By डा. अनीष व्यास | May 24, 2023
हर साल ज्येष्ठ माह में शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मां गंगा की पूजा-अर्चना की जाती है। इस तिथि को गंगा दशहरा को गंगावतरण भी कहा जाता है। इस बार गंगा दशहरा 30 मई को मनाया जाएगा। ऐसी मान्यता है कि इस दिन गंगा स्नान करने से सारे पाप धुल जाते हैं। पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर जोधपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इसी दिन मां गंगा का पृथ्वी पर अवतरण हुआ था। भागीरथ अपने पूर्वजों की आत्मा का उद्धार करने के लिए गंगा को पृथ्वी पर लेकर आए थे। इसी कारण गंगा को भागीरथी भी कहा जाता है। हिंदू धर्म में गंगा को मां का दर्जा दिया गया है। गंगाजल बहुत ही पवित्र और पूजनीय माना जाता है। किसी भी शुभ कार्य और पूजा अनुष्ठान में गंगाजल का प्रयोग जरूर किया जाता है। गंगा भवतारिणी हैं, इसलिए हिंदू धर्म में गंगा दशहरा का विशेष महत्व माना जाता है। इसलिए इस दिन गंगा घाट पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिलती है। इस दिन गंगा के घाट पर भव्य गंगा आरती भी होती है। इसी दिन साल का आखिरी बड़ा मंगल भी रहेगा। ऐसे में साधक पर मां गंगा और हनुमान जी की कृपा बरसेगी।
ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि गंगा दशहरे के दिन श्रद्धालु जन जिस भी वस्तु का दान करें उनकी संख्या दस होनी चाहिए और जिस वस्तु से भी पूजन करें उनकी संख्या भी दस ही होनी चाहिए। ऎसा करने से शुभ फलों में और अधिक वृद्धि होती है। गंगा दशहरे का फल ज्येष्ठ शुक्ल दशमी के दिन गंगा स्नान करने से व्यक्ति के दस प्रकार के पापों का नाश होता है। इन दस पापों में तीन पाप कायिक, चार पाप वाचिक और तीन पाप मानसिक होते हैं| इन सभी से व्यक्ति को मुक्ति मिलती है।
गंगा दशहरा तिथि
ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि पंचांग में बताया गया है कि ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि की शुरुआत 29 मई को सुबह 11:49 मिनट पर होगी और इसका समापन 30 मई को दोपहर 01:07 मिनट पर हो जाएगा। उदया तिथि के अनुसार गंगा दशहरा पर्व मंगलवार 30 मई 2023 को मनाया जाएगा।
शुभ योग
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास ने बताया कि वैदिक पंचांग के अनुसार, गंगा दशहरा के दिन अत्यंत लाभकारी संयोग का निर्माण हो रहा है। इस दिन हस्त नक्षत्र, रवि योग और सिद्धि योग का निर्माण होगा। बता दें कि हस्त नक्षत्र पूर्ण रात्रि तक रहेगी, रवि योग पूरे दिन रहेगा और हस्त नक्षत्र पूर्ण रात्रि तक रहेगी। गंगा दशहरा के दिन ज्येष्ठ मास का दूसरा बड़ा मंगल भी है। ऐसे में इस शुभ अवसर पर मां गंगा और हनुमान जी की उपासना करने से व्यक्ति को विशेष लाभ होगा। माना जाता है इस अद्भुत संयोग में पूजा करने से साधक को धन, समृद्धि और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है।
दान
कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास ने बताया कि गंगा दशहरा के दिन स्नान-दान का विशेष महत्व है। मनात्याओं के अनुसार, गंगा दशहरा के दिन गंगा नदी में स्नान करने से जीवन में आ रही समस्याएं दूर हो जाती हैं। इस विशेष दिन 10 चीजों के दान को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जा रहा है। बता दें कि गंगा दशहरा के दिन- जल, अन्न, वस्त्र, फल, पूजन, श्रृंगार, घी, नमक, शक्कर और स्वर्ण का दान करना भू ही शुभ और फलदाई माना जाता है।
महत्व
भविष्यवक्ता अनीष व्यास ने बताया कि हिंदू धर्म में गंगा दशहरा को बेहद खास महत्व दिया गया है। धार्मिक मान्यता है कि ज्येष्ठ शुक्ल दशमी तिथि को मां गंगा का आगमन हुआ था। यानी इसी दिन मां गंगा स्वर्ग के धरती पर आई थीं। माना जाता है कि गंगा दशहरा के दिन गंगा स्नान करने से सभी पाप धुल जाते हैं। इसके अलावा इस दिन दान का भी विशेष महत्व है। गंगा दशहरा पर मां गंगा के साथ देवी नारायण, शिव, ब्रह्मा, सूर्य, राजा भगीरथ और हिमालय पर्वत का भी पूजन करने की परंपरा है। मान्यता है जो गंगा दशहरा पर गंगाजल या गंगा नदी में स्नान और दान करता है उसके कई तरह के पाप खत्म हो जाते हैं।
आर्थिक तरक्की के लिए
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास ने बताया कि यदि किसी भी कारण घर की आर्थिक तरक्की रुक गई है तो गंगा दशहरा के दिन आप गंगाजल को चांदी के पात्र में भरें और उसे अपने घर की उत्तर पूर्व दिशा में रख दें। इससे आपकी समस्या का जल्द ही दूर हो जाएगी। इसके अलावा गंगाजल को हमेशा अपने पूजा स्थल और किचन के उत्तर-पूर्व में रखें, धीरे-धीरे आपको आर्थिक लाभ के साथ तरक्की और सफलता मिलने लगेगी।
घर में गंगाजल का छिड़काव
कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास ने बताया कि यदि आपके घर में वास्तु दोष है तो आप घर में गंगाजल का छिड़काव करें। नित्य ऐसा करने से वास्तुदोष का प्रभाव खत्म होगा और घर में सकारात्मक ऊर्जा स्तर का बढ़ेगा, जिससे आपके कष्ट धीरे-धीरे दूर हो जाएंगे।
ग्रह शांति के लिए
भविष्यवक्ता अनीष व्यास ने बताया कि गंगा दशहरा से शुरू करके रोजाना शिवलिंग पर गंगाजल से अभिषेक करें। ऐसा करने से भोलेनाथ जल्द ही प्रसन्न होंगे और कुंडली में ग्रहों की स्थिति मजबूत होगी और जीवन से सभी विकार नष्ट हो जाएंगे।
शनि दोष से बचने के लिए
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास ने बताया कि हर शनिवार एक लोटे में साफ जल भरें और उसमें थोड़ा सा गंगाजल डाल लें। फिर इस जल को पीपल के पेड़ में चढ़ाएं ऐसा करने से शनि के अशुभ प्रभाव से मुक्ति मिलती है।
- डा. अनीष व्यास
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक