By अभिनय आकाश | Nov 07, 2024
अमेरिका में बिना दस्तावेज के रहने वालों में भारतीयों के समूह को तीसरा सबसे बड़ा समूह माना जाता है। डोनाल्ड ट्रंप ने वादा किया था कि वो अगर सत्ता में आते हैं तो बिना दस्तावेज के रह रहे लोगों और घुसपैठियों को बाहर करेंगे। ऐसे में भारतीयों पर कोई संकट आता है तो भारत सरकार की क्या योजना है? प्रभासाक्षी के सवाल पर विदेश मंत्रालय ने कहा कि हमारी नीति ये है कि अवैध आप्रवासन को हमें बढ़ावा नहीं देना है। हम चाहते हैं कि लीगल तौर पर हमारे लोग बाहर जाएं। भारत को आज एक स्किल कैपिटल के तौर पर जाना जाता है, देखा जाता है। हमारे यहां से इंजीनियर से लेकर प्रोफेशनल्स दुनिया के हर कोने में जा रहे हैं।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि ऐसे समय में हम चाहते हैं कि और नए नए रास्ते हमारे लोगों के लिए खुले। इससे न केवल बाहर में हमारे लोगों को अवसर मिल रहा है बल्कि हमारा व्यवसाय, तकनीक को लेकर गठजोड़ भी मजबूत होता है। कुछ लोग अमेरिका से लाए गए जो अवैध रूप से रह रहे थे। हमारी तो बातचीत चल रही है उनसे और हम चाहेंगे कि वहां सही दस्तावेज के बिना अवैध रूप से रह रहे लोगों को वापस आना चाहिए। इस मुद्दे पर हमारी अमेरिका से बात हो रही है।
गौरतलब है कि 22 अक्टूबर को भारतीय नागरिकों को भारत वापस भेजने के लिए एक चार्टर्ड फ्लाइट का इस्तेमाल किया है। भारत से अमेरिका में कानूनी प्रवास के लिए और अधिक रास्ते बनाने के लिए ऐसा किया जा रहा है। चार्टर्ड फ्लाइट से भारतीय नागरिकों का हालिया निर्वासन इस सहयोग का परिणाम है। इस तरह के निर्वासन कई वर्षों से हो रहे हैं।
दक्षिण-पश्चिमी सीमा पर प्रवेश के बंदरगाहों के बीच मुठभेड़ों में 55 प्रतिशत की कमी आई है। होमलैंड सुरक्षा विभाग के बयान में कहा गया है कि जून 2024 से, डीएचएस ने 160,000 से अधिक व्यक्तियों को हटाया या वापस भेजा, इसमें भारत समेत 145 से अधिक देशों में 495 से अधिक अंतर्राष्ट्रीय प्रत्यावर्तन उड़ानें संचालित कीं।