By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Mar 21, 2020
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को कहा कि कोरोना वायरस से घबराने की जरूरत नहीं है, बल्कि इन चुनौतियों से लड़ने के लिए खुद को तैयार करने की जरुरत है। बचाव का पक्ष सबसे महत्वपूर्ण है। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि पूरे देश के अंदर कोरोना वायरस अभी दूसरे चरण में है। हम इस चरण पर इसको रोकने में अगर सफल होते हैं तो यह दुनिया के लिए बड़ा संदेश होगा। इस संक्रमण को रोकने के लिए हमारी कार्यवाही युद्ध स्तर पर चल रही है। हर जिला अस्पताल और मेडिकल कालेज में आइसोलेशन वार्ड बनाए गए हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश में अब तक 23 मरीज चिन्हित हुए थे, इनमें से नौ पूरी तरह स्वस्थ हो चुके हैं।
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कोरोना वायरस से घबराने की जरूरत नहीं है, बल्कि इन चुनौतियों से लड़ने के लिए खुद को तैयार करने की जरुरत है। बचाव का पक्ष सबसे महत्वपूर्ण है। योगी ने कहा कि कोरोना वायरस को रोकने के लिए पूरे देश में जो एहतियात बरते जा रहे हैं, उसे ध्यान में रखते हुए प्रदेश सरकार ने भी पूरी सतर्कता बरती है। मुख्यमंत्री ने अपील की कि रविवार को जनता कर्फ्यू के दौरान अनावश्यक तौर पर बाजार में ना जाएं। हम सभी अपने घरों में रहें। उन्होंने कहा कि सरकार के पास पर्याप्त मात्रा में दवाएं और खाद्यान मौजूद हैं। किसी भी चीज की किल्लत बाजार में नहीं होगी। सभी को सब सामान मिलेगा, दुकानों पर लाइन कतई न लगाएं, अनावश्यक बाजार में मत जाएं, जमाखोरी बिल्कुल न करें। उन्होंने कहा कि कल यूपी में सभी मेट्रो सेवाएं बंद रहेंगी।
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उन्होंने कहा है कि एहतियात के तौर पर सरकार ने प्रदेश में सभी शिक्षण संस्थानों, मल्टीप्लेक्स, सिनेमाघर, माल को बंद करने का निर्देश दिया है। अनावश्यक यातायात को रोका गया है। भीड़भाड़ वाले स्थानों पर न जाने के लिए लोगों का आह्वान किया गया है। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि इसका असर दिन प्रतिदिन आजीविका कमाने वाले लोगों पर पड़ेगा। इसके लिए हमारी सरकार ने वित्त मंत्री सुरेश खन्ना के नेतृत्व में एक कमेटी का गठन किया था। इस कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर दिहाड़ी मजदूरों के लिए प्रदेश सरकार ने भरण-भोषण के भत्ते की मंजूरी दी है। प्रदेश के अंदर श्रम विभाग में 20.37 लाख श्रमिक पंजीकृत हैं। भरण पोषण के रूप में एक हजार रुपए डीबीटी के माध्यम से प्रत्येक के अकाउंट में भेजा जाएगा। जिन श्रमिकों के खाते नहीं है, उनके खाते यथाशीघ्र खुलवाकर विभाग में लेबर सेस फंड से सभी श्रमिकों को प्रतिमाह एक एक हजार रुपए डीबीटी के माध्यम से उपलब्ध करवाए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के अंदर घुमन्तू जैसे ठेला, खोमचा, रेहड़ी और रिक्शा चलाने, साप्ताहिक बाजार आदि का कार्य करने वाले की संख्या करीब 15 लाख है। इनके लिए भी सरकार एक हजार रुपए भरण पोषण तत्काल रूप से देगी। इसे भी डीबीटी के माध्यम से उनके अकाउंट में भेजा जाएगा। इनका डेटाबेस नगर विकास द्वारा अगले 15 दिनों में तैयार किया जाएगा। ऐसे सभी श्रमिकों के खातों में प्रतिमाह 1000 रुपए की धनराशि हस्तान्तरित की जाएगी। इस पर सरकार का करीब 150 करोड़ रुपए का व्यय भार अऩुमानित है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि शहरी क्षेत्र में ऐसे दिहाड़ी मजदूर जिनके पास राशन कार्ड उपलब्ध नहीं है, उनके कार्ड प्राथमिकता के आधार पर बनाए जाएंगे। प्रदेश में ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में जो भी कार्य करने वाले लोग खासतौर पर मजदूर या ठेला, खोमचा लगाने वालों को तत्काल खाद्यान्न उपलब्ध करवाने के आदेश दिए गए हैं।
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उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों से कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए शैक्षणिक संस्थानों, माल, सिनेमाहाल, मल्टीप्लेक्स, जिम, स्वीमिंग पूल, रेस्टोरेंट आदि बंद है। इसके कारण प्रभावित श्रमिकों और कार्मिकों के हित के दृष्टिगत बंद इकाइयों के स्वामियों औऱ नियोजकों को निर्देशित किया गया है कि वे अपने श्रमिकों और कार्मिकों को नियमित वेतन और सभुगतान अवकाश प्रदान करें। मुख्यमंत्री ने मनरेगा के मजदूरों को तत्काल मजदूरी का भुगतान करने के निर्देश देते हुए कहा है कि केंद्र सरकार से करीब 556 करोड़ रुपए की धनराशि के भुगतान की कार्यवाही तत्काल मार्च 2020 में ही कराई जाएगी। इसी के साथ उन्होंने अन्त्योदय योजना, मनरेगा और श्रम विभाग में पंजीकृत निर्माण श्रमिक एवं दिहाड़ी मजदूरों करीब एक करोड़ 65 लाख 31 हजार जरूरतमंदों को एक माह का निशुल्क राशन अप्रैल में उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए हैं। इस पर करीब 64.50 करोड़ का व्ययभार आएगा। पीडीएस दुकानों के जरिए अनाज दिया जाएगा। इसके लिए नोडल अफसर तैनात किए गए हैं। इन परिवारों को 20 किलो गेहूं, 15 किलो चावल मुफ्त मिलेगा।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि प्रदेश में लागू विभिन्न पेंशन योजनाओं के तहत 83.83 लाख लाभार्थियों को दी जाने वाली त्रैमासिक पेंशन की धनराशि को अब दो माह की अग्रिम पेंशन अप्रैल महीने में ही दी जाएगी। इसमें वृद्धावस्था पेंशन, दिव्यांगजन सशक्तिकरण पेंशन और निराश्रित विधवा के भरण पोषण पेंशन के लाभार्थी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि इसके बाद भी अगर कोई असहाय व्यक्ति बच जाता है, जिसके पास अपने व अपने परिवार के भरण पोषण की व्यवस्था नहीं है, उसकी भी सरकार पूरी मदद करेगी। इसके लिए जिलाधिकारी द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में खंड विकास अधिकारी व ग्राम पंचायत अधिकारी की समिति तथा नगरीय क्षेत्रों में उपजिलाधिकारी व नगर मजिस्ट्रेट व संबंधित नगर निकायों के आयुक्त व अधिशासी अधिकारी की समिति की संस्तुति पर 1000 रुपए प्रतिमाह की सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।
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