By अंकित सिंह | Nov 05, 2024
केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने मंगलवार (5 नवंबर) को संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत की तारीख की घोषणा की। एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर उन्होंने कहा कि संसद का शीतकालीन सत्र 25 नवंबर से शुरू होगा और 20 दिसंबर 2024 तक चलेगा। अपने एक्स पोस्ट में उन्होंने लिखा कि माननीय राष्ट्रपति ने भारत सरकार की सिफारिश पर, 25 नवंबर से 20 दिसंबर, 2024 तक शीतकालीन सत्र, 2024 के लिए संसद के दोनों सदनों को बुलाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। 26 नवंबर, 2024 (संविधान दिवस) पर संविधान को अपनाने की 75वीं वर्षगांठ पर संविधान सदन के सेंट्रल हॉल में कार्यक्रम मनाया जाएगा।
दिलचस्प बात यह है कि सत्तारूढ़ एनडीए और विपक्षी गठबंधन दोनों ही खुद को संविधान के रक्षक के रूप में पेश करने की कोशिश कर रहे हैं। बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही एक-दूसरे को संविधान का दुश्मन बताने में कोई कसर नहीं छोड़ते। इस लोकसभा चुनाव में विपक्ष ने यह बात फैलाने की कोशिश की कि अगर मोदी सरकार दोबारा सत्ता में आई तो संविधान खतरे में पड़ जाएगा। वहीं, मोदी सरकार ने इस साल जुलाई में 25 जून को संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की, ताकि आपातकाल के काले दिनों को याद किया जा सके।
इस पृष्ठभूमि में आगामी संसद सत्र और विशेष सत्र में होने वाली चर्चा इस बार काफी महत्वपूर्ण रहने की संभावना है। गौरतलब है कि शीतकालीन सत्र के दौरान कथित तौर पर 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' प्रस्ताव और वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 पर जोरदार चर्चा होगी। इससे पहले, गृह मंत्री अमित शाह ने वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 पर बोलते हुए कहा कि यह विधेयक संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान पारित किया जाएगा। गुड़गांव के बादशाहपुर इलाके में एक चुनावी रैली में बोलते हुए, शाह ने टिप्पणी की, "वक्फ बोर्ड कानून... हम इसे संसद के अगले सत्र में ठीक कर देंगे।"