लखनऊ। योगी सरकार युवाओं को जॉब सीकर के बजाय जॉब क्रिएटर बनाएगी। इसके लिए सरकार ने मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग रोजगार योजना के तहत 800 इकाइयों की स्थापना कराकर 16,000 लोगों को रोजगार दिलाने का लक्ष्य रखा है। इसके अलावा विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना में 112 करोड़ 50 लाख रुपए का प्रस्ताव है। इसके माध्यम से बढ़ई, दर्जी, टोकरी बुनकर, नाई, सुनार, लोहार, कुम्हार, हलवाई आदि व्यवसायों में लगे एक लाख से अधिक हस्त शिल्पियों और पारंपरिक कारीगरों को निशुल्क प्रशिक्षण, टूल किट और बैंक ऋण से जोड़कर रोजगार दिलाया जाएगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले पांच सालों में परंपरागत शिल्पकारों और कारीगरों को एक जनपद, एक उत्पाद प्रोग्राम के तहत सात सौ करोड़ रुपए से अधिक की सब्सिडी दी है। आने वाले समय में 2,500 करोड़ रुपए की लागत से विश्वकर्मा तकनीकी उन्नयन के तहत युवाओं के व्यावसायिक प्रशिक्षण के लिए हर ब्लॉक में आईटीआई की स्थापना, अधिक से अधिक शिल्पकारों और पारंपरिक कारीगरों को जोड़ने की योजना है। सरकार की ओर से औद्योगिकीकरण को बढ़ावा देने के लिए चार जिलों में प्रयागराज, प्रतापगढ़, अलीगढ़ और महोबा में नए औद्योगिक आस्थान विकसित करने के लिए 50 करोड़ रुपए का प्रस्ताव रखा है। इसके अलावा अयोध्या में सीपेट केंद्र के निर्माण और संयंत्रों की खरीद के लिए 35 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है।
झलकारी बाई कोरी हथकरघा एवं पावरलूम विशेष घटक योजना होगी संचालित हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग को बढ़ावा देने के लिए पंडित दीनदयाल उपाध्याय खादी विपणन विकास सहायता योजना के तहत 15 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है। अनुसूचित जाति के बुनकरों के स्वरोजगार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से झलकारी बाई कोरी हथकरघा एवं पावरलूम विशेष घटक योजना संचालित करने के लिए आठ करोड़ रुपए दिए जाएंगे।
पावरलूम और हथकरघा बुनकरों को दिए जाएंगे सोलर इन्वर्टर
हथकरघा बुनकरों की परंपरागत ऊर्जा स्रोतों पर निर्भरता को समाप्त करते हुए सौर ऊर्जा के प्रयोग के लिए पावरलूम बुनकरों और हथकरघा बुनकरों को सोलर इन्वर्टर देने के लिए मुख्यमंत्री बुनकर सौर योजना के तहत 10 करोड़ रुपए की बजट दिया गया है। सरकार की ओर से प्रदेश के पावरलूम बुनकरों को रियायती दरों पर बिजली दी जा रही है। इसके लिए 250 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है।