By अनन्या मिश्रा | Oct 12, 2024
अर्थराइटिस को गठिया के नाम से जाना जाता है। अर्थराइटिस की समस्या होने से जोड़ों में सूजन और दर्द होता है। इस बीमारी के होने से रोजमर्रा के कामों को करने में काफी ज्यादा समस्या होती है। हालांकि इस समस्या को पूरी तरह से ठीक नहीं किया जा सकता है, लेकिन अच्छी लाइफस्टाइल अपनाने से आप इस बीमारी को मैनेज कर सकते हैं।
इस बीमारी के प्रति लोगों को जागरुक करने और बेहतर इलाज मुहैया कराने के उद्देश्य से हर साल 12 अक्तूबर को वर्ल्ड अर्थराइटिस डे मनाया जाता है। तो आइए जानते हैं इस दिन का इतिहास, महत्व और थीम के बारे में...
इतिहास
आर्थराइटिस एंड रूमेटिज्म इंटरनेशनल द्वारा सबसे पहले विश्व गठिया दिवस की पहल की गई थी। साल 1996 में इस दिन को पहली बार मनाया गया था। जिसके बाद से हर साल 12 अक्तूबर को विश्व गठिया दिवस मनाया जाने लगा। दुनियाभर में गठिया के बढ़ते मरीजों की संख्या को ध्यान में रखते हुए हर साल विश्व गठिया दिवस मनाया जाता है।
महत्व
इस दिन को मनाए जाने का मुख्य मकसद लोगों में गठिया को होने से रोकना है। क्योंकि दुनियाभर में लोग तेजी से गठिया का शिकार हो रहे हैं। इसलिए विश्व गठिया दिवस मनाकर इस दिन गठिया से जूझ रहे लोगों को हौसला लिया जाता है और जल्दी रिकवर होने की टिप्स के बारे में जानकारी दी जाती है। इस दिन हेल्थ केयर प्रोवाइडर्स और हेल्थ से जुड़ी संस्थाएं लोगों को इस समस्या से बचने के टिप्स देते हैं।
थीम
बता दें कि हर साल इस दिन पर एक खास थीम रखी जाती है। इस बार की थीम "Informed Choices, Better Outcomes" है। इस थीम का मतलब लोगों को यह समझाना है कि अगर गठिया के बारे में पहले से जानकारी हो, तो इसके बेहतर परिणाम हो सकते हैं।