अयोध्या। राम जन्मभूमि परिसर में मंदिर निर्माण को लेकर लगातार गतिविधियां तेज हो गई है। जहां परिसर में नींव भराई का कार्य पूरा हो गया है। तो वही मंदिर निर्माण कार्यशाला में भी हलचल तेज हो गई हैं। राजस्थान के जयपुर से आए 8 कारीगरों ने कार्यशाला का कार्यभार संभाल लिया है।
राम मंदिर निर्माण के लिए राजस्थान के बंसी पहाड़पुर से पिंक सैंड स्टोन से मंदिर निर्माण किया जाना है। इसके लिए 1989 में शुरू हुई कार्यशाला में अब तक 25% ही पत्थरों पर नक्काशी के कार्य को पूरा हुआ है। तो वहीं अभी भी बड़ी संख्या में कार्यशाला में नक्काशी के लिए पत्थर रखे है। तो वही नक्काशी की गई पत्थरों में भी काफी पत्थर अधूरे हैं। जिन्हें पूरा किये जाने है। लेकिन कुछ वर्ष पूर्व कार्यशाला बंद हो गया था। इस बीच राम मंदिर के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद आज इस कार्यशाला को पुनः शुरू कर दिया गया है। और जयपुर से आए विशेष कारीगरों ने कार्यशाला में रखे पत्थरों पर नक्काशी का कार्य शुरू करने की प्रक्रिया तेज केआर दी है।
राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि मंदिर का प्रिंट तैयार होने के बाद भूतल के पत्थरों को लगाए जाने का कार्य किया जाएगा इसके लिए 15 वर्ष से कार्यशाला में तराशे गए पत्थर रखे हुए हैं जिसमें अभी बहुत से पत्थरों पर किए गए नक्काशी का कार्य भी अधूरा है उन्हें पूरा किए जाने के लिए 8 कारीगर लगाए गए हैं जब यह कार्य तेजी से शुरू होगा तो और भी कारीगरों को लगा दिया जाएगा वही राजस्थान के बंसी पहाड़पुर से निकलने वाले पत्थरों को राजस्थान के कार्यशाला से ही तैयार करने का का कार्य प्रारंभ होगा जिसके बाद उन पत्थरों को अयोध्या लाने का कार्य किया जाएगा।