By अनन्या मिश्रा | Mar 21, 2025
हिंदू धर्म में शीतला सप्तमी का विशेष महत्व होता है। इस बार आज यानी की 21 मार्च 2025 को शीतला सप्तमी का पर्व मनाया जा रहा है। यह पर्व होली के सात दिन बाद मनाया जाता है। हर साल चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि को शीतला सप्तमी का व्रत किया जाता है। इस व्रत की शुरूआत सप्तमी तिथि से होती है और यह शीतला अष्टमी तक चलता है। मां शीतला को ठंडक प्रदान करने वाली देवी भी माना जाता है। खासकर ग्रीष्मकाल के आगमन से पहले मां शीतला की पूजा की जाती है। मां शीतला भक्तों को बीमारियों से सुरक्षा और घर-परिवार में सुख-शांति का आशीष देती हैं। इस दिन विशेष रूप से मां शीतला की पूजा-अर्चना की जाती है।
शीतला सप्तमी
इस बार चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि की शुरूआत 21 मार्च की रात 02:45 मिनट से हो रही है। जोकि अगले दिन 22 मार्च की सुबह 04:23 मिनट तक रहेगी। ऐसे में उदयातिथि के हिसाब से 21 मार्च को शीतला सप्तमी का व्रत किया जाएगा। वहीं पूजा के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 06:24 से शाम 06:33 तक रहेगा।
पूजा विधि
शीतला सप्तमी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि कर स्वच्छ वस्त्र पहनें। फिर मां शीतला की विधि-विधान से पूजा-अर्चना करें और उनको जल अर्पित करें। फिर मां शीतला को कुमकुम और गुलाल अर्पित करें और श्रीफल और चने की दाल का भोग चढ़ाकर आरती करें।। पूजा के अंत में घर के मुख्य द्वार पर स्वास्तिक या अन्य शुभ चिन्ह बनाएं।
महत्व
होली के सात दिन बाद शीतला सप्तमी का पर्व मनाया जाता है। इस दिन मां शीतला की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है। मां शीतला को स्वास्थ्य और ठंडक की देवी माना जाता है। विशेष रूप से इनकी पूजा ग्रीष्म ऋतु के आगमन से पहले की जाती है। जिससे कि शरीर में ठंडक बनी रहे। मां शीतला की पूजा करने से घर में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है।