By अभिनय आकाश | Oct 14, 2024
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर के पाकिस्तान आगमन को लेकर इस्लामाबाद में इस समय ज्यादा बड़ी तैयारियां हो रही हैं। एससीओ की बैठक से ज्यादा पाकिस्तान में इस वक्त ये ज्यादा महत्वपूर्ण है कि भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर इस्लामाबाद पहुंच रहे हैं। अपनी हाजिर जवाबी के लिए पूरी दुनिया में मशहूर जयशंकर इस बार पाकिस्तान में होंगे। भारत के स्वागत को लेकर पाकिस्तान कैसी तैयारियां कर रहा है? जब ये सवाल पूछा गया तो पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने जवाब दिया। 9 साल के बाद पहली बार है जब किसी भारतीय विदेश मंत्री का दौरा हो रहा है। इस बैठक पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं। जयशंकर के साथ पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की मुलाकात ऐतिहासिक मानी जा रही है। इन सब के बीच पाकिस्तान के उपप्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार भारत को लेकर उम्मीद जता रहे हैं। जब भारत के विदेश मंत्री पाकिस्तान पहुंच रहे हैं तो ये सबसे बड़ा सवाल बना हुआ है कि क्या दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय मुलाकात होगी? हालांकि विदेश मंत्री एस जयशंकर साफ कर चुके हैं कि वो कोई द्विपक्षीय वार्ता के लिए पाकिस्तान नहीं जा रहे हैं।
अभी से कुछ ही देर बाद डॉ. एस जयशंकर पाकिस्तान की जमीन पर होंगे। शंघाई कॉरपोरेशन ऑर्गनाइजेशन की बैठक में हिस्सा लेने के लिए भारत के विदेश मंत्री पाकिस्तान पहुंच रहे हैं। मंगलवार शाम तक जयशंकर पाकिस्तान पहुंच जाएंगे और कल पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने उस खास डिनर का आयोजन किया है जिसमें सभी डेह ऑफ स्टेट को आमंत्रित किया गया है। एससीओ के सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व एस जयशंकर कर रहे हैं। ऐसे में कहा जा रहा है कि भारत के विदेश मंत्री जयशंकर भी शहबाज शरीफ के इस डिनर में हिस्सा ले सकते हैं। शहबाज शरीफ की तरफ से आयोजित इस डिनर में एससीओ के आमंत्रित देशों का प्रतिनिधिमंडल हिस्सा लेगा। ये डिनर खास मानी जा रही है। इस पर अभी सस्पेंस बना हुआ है कि जो डिनर शहबाज शरीफ के साथ होने वाला है उसमें भारतीय प्रतिनिधिमंडल भी हिस्सा लेगा। क्या जयशंकर भी शहबाज के साथ डिनर करेंगे।
जयशंकर की पाकिस्तान की यात्रा महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि इसे भारत की ओर से एक अहम निर्णय के रूप में देखा जा रहा है। एक कार्यक्रम में अपने हालिया संबोधन में जयशंकर ने कहा था किसी भी पड़ोसी देश की तरह भारत निश्चित रूप से पाकिस्तान के साथ बेहतर संबंध चाहेगा। लेकिन यह सीमापार आतंकवाद को नजरअंदाज करके और ऐसी (सीमा पार आतंकवाद खत्म करने की) इच्छा करने से नहीं हो सकता। इस सम्मेलन के लिए वरिष्ठ मंत्री को भेजने का फैसला एससीओ के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। फरवरी 2019 में पुलवामा आतंकी हमले के जवाब में भारत के लड़ाकू विमानों द्वारा पाकिस्तान के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी प्रशिक्षण शिविर पर बमबारी के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों में जबरदस्त तनाव आ गया था।
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