ममता बनर्जी के बंगाल की मुख्यमंत्री के रूप में दोनों ही कार्यकाल देशभर में चर्चा का विषय रहे हैं। चाहे वो पहली दफा साल 2011 में 34 साल के वाम शासन को उखाड़ कर सत्ता की कुर्सी हासिल करने हो या फिर 2016 के चुनाव में सूबे की एक 211 सीटें अपने नाम कर विपक्ष का संपूर्ण सफाया करना हो। लेकिन साल 2021 का चुनाव ममता बनर्जी के लिए कड़ी परीक्षा वाला रहने वाला है। एक-एक कर साथ छोड़ते सहयोगी और तेजी के साथ मजबूत होती बीजेपी ने ममता बनर्जी को बेचैन भी कर दिया है। तमाम चलते घटनाक्रमों के बीच ममता सरकार के मंत्री लक्ष्मी रतन शुक्ला ने इस्तीफा दे दिया है। लक्ष्मी रतन शुक्ला बंगाल सरकार में खेल मंत्री थे। शुर्ला ने मंत्री पद के साथ ही हावड़ा जिलाध्यक्ष का पद भी छोड़ दिया है। गौरतलब है कि लक्ष्मी रतन शुक्ला भारतीय क्रिकेट टीम के लिए तीन वन डे और आईपीएल में भी खेल चुके हैं।
ममता ने दी सफाई
खेल मंत्री के इस्तीफे पर ममता बनर्जी ने कहा कि कोई भी इस्तीफा दे सकता है। उन्होंने (लक्ष्मी रतन शुक्ला) ने अपने त्याग पत्र में लिखा है कि वह खेल को अधिक समय देना चाहते हैं और एक विधायक के रूप में जारी रहेंगे। इसे नकारात्मक तरीके से न लें।
कई नेता TMC से कर चुके हैं किनारा
बीते महीने में अमित शाह की मिदनापुर रैली में तृणमूल, कांग्रेस, माकपा के करीब 72 नेता बीजेपी का दामन थाम चुके हैं। इसी रैली में टीएमसी के दिग्गज नेता शुभेंदु अधिकारी भी बीजेपी में शामिल हुए। इस दौरान गृह मंत्री शाह ने कहा था कि एक साथ एक सांसद, 9 विधायक, पूर्व मंत्री, 15 काउंसलर, 45 चेयरमैन और दो जिला पंचायत सदस्य बीजेपी में शामिल हुए। जिसके कुछ ही दिनों बाद अपने भाई के नक्शेकदम पर चलते हुए शुभेंदु अधिकारी के छोटे भाई सौमेंदु अधिकारी कई पार्षदों और कार्यकर्ताओं के साथ बीजेपी में शामिल हो गए।