By अनन्या मिश्रा | Jun 25, 2024
सनातन धर्म में भगवान गणेश को प्रथम पूज्य देवता माना जाता है। गणेश जी की पूजा के लिए चतुर्थी का दिन सबसे अच्छा माना जाता है। बता दें कि हर साल आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को कृष्णपिंगल संकष्टी चतुर्थी का व्रत किया जाता है। मान्यता के अनुसार, जो लोग कृष्णपिंगल संकष्टी चतुर्थी के दिन सच्चे मन और पूरे श्रद्धा भाव भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करते हैं और व्रत करते हैं। उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और हर कार्य में सफलता मिलती है।
इस बार 25 जून 2024 को कृष्णपिंगल संकष्टी चतुर्थी का व्रत किया जा रहा है। धार्मिक मान्यता के मुताबिक इस दिन विधि-विधान से भगवान श्रीगणेश की पूजा-अर्चना और व्रत करना चाहिए। आइए जानते हैं पूजा का शुभ मुहू्र्त और धार्मिक महत्व।
शुभ मुहूर्त
बता दें कि 25 जून 2024 को सुबह 01:23 मिनट से आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि की शुरूआत होगी। वहीं रात 11:10 मिनट पर इसका समापन होगा। भगवान गणेश की पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 05:23 मिनट से लेकर 07:08 मिनट तक रहेगा। वहीं शाम को पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 05:36 मिनट से लेकर रात 08:36 मिनट तक रहेगा।
इस तरह से करें पूजा
इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि कर भगवान श्री गणेश की पूजा का संकल्प लें। इसके बाद सूर्यदेव को अर्घ्य दें और भगवान गणेश की प्रतिमा के सामने बैठकर विधि-विधान से पूजा-अर्चना करें। पूजा के दौरान भगवान गणेश को दीप, धूप, फल, फूल आदि अर्पित करें। इस दिन भगवान गणेश की कथा सुननी चाहिए और भजन कीर्तन करें। व्रत के अंत में जातक को भगवान गणेश को अर्पित किया गया भोजन करना चाहिए। इस भोग को खाने से व्रत की पूर्णता का संकल्प लिया जाता है।
धार्मिक महत्व
हिन्दू धर्म में कृष्णपिंगल संकष्टी चतुर्थी का विशेष महत्व माना जाता है। साथ ही इस व्रत को करने से व्यक्ति को भगवान गणेश की विशेष कृपा प्राप्त होता है। मान्यता के अनुसार, इस दिन विघ्नहर्ता गणेश की पूजा-अर्चना करने से जातक के जीवन के सभी कष्ट व परेशानियां दूर होती हैं और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है।