By अभिनय आकाश | Apr 28, 2022
दुनिया के सबसे अमीर शख्स एलन मस्क ने 44 अरब डॉलर में ट्विटर कंपनी खरीदी है। रुपयों में लिखने पर ये रकम बहुत बड़ी नजर आने लगेगी। करीब तीना लाख 37 हजार 153 करोड़ ये रकम इतनी है कि इससे श्रीलंका जैसे देश का आधा कर्ज चुकाया जा सकता है। मार्च के मध्य तक ट्विटर इनकॉरपोरेटेड का मार्केट कैपिटलाइेशन 28 अरब डॉलर बताया जा रहा है। नीली चिड़िया के मस्क के कब्जे में जाते ही दुनियाभर में आशंकाओं का दौर उमड़ने लगा। इसके साथ ही ट्विटर पर #leavingtwitter हैशटैग टॉप ट्रेंड भी करने लगा। इतना ही नहीं मस्क के धुर विरोधी और दुनिया के दूसरे सबसे अमीर शख्स जेफ बेजोस ने एक बड़ी चिंता की ओर सभी का ध्यान दिलाया। उन्होंने सवाल किया कि क्या अब ट्विटर पर चीन का दबाव बढ़ जाएगा क्योंकि मस्क के बिजनेस हित चीन से जुड़े हुए हैं।
जेफ बेजोस ने क्यों उठाया सवाल
जेफ ने न्यूयॉर्क टाइम्स के रिपोर्ट का ट्वीट शेयर करते हुए सवाल उठाया कि क्या मस्क के ट्विटर का मालिक बनने से इसपर चीन का दबदबा बढ़ेगा। बेजोस ने यह ट्वीट न्यूयॉर्क टाइम्स के एक पत्रकार के ट्वीट पर किया जिनका कहना था कि मस्क की टेस्ला कंपनी चीन पर बुरी तरह से निर्भर है। चीन टेस्ला का दूसरा सबसे बड़ा बाजार है। चीन के निर्माता मस्क की कंपनी को बैटरी के कलपुर्जे की सप्लाई करते हैं।
मस्क का चीन कनेक्शन
चीन एलक मस्क की इलेक्ट्रिक गाड़ियों का सबसे बड़ा मार्केट है। चीन में मस्क की कंपनी टेस्ला के गाड़ियों के उत्पादन औऱ कमाई में तेजी देखने को मिली है। यही वजह है कि मस्क और चीन के संबंध बेहद करीबी रहे हैं। चीन दुनिया का सबसे बड़ा इलेक्ट्रिक गाड़ियों का मार्केट है। टेस्ला की पहली विदेश फैक्ट्री यहीं खुली थी। 2019 में टेस्ला ऐसी पहली विदेशी कार कंपनी बनी थी, जिसे चीन में पूरी तरह उसके मालिकाना हक वाली कार फैक्ट्री लगाने की इजाजत मिली थी। 2019 में टेस्ला ने शंघाई में गीगा शंघाई नाम से अपनी सबसे बड़ी फैक्ट्री खोली थी। इस फैक्ट्री को खोलने के लिए मस्क को 1.3 अरब डॉलर का भारी-भरकम लोन चीन के कई बैंकों ने दिया था। 2021 में टेस्ला द्वारा बनाई गई 9.36 लाख गाड़ियों में से आधे से ज्यादा, यानी 4.73 लाख गाड़ियों का उत्पादन शंघाई स्थित गीगा फैक्ट्री में हुआ था। इस दौरान टेस्ला की कुल कमाई में से 24.8% चीन से हुई। 2021 में भी चीन टेस्ला का दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा बाजार रहा था।
ट्विटर और चीन
चीन ने साल 2019 में ट्विटर, व्हाट्सअप, फेसबुक और इंस्टाग्राम को ब्लॉक कर दिया था। हालांकि बैन के बावजूद भी कुछ चीनी कंपनियां और नेशनल मीडिया ट्विटर का इस्तेमाल करते हैं। चीन के विदेश मंत्रालय ने भी दिसंबर 2019 से ट्ववीट करना शुरू किया था। तब से ही चीन के कई सरकारी और मीडिया एकाउंट प्रोपोगैंडा चलाने का काम करते है। पेड प्रमोशन के जरिये झूठा प्रचार करते रहे हैं। साल 2019 में ट्विटर ने चाइनीज स्टेट मीडिया के पेड प्रमोशन पर रोक लगा दी थी। साल 2020 में ट्विटर ने चीनी मीडिया पर चीन स्टेट एफिलेटेड मीडिया का टैग लगाया था। जिसके बाद उसकी रीच घट गई थी। अब मस्क के ट्विटर को टेक ओवर करने के बाद चीन के प्रति उसकी नीतियां भी बदल सकती है। जिसके परिणाम स्वरूप ड्रैगन को अपना प्रोपोगैंडा चलाना आसान हो जाएगा।