By रितिका कमठान | Jan 16, 2024
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण हो गया है, जिसमें अब प्राण प्रतिष्ठा की जानी है। प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर भी तैयारियां पूरी कर ली गई है। प्राण प्रतिष्ठा होने से पहले विधि विधान के साथ पूजन विधि की शुरुआत 16 जनवरी से हो गई है। इसी बीच इस पूरे अनुष्ठान में खास पूजन सामग्री का उपयोग किया जा रहा है।
बता दें कि रामलला की प्रतिमा का कर्मकुटी संस्कार सबसे पहले किया जाएगा। इसके लिए पहले संस्कार में प्रथम यजमान के तौर पर डॉ. अनिल मिश्र और उनकी पत्नी हिस्सा लेंगे। यजमान के तौर पर दोनों ही 22 जनवरी तक लगभग 50 वैदिक क्रियाओं में हिस्सा लेंगे। अनुष्ठान की शुरुआत यजमान के स्नान से की जाएगी। इस दौरान यजमान को 10 तरह के स्नान लेने होंगे।
इस अनुष्ठान के दौरान सरयू का जल, गाय का दूध, दही, घी, गोबर, गोमूत्र, भस्म कुशोदक यानी पंच गव्य से यजमान को स्नान करना होगा। पंचगव्य को प्रसाद के तौर पर ग्रहण करने के बाद यजमान का व्रत शुरू होगा। ये व्रत आहार और व्यवहार दोनों रूप में लागू होगा, जिसका पालन 22 जनवरी तक करना होगा। यजमान का खान-पान, वस्त्र आदि बदल जाएगा।
इन सामग्रियों से होगा पूजन
भगवान श्रीराम की दैनिक पूजा के लिए चांदी का सामान भी समर्पित किया गया है। धर्मस्थल धर्माधिकारी वीरेंद्र हेगड़े ने पूजा सामग्री भेजी है, जिसमें चांदी की बिंदी, अभिषेक शंख, थाली, गिलास, आरती, चांदी का पंखा, घंटी, अभिषेक तीर्थ पात्र आदि सामान सौंपा गया है।