By अंकित सिंह | Jun 19, 2023
बिहार में महागठबंधन से अलग होने के बाद हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा और जीतन राम मांझी को लेकर हर रोज अलग-अलग तरह की अटकलें लगाई जा रही है। बड़ा सवाल यही है कि आगामी चुनाव को देखते हुए जीतन राम मांझी किस ओर जाएंगे। बिहार की मौजूदा राजनीतिक परिदृश्य को समझते हुए एक बात तो साफ है कि अगर महागठबंधन के साथ जीतन राम मांझी नहीं है तो वह एनडीए के साथ आ सकते हैं। हालांकि, जीतन राम मांझी और उनकी पार्टी की ओर से इसको लेकर साफ नहीं कहा जा रहा है लेकिन इतना जरूर कहा जा रहा है कि आने वाले दिनों में हम इसको लेकर बड़ा फैसला लेंगे।
फिलहाल हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व में बिहार में मंत्री रहे संतोष सुमन दिल्ली आ रहे हैं। संतोष सुमन के इस्तीफे के बाद ही बिहार में नीतीश कुमार और मांझी का टकराव शुरू हुआ था। संतोष सुमन ने कहा कि हम दिल्ली जा रहे हैं। दिल्ली में हमारे विकल्प खुले हुए हैं। हम सभी विकल्पों पर विचार करेंगे। उन्होंने कहा कि निश्चित तौर पर अगर हमें NDA से बुलावा आया तो उनके नेताओं से भी बात करेंगे लेकिन हम थर्ड फ्रंट की भी बात करेंगे। संतोष सुमन ने कहा कि बहुत सी पार्टियां हैं, उनसे भी हमारी बात होगी। आज हम लिखित तौर पर सरकार से अपना समर्थन वापस लेंगे।
हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के संस्थापक जीतन राम मांझी ने नीतीश कुमार पर अपने पुत्र संतोष सुमन के राज्य मंत्रिमंडल से बाहर हो जाने का ठीकरा फोड़ा था। उन्होंने कहा था कि मैं इस महीने की शुरुआत में नीतीश कुमार से मिला था। मेरे साथ मेरी पार्टी के विधायक थे जो अपने संबंधित निर्वाचन क्षेत्रों के बारे में कुछ चिंताओं को साझा करना चाहते थे। बैठक 45 मिनट तक चली और उस दौरान हमारी पार्टी का जदयू में विलय पर मुख्यमंत्री जोर देते रहे। गठबंधन को लेकर उन्होंने कहा था कि हम 18 जून को अपनी पार्टी की कार्यकारिणी बैठक के बाद भविष्य की कार्रवाई तय करेंगे। हालांकि, फिलहाल यह बैठक टाल दी गई है।