By अभिनय आकाश | May 23, 2022
केंद्र सरकार ने उन रिपोर्ट्स को नकार दिया है जिनमें कुतुबमीनार परिसर की खुदाई की बात कही गई। न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए केंद्रीय संस्कृति मंत्री जीके रेड्डी ने कहा कि मंत्रालय ने इस तरह का कोई आदेश जारी नहीं किया है। इससे पहले रिपोर्ट थी कि मंत्रालय ने इस तरह के आदेश दिए हैं और साथ ही साथ कुतुबमीनार परिसर में मूर्तियों की आइकोनोग्राफी कराए जाने का भी निर्देश दिया है। केंद्रीय संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा कि भारतीय पुरात्व सर्वेक्षण यानी एएसआई की ओर से कुतुबमीनार परिसर में कोई भी खुदाई नहीं की जाएगी। अब तक इस बारे में मंत्रालय ने कोई भी निर्णय नहीं लिया है।
कुतुब मीनार विवाद
ज्ञानवापी मस्जिद विवाद के साथ ही कुतुब मीनार को लेकर भी विवाद सामने आया। एएसआई के पूर्व क्षेत्रीय निदेशन धर्मवीर शर्मा ने दावा किया है कि कुतुब मीनार नहीं बल्कि एक सन टावर (वेधशाला टावर) है। इसका निर्माण कुतुब अल-दीन ऐबक द्वारा नहीं बल्कि 5वीं शताब्दी में राजा विक्रमादित्य द्वारा किया गया था। उन्होंने कहा कि इस बारे में मेरे पास काफी सबूत हैं और एएसआई की तरफ से मैंने कई बार कुतुब मीनार का सर्वे किया है। कुतुब मीनार की मीनार में 25 इंच का झुकाव है। ऐसा इसलिए है क्योंकि इसे सूर्य का निरीक्षण करने के लिए बनाया गया था। 21 मई को संस्कृति मंत्रालय के सचिव गोविंद मोहन ने तीन इतिहासकारों, चार एएसआई अधिकारियों और शोधकर्ताओं के साथ साइट का दौरा किया। एएसआई के अधिकारियों ने सचिव को बताया कि कुतुब मीनार परिसर में 1991 के बाद से खुदाई का काम नहीं हुआ है।
हिंदू-जैन मंदिर होने का दावा
इससे पहले, विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के प्रवक्ता विनोद बंसल ने दावा किया था कि कुतुब मीनार वास्तव में 'विष्णु स्तम्भ' था और संरचना का निर्माण 27 हिंदू-जैन मंदिरों को ध्वस्त करने के बाद प्राप्त सामग्री से किया गया था। बीते दिनों हिंदू संगठनों ने कुतुबमीनार का नाम बदलकर विष्णु स्तंभ करने की मांग को लेकर कुतुबमीनार के ठीक सामने प्रदर्शन किया।