Bihar Politics में बड़े बदलाव के संकेत, Nitish Kumar और Chirag Paswan को साथ लाने में क्या सफल हो पाएंगे तेजस्वी यादव?

By गौतम मोरारका | Apr 10, 2023

बिहार की राजनीति में क्या होने वाला है कोई उलटफेर? यह सवाल हम इसलिए पूछ रहे हैं क्योंकि कल तक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के धुर विरोधी रहे सांसद चिराग पासवान के रुख में परिवर्तन आ गया है। चिराग पासवान जहां भाजपा को चुनौती देते हुए कह रहे हैं कि वह भी लोकसभा चुनावों में अपनी पार्टी के 40 उम्मीदवार उतारेंगे। वहीं नीतीश कुमार के उन्होंने पैर छू लिये हैं। माना जा रहा है कि नीतीश कुमार और चिराग पासवान को करीब लाने का जिम्मा तेजस्वी यादव ने उठाया है। हम आपको बता दें कि नीतीश कुमार और चिराग पासवान की मुलाकात तेजस्वी यादव की ओर से दी गयी इफ्तार पार्टी में हुई।


हम आपको बता दें कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार रविवार शाम अपने सरकारी आवास से पैदल ही टहलते हुए निकले और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की ओर से आयोजित इफ्तार पार्टी में पहुंच गए। इस दौरान वीआईपी काफिला उनके साथ नहीं था। बिहार में ‘महागठबंधन’ सरकार का नेतृत्व कर रहे नीतीश कुमार मुस्कुराते हुए दावत स्थल तक पहुंचे। इस दौरान नीतीश कुमार के करीबी तथा जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन उर्फ लल्लन और नीतीश कुमार के संकटमोचक कहे जाने वाले मंत्री विजय कुमार चौबे उनके साथ थे। पठानी सूट पहने उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने फूलों का गुलदस्ता देकर उनका स्वागत किया और फिर मेहमानों को टोपी पहनाई। नीतीश कुमार और उनके करीबी जब तेजस्वी यादव और राबड़ी देवी के करीब कुर्सियों पर बैठे तभी अचानक चिराग पासवान के आने से उत्साह की लहर दौड़ गई, जो एक समय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लगातार निशाना बनाकर सुर्खियों में आए थे।


हालांकि इस दौरान चिराग पासवान ने सभी मतभेदों को किनारे रखकर अपने पिता दिवंगत रामविलास पासवान के पुराने साथी रहे नीतीश कुमार के पैर छुए। बाद में चिराग पासवान ने पत्रकारों से कहा, “लालू प्रसाद और उनके परिवार से मेरे पारिवारिक संबंध हैं, लिहाजा मैं हर साल यहां आता हूं। नीतीश कुमार से नीतियों के आधार पर मेरे मतभेद रहे हैं, व्यक्तिगत आधार पर नहीं।” हम आपको याद दिला दें कि जमुई से सांसद चिराग पासवान, नीतीश कुमार पर आजीवन उनके पिता का अपमान करने का आरोप लगा चुके हैं। हालांकि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की खुलकर प्रशंसा करने के बावजूद राजनीतिक रूप से अलग-थलग पड़े हुए हैं। कुछ हालिया विधानसभा चुनावों में तो उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के लिए प्रचार भी किया है। हाल में जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बिहार में भाजपा के सभी 40 लोकसभा सीट जीतने की उम्मीद जतायी थी तो मीडिया के एक वर्ग में इसे एक संकेत माना जा रहा था कि भाजपा राज्य में अपने सहयोगी दलों को महत्व नहीं देगी, जहां उसका मुकाबला सात दलों के महागठबंधन से है। अमित शाह के बयान के बारे में पूछे जाने पर चिराग पासवान ने कहा, “मेरी पार्टी भी सभी 40 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है। हम कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेंगे यह बाद में तय किया जाएगा।” 


इस बीच, चिराग से बगावत करने वाले उनके चाचा पशुपति कुमार पारस से जब लोक जनशक्ति पार्टी के एक संवाददाता सम्मेलन में चिराग पासवान के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, “चिराग को मेरा भतीजा न कहें। हमारी रगों में बह रहा खून एक नहीं है। मेरी पार्टी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का मजबूत सहयोगी बनी रहेगी।”


बहरहाल, तेजस्वी यादव ने इस इफ्तार पार्टी के जरिए यह दिखाने की कोशिश की कि वह कम उम्र के बावजूद सियासत में लंबी पारी खेलने और सभी को साथ लेकर चलने के लिये तैयार हैं। तेजस्वी यादव द्वारा आयोजित दावत में शामिल होने वाले अन्य लोगों में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी और जन अधिकार पार्टी के संस्थापक पप्पू यादव शामिल थे। इफ्तार की दावत के दौरान चिराग और तेजस्वी आपस में गले मिले। इस दौरान हाल ही में पिता बने तेजस्वी को चिराग ने बधाई भी दी। इफ्तार के बाद तेजस्वी ने कहा कि जो लोग ऐसे आयोजनों को गलत बताते हैं दरअसल वह लोग खुद ही गलत हैं। 


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