक वहां कमला हैरिस या डॉनल्ड ट्रंप में से कोई राष्ट्रपति पद पर विराजमान होगा। लेकिन जैसा कि अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन ने पीएम मोदी को संबोधित करते हुए कहा कि जब भी हम साथ बैठते हैं, सहयोग के नए-नए क्षेत्र तलाश लेते हैं' और यह भी कि 'दोनों देशों के रिश्ते आज अतीत के किसी भी दौर के मुकाबले ज्यादा मजबूत हैं। पीएम मोदी ने अमेरिका के राष्ट्रपति बाइडन को चांदी से बने पुरानी रेलगाड़ी का मॉडल गिफ्ट के रूप में दिया। इसके मेन डिब्बे के दोनों ओर 'दिल्ली-डेलावेयर' लिखा गया है। इसे महाराष्ट्र के कारीगरों ने तैयार किया है। यह 92.5% चांदी से बनी है। अधिकारियों ने बताया कि पीएम ने अमेरिका की फर्स्ट लेडी जिल बाइडन को पश्मीना शॉल गिफ्ट की।

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2. क्वाड के जरिए चीन को घेरने की रणनीति

क्वाड शिखर सम्मेलन अपने अमेरिकी दौरे के पहले दिन प्रधानमंत्री मोदी ने विलमिंगटन, डेलावेयर में राष्ट्रपति जो बाइडेन द्वारा आयोजित क्वाड शिखर सम्मेलन में भाग लिया। शिखर सम्मेलन में ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानी और जापानी प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने भी भाग लिया। मोदी ने कहा कि क्वाड नेता वैश्विक तनाव के समय में एकत्र हुए, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि उनका सहयोग पूरी मानवता के लिए महत्वपूर्ण है। इस बात पर प्रकाश डालते हुए कि वे "किसी के खिलाफ नहीं हैं" उन्होंने कहा कि वे नियम-आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था, संप्रभुता के सम्मान और विवादों के शांतिपूर्ण समाधान का समर्थन करते हैं। इसे इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चीन की मुखर कार्रवाइयों के सूक्ष्म संदर्भ के रूप में देखा गया।

3. जापान से निवेश, ऑस्ट्रेलिया संग स्पेस पर बात

पीएम ने क्वॉड समिट से अलग द्विपक्षीय बातचीत भी की। ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज और जापानी पीएम फुमियो किशिदा के साथ अलग से मुलाकात की। इन सभी नेताओं के बीच इंडो पैसिफिक क्षेत्र में शांति और स्थिरता के अलावा द्विपक्षीय दूसरे मुद्दों पर भी चर्चा हुई। ऑस्ट्रेलियाई पीएम से बातचीत को लेकर पीएम मोदी ने एक्स पर लिखा कि पीएम अल्बनीज से व्यापक बातचीत हुई। हम व्यापार, सेक्योरिटी, स्पेस और कल्चर जैसे क्षेत्रों में और सहयोग करना चाहते है। भारत, ऑस्ट्रेलिया के साथ वक्त के साथ परखी दोस्ती को बहुत मानता है। इसके अलावा पीएम मोदी ने जापानी पीएम किशिदा के साथ मुलाकात को लेकर भी एक्स पर लिखा, 'पीएम किशिदा के साथ अच्छी मुलाकात हुई। न इन्फ्रास्ट्रक्चर, सेमीकंडक्टर, डिफेंस, ग्रीन एनर्जी जैसे सेक्टर में सहयोग पर चर्चा हुई।' विदेश सचिव मिसी ने कहा कि अगले साल भारत-जापान विशेष वैश्विक और रणनीतिक साझेदारी के 10 साल हो जाएंगे। और दोनों पक्ष इस बात को लेकर सहमत दिखे कि इसे अलग तरीके से मनाया जाएगा। दोनों देशों ने 5 ट्रिलियन येन को निवेश प्रोग्राम के तहत आर्थिक सहयोग बढ़ाने का जिक्र किया है।

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4. डिफेंस सेक्टर से लेकर सेमीकंडक्टर डील तक

क्वॉड समिट से पहले पीएम मोदी और प्रेजिडेंट बाइडन ने रक्षा और सैन्य भागीदारी को मजबूत करने समेत कई पहलुओं पर बात की। बाइडन ने भारत के प्रमुख अमेरिकी रक्षा कंपनी जनरल एटॉमिक्स से 31 MQ-9B ड्रोन की खरीद को अंतिम रूप देने में हुई प्रगति का स्वागत किया। ड्रोन से सशस्त्र बलों की खुफिया, निगरानी और टोही क्षमताओं में बढ़ोतरी होगी। विदेश सचिव विक्रम मिसरी मोदी और बाइडन की मुलाकात को भावनात्मक बताया।  भारत में एक ऐसा सेमीकंडक्टर प्लांट लगाने की तैयारी इस वक्त हो रही है, जिससे निकलने वाला सेमीकंडक्टर अमेरिकी सेना के भी काम आ सकता है। प्रधानमंत्री मोदी अमेरिका के दौरे पर थे और यहां सेमीकंडक्टर प्लांट बनाने को लेकर अमेरिका से सहमति भी बन गई है। भारत जल्द अपना पहला सेमीकंडक्टर फैब्रिकेशन प्लांट स्थापित करने जा रहा है। इस प्लांट को बनाने में अमेरिकी सेना की यूएस स्पेस फोर्स मदद करने जा रही है। पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के बीच द्विपक्षीय बैठक के बाद फैब प्लांट के बारे में जानकारी सामने आई है। भारत में यह फैब्रिकेशन प्लांट 2025 में स्थापित किया जाएगा और इसका नाम शक्ति रखा जाएगा।

5. यूएन में बताया सामूहिक ताकत में सफलता

प्रधानमंत्री मोदी ने न्यू यॉर्क में यूएन के 'समिट ऑफ फ्यूचर' में कहा कि हमारी सामूहिक ताकत में ही सफलता छिपी है ना कि युद्ध के मैदान में। वैश्विक शांति और विकास के लिए ग्लोबल संस्थानों में रिफॉर्म्स जरूरी हैं। रिफॉर्म ही रेलिवेंस की चाभी है। उन्होंने कहा कि अफ्रीकन यूनियन को नई दिल्ली में हुई जी-20 समिट में स्थाई सदस्यता इसी दिशा में एक अहम कदम था। मोदी ने कहा कि वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए एक तरफ वैश्विक आतंकवाद जैसा खतरा है तो दूसरी तरफ साइबर, मेरीटाइम, स्पेस जैसे अनेक संघर्ष के नए मैदान बन रहे हैं। टेक्नॉलजी के सेफ और संतुलित इस्तेमाल के लिए रेगुलेशन की आवश्यता है। उन्होंने कहा कि ग्लोबल गुड के लिए भारत अपना डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर पूरे विश्व से साझा करने के लिए तैयार है।

6. इजरायल के दुश्मन को लगाया गले, मानवीय स्थिति पर जताई चिंता

भारत की ताकत इतनी बढ़ गई है कि जिसने पूरी दुनिया को हैरान कर रखा है। चाहे मंच कैसा भी हो भारत हमेशा अपने दम पर अपनी ताकत का परिचय देता है। अब एक वीडियो अमेरिका से सामने आया है, जिसमें पीएम मोदी ने फिलिस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास के साथ द्विपक्षीय बैठक की। इस मुलाकात का सीधा सीधा मतलब क्या है और क्या क्या बातचीत हुई दोनों के बीच कि कहा जाने लगा कि रूस यूक्रेन के बाद अब इजरायल-फिलिस्तीन की जंग को रोकने में भी भारत की प्रमुख भूमिका का जिक्र होने लगा। दरअसल, दोनों नेताओं के बीच ये मुलाकात ऐसे समय पर हुई जब इजरायल और हमास के बीच गाजा में पिछले एक साल से युद्ध जारी है। पीएम मोदी ने गाजा में मानवीय स्थिति पर गंभीर चिंता व्यक्त की है और फिलिस्तीनी लोगों को भारत से निरंतर समर्थन की अपील की है।

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7. ऐसा ऐलान, हजारों लोगों की बचेगी जान

पीएम मोदी ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में कैंसर की जांच और निदान के लिए 75 लाख अमरीकी डालर के अनुदान की घोषणा की। पीएम मोदी ने कहा कि भारत अपने अनुभव और विशेषज्ञता को साझा करने के लिए तैयार है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह अनुदान भारत के एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के दृष्टिकोण के तहत दिया गया है। प्रधानमंत्री ने यह भी घोषणा की कि भारत हिंद-प्रशांत में कैंसर की रोकथाम के लिए रेडियोथेरेपी उपचार और क्षमता निर्माण के लिए सहायता प्रदान करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि हिंद-प्रशांत देशों को जीएवीआई के तहत भारत से टीके की चार करोड़ खुराक की आपूर्ति से लाभ होगा।  

8. यूक्रेन से समाधान के लिए समर्थन 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने न्यूयॉर्क में यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की से बातचीत की। रूस-यूक्रेन संघर्ष के शीघ्र समाधान और क्षेत्र में शांति और स्थिरता की बहाली के लिए भारत की प्रतिबद्धता की पुष्टि की। अमेरिका की अपनी तीन दिवसीय यात्रा के अंतिम चरण में प्रधानमंत्री ने यूएनजीए में ‘भविष्य के शिखर सम्मेलन’ के दौरान ज़ेलेंस्की से मुलाकात की। हाल ही में हुई यह मुलाकात दोनों नेताओं के बीच करीब तीन महीने में तीसरी मुलाकात है। पिछली बार वे तब मिले थे जब पीएम मोदी 23 अगस्त को ऐतिहासिक यात्रा पर यूक्रेन गए थे। जून में उन्होंने भारत में लगातार तीसरे कार्यकाल के लिए पद की शपथ लेने के तुरंत बाद इटली के अपुलिया में जी7 शिखर सम्मेलन के दौरान ज़ेलेंस्की के साथ बातचीत की थी। 

9. अमेरिका ने 297 पुरानी कलाकृतियां लौटाई

अमेरिका ने पीएम मोदी की यात्रा के दौरान 297 प्राचीन कलाकृतियां सौंपी। देश की संस्कृति के बारे में जानकारी देने वाली इन प्राचीन वस्तुओं को तस्करी कर देश से बाहर ले जाया गया था। एक बयान में बताया गया है कि 2014 से अब तक भारत को कुल 640 प्राचीन वस्तुएं वापस मिली है, जिनमें से अकेले अमेरिका ने 578 वस्तुएं लौटाई है। यह किसी देश की ओर से भारत को लौटाई गई सबसे अधिक सांस्कृतिक कलाकृतियां है। पीएम ने अमूल्य कलाकृतियों को लौटाने के लिए अमेरिका के राष्ट्रपति बाइडन का धन्यवाद किया।

10. दुनिया को कराया भारत की ताकत का एहसास

पीएम मोदी ने विलमिंगटन में क्वाड (चतुष्पक्षीय सुरक्षा संवाद) देशों के नेताओं के शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया, रविवार को लॉन्ग आइलैंड में भारतीय-अमेरिकी समुदाय के हजारों सदस्यों के विशाल कार्यक्रम को संबोधित किया। यूएस इंडिया स्ट्रैटजिक एंड पार्टनरशिप फोरम (यूएसआईएसपीएफ) ने सोमवार को एक बयान में कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की हालिया यात्रा के दौरान प्रवासी समुदाय में उत्साह, साझेदारी में दोनों सरकारों की ओर से आशावादी रुख और लोगों के बीच परस्पर संबंध में गहराई एवं मित्रता का बंधन देखने को मिला।‘मोदी एंड यूएस सामुदायिक कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने 13,000 से अधिक भारतीय अमेरिकियों से खचाखच भरे नासाउ वेटरन्स कोलिजियम में उन्हें संबोधित किया। 

 

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