By अनन्या मिश्रा | Apr 16, 2025
तिथि और मुहूर्त
हिंदू पंचांग के मुताबिक कृष्ण पक्ष में आने वाली चतुर्थी तिथि 16 अप्रैल को दोपहर 01:16 मिनट से शुरू हो रही है। वहीं 17 अप्रैल को दोपहर 03:32 मिनट पर इस तिथि की समाप्ति होगी। इस दिन चंद्रोदय रात 09:54 मिनट पर होगा। संकष्टी चतुर्थी व्रत का पारण चंद्रदेव को अर्घ्य देने के बाद किया जाता है।
पूजा मुहूर्त
इस दिन सुबह जल्दी उठकर सूर्योदय से पहले पवित्र स्नान करें और स्वच्छ कपड़े पहनें। इसके बाद सूर्य देव को जल दें और व्रत का संकल्प लें। इसके बाद एक चौकी पर भगवान गणेश की प्रतिमा या मूर्ति स्थापित करें। फिर भगवान गणेश को दुर्वा, फल, फूल और मिठाई आदि अर्पित करें और घी का दीपक जलाएं। पूजा में भगवान गणेश को मोदक और लड्डू का भोग लगाएं और मंत्रों का जाप करें। फिर विकट संकष्टी चतुर्थी व्रत की कथा पढ़ें और आरती करें। वहीं रात में चंद्रमा के दर्शन के बाद व्रत का समापन करें।
गणेश जी के मंत्र
श्री वक्रतुण्ड महाकाय सूर्य कोटी समप्रभा। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्व-कार्येशु सर्वदा॥
ॐ श्रीं गं सौभाग्य गणपतये। वर्वर्द सर्वजन्म में वषमान्य नमः॥
ॐ एकदन्ताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दन्ति प्रचोदयात्॥
ॐ गं गणपतये नमः॥